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ब्लॉग संख्या :-530
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9/10/2019
शीर्षक- अभियान
विधा- विजात छंद (14 मात्राएं)
1222 1222
नया संधान भारत का।
नया अभियान भारत का।।
सफलता की नयी सीढ़ी।
चकित होती गयी पीढ़ी।
कसौटी है खरी पाई।
सुहानी है घड़ी आई।।
ग्रहों का ज्ञान पा जाएं।
नयी बस्ती बसा जाएं।।
शालिनी अग्रवाल
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
शीर्षक- अभियान
विधा- विजात छंद (14 मात्राएं)
1222 1222
नया संधान भारत का।
नया अभियान भारत का।।
सफलता की नयी सीढ़ी।
चकित होती गयी पीढ़ी।
कसौटी है खरी पाई।
सुहानी है घड़ी आई।।
ग्रहों का ज्ञान पा जाएं।
नयी बस्ती बसा जाएं।।
शालिनी अग्रवाल
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
दिनांक- 9/10/2019
विषय- "अभियान"
विधा- हाइकु
**************
(1)
कार्य महान
स्वच्छता अभियान
अच्छी पहल
(2)
छोड़िये आज
सफल अभियान
गुटखा पान
(3)
बेटी बचाओ
हमारा अभियान
देश महान
(3)
गरीबी हटें
भ्रष्टाचार मिटाओ
हो अभियान
(4)
है अभियान
भारतीय संस्कृति
हमेशा रहे
(5)
ये अभियान
शिक्षा का अधिकार
मिले सबको
स्वरचित- *संगीता कुकरेती*
विषय- "अभियान"
विधा- हाइकु
**************
(1)
कार्य महान
स्वच्छता अभियान
अच्छी पहल
(2)
छोड़िये आज
सफल अभियान
गुटखा पान
(3)
बेटी बचाओ
हमारा अभियान
देश महान
(3)
गरीबी हटें
भ्रष्टाचार मिटाओ
हो अभियान
(4)
है अभियान
भारतीय संस्कृति
हमेशा रहे
(5)
ये अभियान
शिक्षा का अधिकार
मिले सबको
स्वरचित- *संगीता कुकरेती*
विषय अभियान
विधा लघुकव्य
09 अक्टूबर 2019,बुधवार
सबका साथ सबका विकास
यह अभियान साकारित हो।
शिक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण
सुख शांति जग आकारित हो।
मंहगाई गगनचुम्बी बन रही
खून पसीना कृषक बह गया।
बातें सारी व्यर्थ हो रही है
श्रमिक हाथ नवेला छिन गया।
हर हाथ में स्वैछिक काम हो
हर जिव्हा पर राम नाम हो।
हो अभियान आदर्श भारत में
सुख शांति आनंद धाम हो।
करो कर्म शुभ ,त्यागो फल को
उच्च लक्ष्य पर निगाह तो डालो।
संकल्पित हो अभियान चलाओ
सारे सुख जगति के तुम पालो।
स्वरचित, मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान।
विधा लघुकव्य
09 अक्टूबर 2019,बुधवार
सबका साथ सबका विकास
यह अभियान साकारित हो।
शिक्षा स्वास्थ्य और पर्यावरण
सुख शांति जग आकारित हो।
मंहगाई गगनचुम्बी बन रही
खून पसीना कृषक बह गया।
बातें सारी व्यर्थ हो रही है
श्रमिक हाथ नवेला छिन गया।
हर हाथ में स्वैछिक काम हो
हर जिव्हा पर राम नाम हो।
हो अभियान आदर्श भारत में
सुख शांति आनंद धाम हो।
करो कर्म शुभ ,त्यागो फल को
उच्च लक्ष्य पर निगाह तो डालो।
संकल्पित हो अभियान चलाओ
सारे सुख जगति के तुम पालो।
स्वरचित, मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान।
विधा--ग़ज़ल
पहला प्रयास
😁😂
एक अभियान चलाया जाय
मानव मानव बनाया जाय ।।
मानकता का मापदण्ड पर
किसको यहाँ ठहराया जाय ।।
राम पर भी लांछन लगे हैं
सीता को कहाँ पाया जाय ।।
क्यों न पहले मन के कुतर्कों -
को इक इक कर जलाया जाय ।।
इंसानियत के दुश्मन जो हैं
उनका फ़ेहरिस्त बनाया जाय ।।
अभियान कुछ ज्यादा जटिल है
चलो यह घर में बताया जाय ।।
पहले पत्नि का ही हस्ताक्षर
इस अभियान पर कराया जाय ।।
विरोधाभास नही खत्म 'शिवम'
चाहे कितना न मनाया जाय ।।
पत्नि पर जीत बड़ी जीत है
घर ही स्वर्ग सा सजाया जाय ।।
पहला प्रयास
😁😂
एक अभियान चलाया जाय
मानव मानव बनाया जाय ।।
मानकता का मापदण्ड पर
किसको यहाँ ठहराया जाय ।।
राम पर भी लांछन लगे हैं
सीता को कहाँ पाया जाय ।।
क्यों न पहले मन के कुतर्कों -
को इक इक कर जलाया जाय ।।
इंसानियत के दुश्मन जो हैं
उनका फ़ेहरिस्त बनाया जाय ।।
अभियान कुछ ज्यादा जटिल है
चलो यह घर में बताया जाय ।।
पहले पत्नि का ही हस्ताक्षर
इस अभियान पर कराया जाय ।।
विरोधाभास नही खत्म 'शिवम'
चाहे कितना न मनाया जाय ।।
पत्नि पर जीत बड़ी जीत है
घर ही स्वर्ग सा सजाया जाय ।।
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 09/10/2019
9 /10/2019
बिषय अभियान
वर्तमान में चल रहा अभियान
अति श्रेष्ठतम अति महान
स्वच्छ रहें तो रहें निरोग
स्वस्थ रहने करिए योग
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
पुरुषों के कदम से कदम मिलाओ
आरक्षण को जड़ से हटाओ
देश को समृद्ध बनाओ
अधिक से अधिक पेड़ लगाओ
हरित क्रांति को अपनाओ
रहे न कोई भूखा नंगा
समानता की बहे गंगा
वर्तमान में संवारें भविष्य सजेगा
तभी तो देश आगे बढ़ेगा
स्वरचित,, सुषमा, ब्यौहार
बिषय अभियान
वर्तमान में चल रहा अभियान
अति श्रेष्ठतम अति महान
स्वच्छ रहें तो रहें निरोग
स्वस्थ रहने करिए योग
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
पुरुषों के कदम से कदम मिलाओ
आरक्षण को जड़ से हटाओ
देश को समृद्ध बनाओ
अधिक से अधिक पेड़ लगाओ
हरित क्रांति को अपनाओ
रहे न कोई भूखा नंगा
समानता की बहे गंगा
वर्तमान में संवारें भविष्य सजेगा
तभी तो देश आगे बढ़ेगा
स्वरचित,, सुषमा, ब्यौहार
दिनांक...........09/10/2019
विषय ............ *अभियान*
विधा...............कविता
||||~~~~~~||||~~~~~||||~~~~||||
*अभियान*
*स्वच्छ प्यारा भारत हो ,*
*मिलकर करें सब काम।*
*जग में भारत रौशन हो ,*
*भारत बने सुंदर धाम।*
जल दूषित हो रहा है,
करे पान पशु नर नारी।
अन्न भी दुषित हो गया,
कर भोजन लगे बीमारी।
*स्वच्छ भारत का सपना,*
*गांधी लाल ने देखा था।*
*सपना साकार करने को,*
*मोदी अभियान छेड़ा था।*
सबका साथ सबका विकास ,
मोदी अभियान हिन्द में जारी है।
विश्व जगत में सुख शांति रखने,
भारतवासियों ने की तैयारी है।
कारखाने से निकली धुआँ,
जन धमनी में जमने लगी।
श्वसन संबंधी बीमारी ,
काल ग्रसित करने लगी।
हो रही पेड़ो की कटाई,
वन सम्पदा कहाँ से आयेगी।
और प्राण रक्षक दवाई,
दुर्लभ जड़ी बूटियाँ खो जायेगी।
*वन संरक्षण कर धरा का श्रृंगार करो।*
*पर्यावरण कर प्राण वायु स्वच्छ करो।*
शोर शराबा रात दिन,
करती कर्कश नाद।
वाहन धीरे चलाइये,
कटे हर अभिषाप।
*स्वच्छ भारत हो हर घर का गहना,*
*कहता मोदी मन की बात।*
*सुदृढ़ हिन्द हो जन गण का सपना,*
*सजता गोदी तन के साथ।*
*(स्वलिखित)*
*कन्हैया लाल श्रीवास*
भाटापारा छ.ग.
विषय ............ *अभियान*
विधा...............कविता
||||~~~~~~||||~~~~~||||~~~~||||
*अभियान*
*स्वच्छ प्यारा भारत हो ,*
*मिलकर करें सब काम।*
*जग में भारत रौशन हो ,*
*भारत बने सुंदर धाम।*
जल दूषित हो रहा है,
करे पान पशु नर नारी।
अन्न भी दुषित हो गया,
कर भोजन लगे बीमारी।
*स्वच्छ भारत का सपना,*
*गांधी लाल ने देखा था।*
*सपना साकार करने को,*
*मोदी अभियान छेड़ा था।*
सबका साथ सबका विकास ,
मोदी अभियान हिन्द में जारी है।
विश्व जगत में सुख शांति रखने,
भारतवासियों ने की तैयारी है।
कारखाने से निकली धुआँ,
जन धमनी में जमने लगी।
श्वसन संबंधी बीमारी ,
काल ग्रसित करने लगी।
हो रही पेड़ो की कटाई,
वन सम्पदा कहाँ से आयेगी।
और प्राण रक्षक दवाई,
दुर्लभ जड़ी बूटियाँ खो जायेगी।
*वन संरक्षण कर धरा का श्रृंगार करो।*
*पर्यावरण कर प्राण वायु स्वच्छ करो।*
शोर शराबा रात दिन,
करती कर्कश नाद।
वाहन धीरे चलाइये,
कटे हर अभिषाप।
*स्वच्छ भारत हो हर घर का गहना,*
*कहता मोदी मन की बात।*
*सुदृढ़ हिन्द हो जन गण का सपना,*
*सजता गोदी तन के साथ।*
*(स्वलिखित)*
*कन्हैया लाल श्रीवास*
भाटापारा छ.ग.
नमन -भावो के मोती
दिनांक -09/10/2029
विषय-अभियान
ज्ञान की ज्योति लेकर
द्वार द्वार जाएंगे।
ध्रुव सत्य, निष्ठा का बल
घर घर अलख जगायेंगे।।
ज्ञान की गंगा ,गौरव महिमा
जागृति का शंख बजाएंगे।
चर्तुदिशाएं यश गान करेंगी
मंजिल तय करके दिखाएंगे।।
श्रम से माटी को सोना
धरती को हम स्वर्ग बनाएंगे।
दिनकर का करेंगे प्रभात फेरी
ज्ञान का दीपक घर-घर जलाएंगे।।
क्या दर्द, क्या भूख, क्या प्यास
गैरों के दुःख में हाथ बटायेगें।।
मौलिक रचना
सत्य प्रकाश सिंह प्रयागराज
दिनांक -09/10/2029
विषय-अभियान
ज्ञान की ज्योति लेकर
द्वार द्वार जाएंगे।
ध्रुव सत्य, निष्ठा का बल
घर घर अलख जगायेंगे।।
ज्ञान की गंगा ,गौरव महिमा
जागृति का शंख बजाएंगे।
चर्तुदिशाएं यश गान करेंगी
मंजिल तय करके दिखाएंगे।।
श्रम से माटी को सोना
धरती को हम स्वर्ग बनाएंगे।
दिनकर का करेंगे प्रभात फेरी
ज्ञान का दीपक घर-घर जलाएंगे।।
क्या दर्द, क्या भूख, क्या प्यास
गैरों के दुःख में हाथ बटायेगें।।
मौलिक रचना
सत्य प्रकाश सिंह प्रयागराज
दिनांक 09.10.2019
विषय: अभियान
विधा : पद (छंदमुक्त कविता)
शुरुआत
देखा तो
आश्चर्य हुआ
विज्ञापनों से लथपथ
टूटा ,लटका हुआ
बिना हैंडल का दरवाजा
तिरछे टपकते नल से
निरंतर बहता हुआ पानी
रोशनदान पर पड़ी
खाली माचिसें
तंबाकू की पुड़ियाँ
दीवार पर चित्रकारी एवं सुझाव
जलते बल्ब पर मकड़ी का जाला
मक्खी मच्छरों की भनकारों से
भरा देख ....
वो नजारा
सोचा व महसूस किया कि....
क्यों नहीं करते हैं यहीं से
स्वच्छ भारत की शुरुआत
सब मिलकर एक साथ
ऐसे लिखने से कुछ नहीं होगा
सुंदर ,चमकीली शब्दों में
सार्वजनिक सुलभ शौचालय
नफे सिंह योगी मालड़ा ©
स्वरचित रचना
मौलिक
विषय: अभियान
विधा : पद (छंदमुक्त कविता)
शुरुआत
देखा तो
आश्चर्य हुआ
विज्ञापनों से लथपथ
टूटा ,लटका हुआ
बिना हैंडल का दरवाजा
तिरछे टपकते नल से
निरंतर बहता हुआ पानी
रोशनदान पर पड़ी
खाली माचिसें
तंबाकू की पुड़ियाँ
दीवार पर चित्रकारी एवं सुझाव
जलते बल्ब पर मकड़ी का जाला
मक्खी मच्छरों की भनकारों से
भरा देख ....
वो नजारा
सोचा व महसूस किया कि....
क्यों नहीं करते हैं यहीं से
स्वच्छ भारत की शुरुआत
सब मिलकर एक साथ
ऐसे लिखने से कुछ नहीं होगा
सुंदर ,चमकीली शब्दों में
सार्वजनिक सुलभ शौचालय
नफे सिंह योगी मालड़ा ©
स्वरचित रचना
मौलिक
09/10/2019
"अभियान"
################
देश में अभियान चलाए तो बहुत सारे हैं.....
लेकिन पूर्ण रुपेन कोई भी सफल न हो पाए हैं......
हाथों में झाड़ू लिए सेलिब्रिटी दिख जाते हैं....
रातों को लालटेन की रौशनी में सजा कर बिठाए जाते हैं..
किसी एक बेटी को पुस्तक संग विज्ञापन में दिखाए जाते है..
प्रसिद्ध व्यक्ति गंगा-यमुना की
अराधना करते दिख जाते हैं..
लेकिन हमनें कभी न सोचा..
कितना कामयाब हो पाए हैं..
हम इक-दूजे पर दोषारोप..
करते रहेंं....
सिस्टम को तोड़ते-मरोड़ते रहे....
कभी हमनें ये न सोचा......
हमनें क्या योगदान किया...
सर्वप्रथम अपनी मानसिकता सुधार कर....
अपने घर से ही अभियान चलाए...
एक-एक ईकाई को जोड़ते जाएँ..
खुद को सही मायने में राष्ट्र का हिस्सा बनाएँ....।।
स्वरचित पूर्णिमा साह
पश्चिम बंगाल ।।
"अभियान"
################
देश में अभियान चलाए तो बहुत सारे हैं.....
लेकिन पूर्ण रुपेन कोई भी सफल न हो पाए हैं......
हाथों में झाड़ू लिए सेलिब्रिटी दिख जाते हैं....
रातों को लालटेन की रौशनी में सजा कर बिठाए जाते हैं..
किसी एक बेटी को पुस्तक संग विज्ञापन में दिखाए जाते है..
प्रसिद्ध व्यक्ति गंगा-यमुना की
अराधना करते दिख जाते हैं..
लेकिन हमनें कभी न सोचा..
कितना कामयाब हो पाए हैं..
हम इक-दूजे पर दोषारोप..
करते रहेंं....
सिस्टम को तोड़ते-मरोड़ते रहे....
कभी हमनें ये न सोचा......
हमनें क्या योगदान किया...
सर्वप्रथम अपनी मानसिकता सुधार कर....
अपने घर से ही अभियान चलाए...
एक-एक ईकाई को जोड़ते जाएँ..
खुद को सही मायने में राष्ट्र का हिस्सा बनाएँ....।।
स्वरचित पूर्णिमा साह
पश्चिम बंगाल ।।
दिन :- बुधवार
दिनांक :- 09/10/2019
विषय :- अभियान
है
प्रण
सफल
चंद्रयान
अनुसंधान
महा अभियान
अमर कीर्तिमान
है
शौर्य
अखंड
जय हिंद
राष्ट्र सम्मान
बना अभियान
वंदे मातरम् गान
स्वरचित :- मुकेश राठौड़
दिनांक :- 09/10/2019
विषय :- अभियान
है
प्रण
सफल
चंद्रयान
अनुसंधान
महा अभियान
अमर कीर्तिमान
है
शौर्य
अखंड
जय हिंद
राष्ट्र सम्मान
बना अभियान
वंदे मातरम् गान
स्वरचित :- मुकेश राठौड़
दिन, बुधवार
दिनांक, 9, 10,2019,
अभियान चलाये गये कितने ही,
रोज नईं बातें होतीं हैं ।
अलग-अलग सरकारें बनतीं ,
योजनाएं नईं नित आतीं हैं।
चला गरीबी हटाओ अभियान,
पर नहीं गरीबी मिट पाई है।
छोटा परिवार सुखी परिवार,
पहल नहीं ये चल पाई है ।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ ,
की बात समझ न आई है।
सबका साथ सबका विकास,
नबाबों को बात न भायी है।
स्वच्छता अभियान की शुरुआत,
इसने भी हाय तोवा मचाई है।
जल ही जीवन आया पसंद नहीं,
पेड़ बचाओ भी स्वीकार नहीं है ।
अभियान चलाना है जन सेवा,
पर जनता को खुशी नहीं है।
जनता नहीं चाहती है सुनना,
आदत अनदेखी की बनी है।
होता लक्ष्य अभियान का उत्तम,
सहयोग सभी का रहे जरूरी है।
एक अभियान चलायें ऐसा,
अनिवार्य साक्षरता करना है।
नियम पालन जो न करते हों।
दण्ड सुनिश्चित कर देना है ।
हैं भ्रष्टाचारी देश द्रोही जो ,
देश निकाला उन्हें मिलना है ।
जो बुरी नजर डालें स्त्रियों पे ,
नेत्रहीन नपुंसक कर देना है।
सुधार न होगा यूँ नरमाई से ,
दण्ड कठोर क्रियान्वित करना है।
अभियान चलाये हम सब मिलकर,
सर्वोपरि देशभक्ति रखना है ।
स्वरचित , मीना शर्मा , मध्यप्रदेश ,
दिनांक, 9, 10,2019,
अभियान चलाये गये कितने ही,
रोज नईं बातें होतीं हैं ।
अलग-अलग सरकारें बनतीं ,
योजनाएं नईं नित आतीं हैं।
चला गरीबी हटाओ अभियान,
पर नहीं गरीबी मिट पाई है।
छोटा परिवार सुखी परिवार,
पहल नहीं ये चल पाई है ।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ ,
की बात समझ न आई है।
सबका साथ सबका विकास,
नबाबों को बात न भायी है।
स्वच्छता अभियान की शुरुआत,
इसने भी हाय तोवा मचाई है।
जल ही जीवन आया पसंद नहीं,
पेड़ बचाओ भी स्वीकार नहीं है ।
अभियान चलाना है जन सेवा,
पर जनता को खुशी नहीं है।
जनता नहीं चाहती है सुनना,
आदत अनदेखी की बनी है।
होता लक्ष्य अभियान का उत्तम,
सहयोग सभी का रहे जरूरी है।
एक अभियान चलायें ऐसा,
अनिवार्य साक्षरता करना है।
नियम पालन जो न करते हों।
दण्ड सुनिश्चित कर देना है ।
हैं भ्रष्टाचारी देश द्रोही जो ,
देश निकाला उन्हें मिलना है ।
जो बुरी नजर डालें स्त्रियों पे ,
नेत्रहीन नपुंसक कर देना है।
सुधार न होगा यूँ नरमाई से ,
दण्ड कठोर क्रियान्वित करना है।
अभियान चलाये हम सब मिलकर,
सर्वोपरि देशभक्ति रखना है ।
स्वरचित , मीना शर्मा , मध्यप्रदेश ,
भावों के मोती
विषय-अभियान
विधा-लघुकथा(हास्य-व्यंग्य)
==========
अरे पांडे जी...जी हुजूर..? कल के सफाई अभियान की सब तैयारी हो गई क्या...? जी हुजूर..सारी तैयारी हो चुकी हैं। मीडिया को बुलावा भेज दिया गया है। कुछ मंत्रीगण, जिन्हें आपने बुलाने के लिए कहा है। उन्हें भी बुलावा भेज दिया।
और जहाँ सफाई अभियान करने वाले हैं वो जगह साफ करवाली की नहीं। जी हुजूर सारी सफाई हो चुकी है। दिखावे के लिए सूखे पत्ते,कागज के टुकड़े वगैरह जमा कर लिया है। सुबह अंधेरे ही हमारी टीम वो सब सड़क पर डाल देंगे। बहुत बढ़िया पांडे जी सही जा रहे हो। बहुत जल्दी मंत्री बन जाओगे।सब आपकी संगत का असर है हुजूर।
दूसरे दिन सुबह सबेरे सफाई अभियान शुरू हो गया। मीडिया आई बयान बाजी हुई, फोटो-सोटो खिंचीं। मीडिया के जाते ही, अरे पांडे जी.. जी हुजूर सबके चाय-नाश्ते का प्रबंध करो। जी मंत्री जी सारी व्यवस्था है। चाय-नाश्ता शुरू हो गया,थोड़ी देर में सड़क खाली हो गई।
सफाई अभियान खतम हो चुका था। गवाही देने के लिए नाश्ते की प्लेट्स सड़क के किनारे पड़ी थी।आम जनता के आने-जाने के लिए सड़क पर लगे बैरिकेड हट चुके थे। लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी।
लोगों में सफाई अभियान की चर्चा शुरू हो गई थी।हमने सुना आज यहाँ कहीं सफाई अभियान होने वाला था। लगता है कार्यक्रम रद्द हो गया।अरे भाई कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ है..बल्कि पूरी तरह सफल हो गया यह देखो चाय नाश्ते का बिखरा कचरा।
एक महोदय बीच में बोल पड़े। अरे तुमने ब्रेकिंग न्यूज नहीं सुनी। फला-फला सड़क पर आज जोर-शोर से सफाई अभियान चलाया गया। हमेशा गंदी रहने वाली सड़क आज शीशे सी चमक उठी।
काहे सुबह-सुबह मजाक कर रहे हो भाई।मजाक नहीं है सच्चाई है, घर जाकर समाचार सुन लेना।वाह मंत्री जी कचरा हटा हो या ना हटा हो पर ख़बरें सुर्खियों में रहेंगी दिनभर।
***अनुराधा चौहान*** स्वरचित
विषय-अभियान
विधा-लघुकथा(हास्य-व्यंग्य)
==========
अरे पांडे जी...जी हुजूर..? कल के सफाई अभियान की सब तैयारी हो गई क्या...? जी हुजूर..सारी तैयारी हो चुकी हैं। मीडिया को बुलावा भेज दिया गया है। कुछ मंत्रीगण, जिन्हें आपने बुलाने के लिए कहा है। उन्हें भी बुलावा भेज दिया।
और जहाँ सफाई अभियान करने वाले हैं वो जगह साफ करवाली की नहीं। जी हुजूर सारी सफाई हो चुकी है। दिखावे के लिए सूखे पत्ते,कागज के टुकड़े वगैरह जमा कर लिया है। सुबह अंधेरे ही हमारी टीम वो सब सड़क पर डाल देंगे। बहुत बढ़िया पांडे जी सही जा रहे हो। बहुत जल्दी मंत्री बन जाओगे।सब आपकी संगत का असर है हुजूर।
दूसरे दिन सुबह सबेरे सफाई अभियान शुरू हो गया। मीडिया आई बयान बाजी हुई, फोटो-सोटो खिंचीं। मीडिया के जाते ही, अरे पांडे जी.. जी हुजूर सबके चाय-नाश्ते का प्रबंध करो। जी मंत्री जी सारी व्यवस्था है। चाय-नाश्ता शुरू हो गया,थोड़ी देर में सड़क खाली हो गई।
सफाई अभियान खतम हो चुका था। गवाही देने के लिए नाश्ते की प्लेट्स सड़क के किनारे पड़ी थी।आम जनता के आने-जाने के लिए सड़क पर लगे बैरिकेड हट चुके थे। लोगों की आवाजाही शुरू हो गई थी।
लोगों में सफाई अभियान की चर्चा शुरू हो गई थी।हमने सुना आज यहाँ कहीं सफाई अभियान होने वाला था। लगता है कार्यक्रम रद्द हो गया।अरे भाई कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ है..बल्कि पूरी तरह सफल हो गया यह देखो चाय नाश्ते का बिखरा कचरा।
एक महोदय बीच में बोल पड़े। अरे तुमने ब्रेकिंग न्यूज नहीं सुनी। फला-फला सड़क पर आज जोर-शोर से सफाई अभियान चलाया गया। हमेशा गंदी रहने वाली सड़क आज शीशे सी चमक उठी।
काहे सुबह-सुबह मजाक कर रहे हो भाई।मजाक नहीं है सच्चाई है, घर जाकर समाचार सुन लेना।वाह मंत्री जी कचरा हटा हो या ना हटा हो पर ख़बरें सुर्खियों में रहेंगी दिनभर।
***अनुराधा चौहान*** स्वरचित
🙏नमन भवों के मोती🙏
9/10/2019
विषय-आयोजन
***************
बड़े बड़े भव्य आयोजन करके
हम तीज त्यौहार मनाते हैं
औरों की देखा देखी में
अपनी जेब से अधिक धन बहाते हैं
व्यर्थ के आडंबर से दूर रह कर
हितकारी सार्थक कार्य करना है
सदाचार ईमानदारी से
छोटे बड़े आयोजनों को सफल बनाना है
स्वच्छ भारत के आयोजन में
सहयोग सभी को करना है
महज बातों से ही नहीं
कर्म सभी को करना है
सरकार का ही दायित्व नहीं
निज कर्तव्य सभी को निभाना है
कोई भी अभियान या आयोजन हो
सफल हमें भी बनाना है ।।
**वंदना सोलंकी**©स्वरचित®
9/10/2019
विषय-आयोजन
***************
बड़े बड़े भव्य आयोजन करके
हम तीज त्यौहार मनाते हैं
औरों की देखा देखी में
अपनी जेब से अधिक धन बहाते हैं
व्यर्थ के आडंबर से दूर रह कर
हितकारी सार्थक कार्य करना है
सदाचार ईमानदारी से
छोटे बड़े आयोजनों को सफल बनाना है
स्वच्छ भारत के आयोजन में
सहयोग सभी को करना है
महज बातों से ही नहीं
कर्म सभी को करना है
सरकार का ही दायित्व नहीं
निज कर्तव्य सभी को निभाना है
कोई भी अभियान या आयोजन हो
सफल हमें भी बनाना है ।।
**वंदना सोलंकी**©स्वरचित®
दिनांक:09/10/2019
विषय:अभियान
बिधा: काव्य
कृषि प्रधान देश हमारा,प्रगति हमारी खेतों से
यदि किसान सम्पन्न होंगा, तभी गाँव उन्नत होगे।
उन्नत भारत अभियान है, कोशिश गाँव विकास की
हर तकनीकी संस्थानो को ,गोद लेने पाँच गाँव कोई ।
शिक्षक व विद्धाथी मिलकर, समझेंगे अडचन उनकी...
जब मिलाप होगा गाँवों का ,विकसित तकनीकी से
रूप और गुण बदल कर ,नये सुसज्जित गाँव होगे।
शुद्ध पानी, हवा,बिजली ,शिक्षा ,स्वस्थ माँ, भरे खेत
पूरा होगा स्वप्न ,पूर्ण होगा उन्नत भारत अभियान ।
अगर देखे विकसित शहरो को उनके लिए अभियान विशेष .....
यदि रहना है स्वस्थ, मानसिक व शारीरिक रूप से
आवागमन साझा व पानी को संचित करना होगा ।
ढूंढो वैकल्पिक उर्जा श्रोत ,संसाधन सीमित रक्खो। औद्योगीकरण अनुशासित हो , तभी बनेगा स्वच्छ शहर।
कोई योजना सफल न होगी, जब तक हर मानव मन से
भाग न ले बढ चढ कर ऐसे सभी अभियानों मे......
आज ले हम खुद से शपथ इंसानी फर्ज निभाएगा
देखेगे तब नही जरूरत होगी किसी अभियानों की....
स्वरचित
नीलम श्रीवास्तव
विषय:अभियान
बिधा: काव्य
कृषि प्रधान देश हमारा,प्रगति हमारी खेतों से
यदि किसान सम्पन्न होंगा, तभी गाँव उन्नत होगे।
उन्नत भारत अभियान है, कोशिश गाँव विकास की
हर तकनीकी संस्थानो को ,गोद लेने पाँच गाँव कोई ।
शिक्षक व विद्धाथी मिलकर, समझेंगे अडचन उनकी...
जब मिलाप होगा गाँवों का ,विकसित तकनीकी से
रूप और गुण बदल कर ,नये सुसज्जित गाँव होगे।
शुद्ध पानी, हवा,बिजली ,शिक्षा ,स्वस्थ माँ, भरे खेत
पूरा होगा स्वप्न ,पूर्ण होगा उन्नत भारत अभियान ।
अगर देखे विकसित शहरो को उनके लिए अभियान विशेष .....
यदि रहना है स्वस्थ, मानसिक व शारीरिक रूप से
आवागमन साझा व पानी को संचित करना होगा ।
ढूंढो वैकल्पिक उर्जा श्रोत ,संसाधन सीमित रक्खो। औद्योगीकरण अनुशासित हो , तभी बनेगा स्वच्छ शहर।
कोई योजना सफल न होगी, जब तक हर मानव मन से
भाग न ले बढ चढ कर ऐसे सभी अभियानों मे......
आज ले हम खुद से शपथ इंसानी फर्ज निभाएगा
देखेगे तब नही जरूरत होगी किसी अभियानों की....
स्वरचित
नीलम श्रीवास्तव
विषय -अभियान
दिनांक। 9-10- 2019
नारी अत्याचार के खिलाफ,अभियान चलाना होगा।
बहुत सह लिया उसने,अब इंसाफ दिलाना होगा ।।
अनंत अपमान सहे ,इतिहास इसका गवाह होगा।
उन अत्याचारों से, अब मुक्त उसे करना होगा।।
जननी बन उसने, कौनसा गुनाह किया होगा।
नहीं वह होती, तो क्या मानव जन्म हुआ होगा।।
हर नारी को सदा, सम्मान हमें देना होगा।
माँ बेटी बहु रूप में, सुरक्षित उसे रखना होगा।।
नारी शोषण के खिलाफ, एक अभियान चलाना होगा।
वरना मरेगी रोज बेटी, हर घर में मातम होगा।।
पुरुष प्रधान समाज मेरा, कब यह समझ पाएगा।
समय रहते ना समझा तो, विनाश निमंत्रण दे जाएगा।।
गाड़ी के है दो पहिए, कैसे एक तू बिसराएगा।
पलट जाएगी जीवन नैया,जब एक ना साथ निभाएगा।।
दिया नारी सम्मान तो,जग खुशहाल हो जाएगा।
नहीं जरूरत अभियान,बस हर ओर प्यारनजर आएगा।।
वीणा वैष्णव
कांकरोली
दिनांक। 9-10- 2019
नारी अत्याचार के खिलाफ,अभियान चलाना होगा।
बहुत सह लिया उसने,अब इंसाफ दिलाना होगा ।।
अनंत अपमान सहे ,इतिहास इसका गवाह होगा।
उन अत्याचारों से, अब मुक्त उसे करना होगा।।
जननी बन उसने, कौनसा गुनाह किया होगा।
नहीं वह होती, तो क्या मानव जन्म हुआ होगा।।
हर नारी को सदा, सम्मान हमें देना होगा।
माँ बेटी बहु रूप में, सुरक्षित उसे रखना होगा।।
नारी शोषण के खिलाफ, एक अभियान चलाना होगा।
वरना मरेगी रोज बेटी, हर घर में मातम होगा।।
पुरुष प्रधान समाज मेरा, कब यह समझ पाएगा।
समय रहते ना समझा तो, विनाश निमंत्रण दे जाएगा।।
गाड़ी के है दो पहिए, कैसे एक तू बिसराएगा।
पलट जाएगी जीवन नैया,जब एक ना साथ निभाएगा।।
दिया नारी सम्मान तो,जग खुशहाल हो जाएगा।
नहीं जरूरत अभियान,बस हर ओर प्यारनजर आएगा।।
वीणा वैष्णव
कांकरोली
दि.9/10/19
विषयःअभियान
*
चले नये अभियान सुधारों के।
थके न छल फिरभी मक्कारों के।
सुना शोर टी.वी. अखबारों का,
घटा न मेला कहीं कतारों का।।
बढ़ा स्वेच्छाचार , दबंगों का।
कहाँ नहीं अंबार , अड़ंगों का।
जहाँ न्याय लाचार,भला होगा कैसे,
फला स्वार्थ-व्यापार , लफंगों का।।
-डा.'शितिकंठ'
विषयःअभियान
*
चले नये अभियान सुधारों के।
थके न छल फिरभी मक्कारों के।
सुना शोर टी.वी. अखबारों का,
घटा न मेला कहीं कतारों का।।
बढ़ा स्वेच्छाचार , दबंगों का।
कहाँ नहीं अंबार , अड़ंगों का।
जहाँ न्याय लाचार,भला होगा कैसे,
फला स्वार्थ-व्यापार , लफंगों का।।
-डा.'शितिकंठ'
दिनाँक-09/10/2019
शीर्षक-अभियान
विधा-हाइकु
1.
टीकाकरण
विशेष अभियान
स्वास्थ्य के लिए
2.
वृक्षारोपण
उत्तम अभियान
पवित्र कार्य
3.
गाँव शहर
स्वच्छता अभियान
देश की शान
**********
स्वरचित
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर (झज्जर)
हरियाणा
शीर्षक-अभियान
विधा-हाइकु
1.
टीकाकरण
विशेष अभियान
स्वास्थ्य के लिए
2.
वृक्षारोपण
उत्तम अभियान
पवित्र कार्य
3.
गाँव शहर
स्वच्छता अभियान
देश की शान
**********
स्वरचित
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर (झज्जर)
हरियाणा
दिनांक -9/10/2019
विषय -अभियान
सारे अभियानों का अभिज्ञान
तुम पढ़ना इन्हें लगाकर ध्यान
ढाँचा समाज का जब डगमगाए
कोई अस्मिता पहचान खो जाए
तब तब अभियान चलाना पड़ता
लोगों को जागरूक करना पड़ता
इनके अनेक पोर्टफोलीयो बनाते
काग़ज़ी सेना संग सलाम ठोकते
उस पर विज्ञापनो की होती भरमार
नित घोषणाएँ होती रहती बेशुमार
अरबों खरबों की मुद्रा ख़र्च होती
फिर भी लोगों को समझ ना आती
नियमों को धूल में मिलाकर उड़ाते
निज भागीदारी पर क्यों मौन होते
भूल होती रहती उनसे बड़ी भारी
अंगीकार करने की जब आती बारी
जन जन मिलकर समाज बनाता
ख़ुद समाज उनसे ही अस्तित्व पाता
अभियानो से समाज अटा पड़ा है
लोगों का विवेक ज़िद पर अड़ा है
स्वयं में चेतावनी होते हैं अभियान
उदेश्य होता है मात्र जन-कल्याण !
संतोष कुमारी ‘ संप्रीति ‘
स्वरचित एवं मौलिक
विषय -अभियान
सारे अभियानों का अभिज्ञान
तुम पढ़ना इन्हें लगाकर ध्यान
ढाँचा समाज का जब डगमगाए
कोई अस्मिता पहचान खो जाए
तब तब अभियान चलाना पड़ता
लोगों को जागरूक करना पड़ता
इनके अनेक पोर्टफोलीयो बनाते
काग़ज़ी सेना संग सलाम ठोकते
उस पर विज्ञापनो की होती भरमार
नित घोषणाएँ होती रहती बेशुमार
अरबों खरबों की मुद्रा ख़र्च होती
फिर भी लोगों को समझ ना आती
नियमों को धूल में मिलाकर उड़ाते
निज भागीदारी पर क्यों मौन होते
भूल होती रहती उनसे बड़ी भारी
अंगीकार करने की जब आती बारी
जन जन मिलकर समाज बनाता
ख़ुद समाज उनसे ही अस्तित्व पाता
अभियानो से समाज अटा पड़ा है
लोगों का विवेक ज़िद पर अड़ा है
स्वयं में चेतावनी होते हैं अभियान
उदेश्य होता है मात्र जन-कल्याण !
संतोष कुमारी ‘ संप्रीति ‘
स्वरचित एवं मौलिक
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