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ब्लॉग संख्या :-420
नमन मंच
दिनांक .. 17/6/2019
विषय ... नीयत
********************
मेरी नीयत मे नही, उसकी नीयत मे खोट।
छोड गये मोहे श्याम बेदर्दी, मथुरा को कर चोट।
....
एक बार भी पलट ना देखा, छलिया वो चितचोर।
वृन्दावन का कण-कण रोता, रोते है सब मोर।
.....
राधा के संग प्रीत का मोहन, कैसा था वो दौर।
शेर कभी समझ ना पाया, पर प्रेम का तू सिरमौर।
....
शेरसिंह सर्राफ
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।। नीयत ।।
नीयत खराब वो करते हैं
जो खाली मकसद चलते हैं ।।
अपने तो मकसद में रहकर
दिन और रात निकलते हैं ।।
अब कहाँ वक्त देती कलम
चलते चलते कुछ गढ़ते हैं ।।
राहों में भी रूक रूक कर
कलम को हम पकड़ते हैं ।।
कब कौन नज़्म कोंधें मन में
अब इस लगन में हम रहते हैं ।।
लोग समझें बेशक कुछ भी
हम प्रभु में ही अब रमते हैं ।।
सिर्फ दोस्ती कलम से यारो
उसी का दम हम भरते हैं ।।
सोते वक्त भी कलम 'शिवम'
सिरहाने अपने हम धरते हैं ।।
रूह गवाही न दे जिसको
उन राहों से भी न गुजरते हैं ।।
नीयत के कई देखे नजारे
अब नीयत से हम डरते हैं ।।
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 17/06/2019
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नमन मंच-भावों के मोती
दिनांक-17.06 .2019
शीर्षक-नीयत
.!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
आज परीक्षा संगम तट है
मेरे लिए दुकूल सुहावन
किंकर्तव्य विमूढ़ बने तुम
मुझको साक्ष्य सभेंट फैसला
कितनी अजीब कितनी अद्भुत
यह पीर हृदय मेधा बिशाल
उत्ताप मुक्ति इच्छित सुयुक्ति
इक ओर प्रखर इक ओर सिहर
कोई टूटा कोई बिखरा
कोई फैला कोई सिमटा
क्या हार जीत क्या प्यार पीत
जो जीत गया वो हार गया
जो हार गया वो जीत गया
यह जटिल प्रश्न यह चटुल प्रश्न
फैसला नहीं तो अनुत्तरित क्यूँ
आखिर कुछ तो कहना होगा
मेरी सरहद या अपनी हो
सीमाओं में रहना होगा
मुझे न भाव लुभाना आता
मुझे न साक्ष्य जुटाना आता
अंगारों पर तुम चलते हो
मुझको ठण्डी राख बिछी है
दुग्ध दुग्ध में नीर नीर में
वापिस करने का मौका है
करो फैसला तुम ही वरना
या मुझको आदेशित करदो ।
निश्चित अपना पक्ष रखूँ मैं
पर बद नीयत शोषित करदो।
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
राम सेवक दौनेरिया 'अ़क्स'
बाह-आगरा (उ०प्र० )
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भावों के मोती
शीर्षक- नीयत
अगर कदम बढ़ाओगे
नीयत अपनी साफ रखकर,
तो मंज़िल जरूर मिलेगी।
सच्चे लोगों के साथ,
हमेशा ईश्वर रहता है,
कामयाबी का स्वाद वही चखता है।
तुम अपना कर्तव्य करते रहना।
दुनिया की परवा न करते हुए
बस आगे बढ़ते रहना।
स्वरचित- निलम अग्रवाल, खड़कपुर
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नमन मंच भावोंके मोती
शीर्षक नीयत
विधा लघुकविता
17 जून 2019 ,सोमवार
संस्कार संस्कारित करते
अच्छी बुरी सभी नीयत ।
मातपिता गुरु आशीष से
कृपा होती सदा अनवरत।
नीयत पतन और विकास
सबकी अपनीं निजी सोच ।
सोचो समझो कदम बढ़ाओ
आवे कभी न जीवन मोच।
नीयत साफ़ होती है तब
प्रभु भक्ति स्वीकार करते।
आना जाना होता जीवन
जैसा करते वैसा ही भरते।
नीयत पर संसार है निर्भर
सद सोच तो यंही स्वर्ग है।
बद नियत तुम अगर रखोगे
तब जीवन नरकीय नर्क है।
स्व0 रचित,मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
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नमन मंच भावों के मोती
17/6/1920/
बिषय,, नीयत,,
आज के मानव की नीयत है खोटी
संकीर्ण बिचारधारा सोच है छोटी
बीमार मानसिकता का हो गया है आदमी
निंन्यानबे के चक्कर में खो गया है आदमी
किसी की बहू बेटी पर नजर
तो किसी को दौलत पराई
और कहीं कुर्सी,, पद,पर
नीयत डगमगाई
इसी नीयत के कारण
लड़ रहे भाई भाई
हो गए परस्पर जान के सौदाई
प्रेम स्त्रोत सूख गए सिमट
गए रिश्ते नाते
काम पड़े पर गधे को बाप कहने
न कतराते
राम नाम जपना पराया माल अपना
देख आज का इंसान यही सपना
स्वरचित,,, सुषमा ब्यौहार,,,
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नमन मंच 🙏
सुप्रभात मित्रों व गुरूजनों 🙏🌹💐
दिनांक-17/6/2019
शीर्षक- "नीयत"
विधा- हाइकु
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(1)
साफ नीयत
विचारों में शुद्धता
सच्चा इंसान
(2)
डोली नीयत
सरकता दुपट्टा
तुच्छ विचार
(3)
नन्हीं बच्चियां
हवस का शिकार
गंदी नीयत
(4)
डोली नीयत
देख के कालाधन
दुष्परिणाम
स्वरचित *संगीता कुकरेती*
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नमन भावों के मोती
आज का विषय, नीयत
दिन, सोमवार
दिनांक, 17,6,2019,
यहाँ पर नीयत ही पहचान सही,
होती है हर इंसान की ।
है दुनियाँ का आधार यही,
टिकी इसी पे धुरी सृष्टि के विधान की ।
नीयत जिनकी होती है खोटी,
उन्हें परवाह नहीं भगवान की।
होती रहे चाहे जहाँ भी बरबादी,
उन्हें बस चिंता है अपने काम की।
छल कपट की बसे दिल में बस्ती,
मुख पर शोभा झूठी मुस्कान की।
लोगों में चर्चा सदा इन्हीं की होती,
कितनी साख गिरा दी इंसान की।
बुरी नीयत कम ही ज्यादा है नेकी,
भाई चारा रह सका है इस धरती।
नीयत अच्छी जो अगर न होती,
कुर्वानी देश हित में नहीं होती।
असहाय दुःखी अपंग लोगों की,
यहाँ पे सेवा हो रही नहीं होती ।
रिश्तों की दीवारों की मजबूती,
न जाने कब की ढह गयी होती।
चर्चा ईमान दान धर्म मानवता की,
हम सब में भला क्यों कर होती ।
भली नीयत ने बनाई दुनियादारी,
नेक नीयत है हर सुख की चाबी ।
स्वरचित, मीना शर्मा, मध्यप्रदेश,
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17/6/2019
नमन मंच।
नमन गुरुजनों, मित्रों।
नीयत
💐💐💐
आजकल के इन्सान की नीयत,
हो गई है बिल्कुल खोटी।
गैरों के बलबूते पर,
सेंकने हैं अपनी रोटी।
खुद कुछ करेंगे नहीं कभी,
औरों को देंगे नसीहत।
इसीलिए राह चलते हुए,
होती है उनकी फजीहत।
नीयत रखो साफ,
सदा रहो आगे हीं आगे।
फिर मिलेगी सफलता,
रहोगे दुनियां में सबसे आगे।
स्वरचित
वीणा झा
बोकारो स्टील सिटी
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नमन-भावो के मोती
दिनांक-१७/०६/२०१९
विषय-नीयत
जिसकी इतनी क्रूर नियत हो।
भूख की अंतिम दुर्गत हो।।
स्थापन अनिश्चित/ विस्थापन सुनिश्चित
पवित्रता में/ प्रदूषण
रक्षण के घर मे/ रावण का भक्षण
एक हाथ/ जो हाथ नहीं है / हाथ होने का आभास
खामोशी भरी दीवार /जहां चाहा कील गाड़ दिया
ठंडा है /चूल्हा
अनुपस्थित है/ धुआँ
खामोश है/ बर्तन
कैसे हो परिवार/ का जतन
भड़की है /भूखी आग
जब शुष्क है/ सुखी आँत
कैसे बीते/ सुनी रात
गीला आटा /खोखली जाँत
फिर भी धरित्री के धैर्य को/ धारण
किए हैं....??????
स्वरचित
सत्य प्रकाश सिंह केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज प्रयागराज
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नमन मंच
तिथि-17/6/2019
प्रदत्त विषय- नीयत
******************
नीयत पता चल ही जाती है
किसी की हरकत देख
सूरत का नहीं ,नीयत का साफ होना जरूरी है...
वो ज़माने के आगे बहुत शरीफ नज़र आते हैं
उनकी नीयत भी नेक हो
क्या ये ज़रूरी है?
मेरी सूरत देख वो तस्वीर बनाने चले थे
उनकी नीयत बदल गई औ तस्वीर
अब तक अधूरी है...
उम्र का नीयत से कोई वास्ता नहीं है दोस्तो !
उनकी आँखों में तो लड़कपन से ही
एक अजब सी सुरूरी है...
ज़्यादा कुछ तो नहीं जाता है मुझे यारो !
'इंसां नीयत 'से मेरी दोस्ती हो ये
बहुत ज़रूरी है...!!
@वंदना सोलंकी©️स्वरचित
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हाइकु आज का विषय नीयत ,
बुरी नीयत,
दूसरे के झाँकते,
जेब औ घर,1।।
2/अचछी नीयत,
रुखी सूखी खाकर,
संतोष होते।।2।।
3अच्छा विचार,
अच्छा नीयत वाला
साफ दिल का।।3।।
अच्छा नीयत,
अपनी कमाई में,
खुश रहता।।4।।
5/बुरी नीयत,
लूट खसोट पर,
नजर रखे।।
अच्छी नीयत,
देव चरित्र होता,
नरम दिल,।।6।।
अच्छी नीयत,
सब कोई चाहते
धरती पर।।7।।
स्वरचित हाइकु कार देवेन्द्रनारायण दासबसना छ,ग,।।
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भावों के मोती
शीर्षक:- नीयत
विधा- ग़ज़ल
दिनांक- 17/6/2019
बह्र- 122 122 122 12
अगर आप चाहें ठहर जाएंगे,
मुकद्दर हमारे निखर जाएंगे।
मुकद्दस मुहब्बत हुई है सनम,
शज़र बंदगी के सँवर जाएंगे।
परिंदे फँसा के शिकारी चला,
कि #नीयत बुरी है किधर जाएंगे।
गिरी बर्क़ ऐसे दरारें पड़ी,
नहीं है पता किस डगर जाएंगे।
समुंदर में लहरें उठी तुंद हैं,
कसम आपकी है गुजर जाएंगे।
सदाकत से रहना सनम सीखिए,
नज़ारे फिज़ा में ठहर जाएंगे।
अमानत में करना खयानत नहीं,
रवादारियों के असर जाएंगे।
शालिनी अग्रवाल
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित
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नमन "भावो के मोती"
17/06/2019
"नीयत"
1
बुरी नीयत
खेल हैवानियत
मासूम बलि
2
नीयत भली
कुचक्रो पर भारी
कर्म सँवारी
3
नीयत भली
दूनियादारी गली
कीर्ति ही फैली
4
नीयत सच्ची
दीवारें चाहे कच्ची
घर है सुखी
5
नीयत खोटी
इंसानियत छोटी
तरसे रोटी।
स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल।
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दिनांक-17-6-2019
विषय-" नीयत"
स्वरचित कविता
शीर्षक-"नीयत"
किसकी नीयत डोल रही है-
इस सुरभित से उपवन पर,
तितली,पाखी,कीट-पतंगे-
सुभगी सुकन्या,कृष्ण भ्रमर?
खिलखिल कर मुस्काईं कलियां-
खुशबू फैली इधर-उधर,
गुनगुन करते भंवरे उड़ते-
तितली फैलाती है पर.
नीयत डोलती सुंदरता पर-
नियत नियम है यह प्यारे,
रूप,स्वाद,गुण तीनों पर ही-
मोहित होते हम सारे.
____
स्वरचित कविता
डा. अंजु लता सिंह
नई दिल्ली
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नमन भावों के मोती
दिनाँक -17/06/2019
शीर्षक-नीयत
विधा-हाइकु
1.
गंदी नीयत
खोटी इंसानियत
बढ़ाती कष्ट
2.
कोसते रिश्ते
बदहाल नीयत
बढ़ती दूरी
3.
बुरी नीयत
परिणाम बर्बादी
जाने आबादी
4.
छल कपट
पतन का कारण
गंदी नीयत
5.
ओच्छी नीयत
मार खाए निश्चित
अपनाए क्यों
6.
झूठ बोलना
दूजे घर झाँकना
गंदी नीयत
7.
भली नीयत
दुल्हन ही दहेज
छोड़ो लालच
8.
अच्छी नीयत
खुशहाल भारत
बनाएं नेता
9.
बढाओ हाथ
पाओ सबका साथ
सच्ची नीयत
10.
सद नीयत
कुचलो भ्रष्टाचार
छोड़ो आतंक
*********
स्वरचित
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर(झज्जर)
हरियाणा
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दि- 17-6-19
सोमवार
विषय- नीयत
सादर मंच को समर्पित -
मापनी - -2122 , 2122 , 2122 , 2
समान्त -- आया , पदान्त-- है
🌹🌻🌲 गीतिका 🌲🌻🌹
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🌸 नीयत 🌸
🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒🍒
आज सच्चे ज्ञान को हमने भुलाया है ।
भ्रष्ट नीयत , स्वार्थ को दिल से लगाया है ।।
पहन रखते हैं मुखौटे हम यहाँ कितने ,
भान होता और कुछ यों सच छुपाया है ।
कौन अच्छा है,भरोसा अब करें किस पर ,
बात मीठी बोल कर दिल को दुखाया है ।
खोगये हैं मीत सब , नीयत नहीं सच्ची ,
गूँजता है " मैं " यहाँ मन में बिठाया है ।
खोजते हैं जिन्दगी को जगत में देखो ,
झाँक लें नीयत दिलों में , क्या कमाया है ।।
🌹🌻🌲🍑🍒🌹
🍑 **** .... रवीन्द्र वर्मा , आगरा
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. भावों के मोती
17 06 19
विषय - नीयत
किस्मत क्या है!!
कर्मो द्वारा अर्जित लब्ध और प्रारब्ध ही किस्मत है बस नीयत साफ रख।
पूर्व कृत कर्मो से
जो संजोया है
वो ही विधना का खेल है
जो कर्म रूप संजो के
आया है रे प्राणी
उस का फल तो
अवश्य पायेगा
हंस हंस बाधें कर्म
अब रो रो उन्हें
छुडाये जा
भाग्य, नसीब,
किस्मत क्या है ?
बस कर्मो से संचित
नीधी विपाक
बस सुकृति से
कुछ कर्म गति मोड़
और धैर्य संयम से
सब झेल
साथ ही कर
कृत्य अच्छे
"नीयत" रख साफ
और कर नव भाग्य
का निर्माण ।
स्वरचित
कुसुम कोठारी।
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भावो के मोती
मंच को सादर नमन
दिनांक-17/6/19
विषय-नीयत
विधा -हाइकु
==============
1)
नीयत खोटा
नियति का धोखाहै
हिसाब चोखा ।।
2)
नीयतखोर
गिरगिट का भाई
रंग बदले
3)
नीयत डोली
मजबूत नातो की
नीव भी हिली।।
4)
पीठ पे वार
नीयत की कटार
सीने के पार ।।
5)
नीयत भली
विष सुधा हो जाये
मीरा ने पी ली ।।
=============
क्षीरोद्र कुमार पुरोहित
बसना,महासमुंद ,छ,ग,
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नमन मंच भावों के मोती
तिथि 17/06/19
विषय नीयत
विधा दोहा छन्द
***
नीयत सुधरी जो रहे ,नियति सुधर खुद जाय ।
सन्त ऋषि की सीख यही,तब जीवन मुस्काय ।।
दो रोटी की भूख में ,नीयत जाती डोल ।
चोरी के आक्षेप से ,मनुज बिका बिन मोल।।
नीयत का आभास नहि,ओढ़ लिये हैं खोल।
पीठ पीछे वार करें , मीठी वाणी बोल ।।
नीयत में है खोट जो ,वो झूठा इन्सान ।
करता है दुष्कर्म वो ,बन जाता हैवान ।।
नीयत क्यों बिगड़ी हुई ,मासूमों को देख ।
डरो खुदा की मार से,क्या किस्मत का लेख।।
स्वरचित
अनिता सुधीर
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1*भा.17/6/2019/सोमवार
बिषयःः ः #नीयत# ः
विधाःः काव्यः ः
नीयत साफ रहे सदा मेरी,
हे मात शारदे ऐसा कर दे।
चरित्रवान ही रहूं सदा मैं,
भाव भंगिमा ऐसी कर दे।
माँ सत्संगी ही रहूँ सदा मैं।
नहीं किसी से घात करूं मै।
खोट कोई नीयत में न आऐ,
नहीं कभी प्रतिघात करूं मैं।
प्रेमानुरागी रहूं जीवन भर,
वैर भाव नहीं रखूं किसी से।
परोपकार पुरूषार्थ करूं मैं,
जानबूझ नहीं लडूं किसी से।
है सुसंस्कृति संस्कार भारतीयता
हो निश्छल नीयत सभी के संग।
बांधूं प्रेमालंगन में हरजन मनको,
माँ,होए मनमानस मिले सत्संग।
स्वरचितःः ः
इंजी. शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.
जय जय श्री राम राम जी
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1*भा#नीयत#काव्यः ः
17/6/2019/सोमवार
भावों के मोती : प्रेषित शब्द : नीयत
***************(************
१)जानें कब अपने बेगाने बन जाए ,ख़ूनी रिशतों में दरार पड़ जाए
इंसान की नीयत कब बदल जाए ,दिलों पर कब अँधेरा छा जाए।
२)दिलों में प्यार हो ,अपनापन हो और मुहब्बत सच्ची हो ,
रिश्ते-नाते तब ही तक साथ है जबतक नीयत अच्छी हो ।
३)इंसान बिगड़ी क़िस्मत को सँवार कर जीत जाता है ,
अगर नीयत में खोट हो तो जीती बाज़ी हार जाता है ।
४) खुश रहने के लिये अच्छी आदत और अच्छी नीयत जरुरी है ,
और तो जयादा कुछ नहीं दिलों में,थोड़ी सी मुहब्बत जरुरी है ।
५)मेहनत और लगन से दौलत और शोहरत मिल जाते हैं ,
मगर,अच्छी नीयत वाले लोग जमाने में कम मिल पाते हैं।
स्वरचित(c)भार्गवी रविन्द्र .....बेंगलूर .....१६/६/२०१९
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नमनमंच भावो के मोती ।
विषय ---नीयत
आधुनिक परिवेश मे सोच की.ऐसी चली हवा ।
बदले भाव सदगुण सदाचरणकेमन हुआ विकल ।
सब डूबे भौतिवादी फेर मे स्वार्थ लालच की गंदी नीयत मे ।
मन हे चचंल नही कोई रखे काबू मै ।
ईमानदारी सचाई का चोला,नीयत तो है खोटी ।
साधू संत नेता आम खास सबकी नीयत बिगडी ।
ये कैसी सोच भरी गंदी नीयत हर कली को भारी हे ।
भाई भाई को मारे माँ बाप को वृद्धाश्रम मै डाले ।
निज स्वार्थ लालच हित सब तरफ मारामारी ।
ईमानदार खडा चौराहे पर कोई उसकी सुनता नही ।
नियती के खेल निराले कलयुग मे नीयत के ढ़ग निराले ।
दमयन्ती मिश्रा
स्वरचित ।
गरोठ मध्यप्रदेश ः
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आप सभी को हार्दिक नमस्कार
आज की प्रस्तुति में
नीयत
ये नीयत भी,
क्या अजीब होती है!
कितने रूप बदलती
कितने रंग दिखाती
कभी अच्छी बनती
कभी बुरी बन जाती
वाह रे नीयत !
क्या तेरी सूरत ,और क्या सीरत!!
हाँ यही सच है,
यही तो सारी फसाद की जड़ है।
कहीं बहार तो कहीं पतझड़ है।
यही बनाती नेक बंदा ,
या फिर आदमी को है करे नंगा
वाह रे नीयत !
कितने तेरे चाल -चलन!!
हाँ सचमुच !!
इसी के हद में है सब कुछ ,
आज नियति ,नीयत के फेरे में है।
हर इंसान को रखा कटघड़े में है।
विश्वास का तराजू, डगमगा रहा है।
हर ओर नीयत का, परचम लहरा रहा है।
वाह रे नीयत!!
कैसी- कैसी तेरी फितरत!!
आदमी को इंसान बनाती,
कभी यही हैवान बनाती।
लालच ,लूट ,ब्याभिचार।
हत्या, बैर ,बलात्कार।
बदनीयती का बोल बाला है।
इंसानियत का मुँह काला है।
छद्मजाल -छद्माचरण,
बदनीयती का अलंकरण ।
वाह रे नीयत!भिन्न- भिन्न रूप!
कभी छाँव ,कभी धूप !!
स्वरचित
सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़
17-6-2019
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नमन"भावो के मोती"
17/06/2019
""नीयत""
################
कभी-कभी तो खयाल रखिए
नीयत मेरी न उबाल रखिए।
गैरों को देखके मुस्कुराया न करें।
नीयत तो अपनी संभाल रखिए।।
ख्वाबों में आके क्यूँ लाते भूचाल।
मन की नीयत का खयाल रखिए।।
नीयत न काली हो किसी की।
दिल अपना लाल गुलाल रखिए।।
खो न जाना मौसमी बहारों में।
जरा नीयत की देखभाल रखिए।।
इस भीड़ में न खो जाना "बॉबी"।
नीयत दिल की निकाल रखिए।।
स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल।
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"नमन-मंच"
"दिनांक-१७/६/२०१९"
"शीर्षक-नीयत"
चयनकर्ता स्वयं है हम
नीयत खोटा या सही रखें हम
नीयत मे जब हो जाय खोट
आत्मबल स्वयं हो जाय कम।
नीयत मे जब हो जाय खोट
नियति भी फिर करें चोट
नियति ने जब सब कुछ दिया
फिर क्यों ईमान खोटा किया।
ईष्या ,लालच जब करें परेशान
सदा यह रखें ध्यान
गलत नीयत करें कलंकित
मन सदा रहे सशंकित।
जब फसाद हो अपनों के साथ
नीयत रखें हम अपना साफ
नीयत हो सही तो कर्म भी सही
फिर सुखद होंगे परिणाम।
स्वरचित-आरती-श्रीवास्तव।
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
सादर नमन
विधा-हाईकु
विषय-नीयत
१
देख बादल
दिल में हलचल
बहका मन
२
ईश्क से तौबा
देख कर सूरत
नीयत ड़ोली
३
साफ नीयत
मिलती बरकत
मान तिलक
***
स्वरचित-रेखा रविदत्त
17/6/19
सोमवार
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
शुभ संध्या
शीर्षक - ।। नीयत ।।
द्वितीय प्रस्तुति
नीयत ही चुनौती है
माया के जंजाल में ।।
नीयत ये लिखा दे कब
उलटा पुलटा भाल में ।।
नीयत को लपेट रखना
रूह की तिरपाल में ।।
रूह ही संभाले गलत
नीयत के तर्क बवाल में ।।
रूह हारी की फँस गये
हम संकट के दुशाल में ।।
नीयत नाम नियंता का
जी रहे 'शिवम' बेहाल में ।।
क्या सोचें क्या हो जाए
उलझें है इस सवाल में ।।
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 17/06/2019
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नमन मंच
17/6/19
सोमवार
शीर्षक : नीयत
मुकम्मल होंगे ख़्वाब , हौंसलों पे एतबार रख
मंज़िल होगी हासिल . कोशिश हर बार रख
बिना शय मात होती नही कभी भी
अपनी उस एक चाल का इंतज़ार रख
मुकद्दर का ही खेल नही ये ज़िंदगी
हाथों की लकीरों को दर किनार रख
रहेगा खुदा के रहमों करम में हरदम
बस नीयत अपने दिल की साफ रख
स्वरचित
सुमनजीत कौर
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
नमन मंच को
दिन :- सोमवार
दिनांक :- 17/06/2019
शीर्षक :- नीयत
नीयत में पड़ गई है खोट...
जा छुपी है भ्रष्टाचार की औट..
चंद सिक्कों की खनक पर..
बिकती है नोटों की चमक पर...
कराती है भ्रष्टाचारी नृत्य..
भले हो अधिकारी या भृत्य..
बन गया बड़ा ही कुटिल कृत्य..
जीत रहा है सत्य को असत्य..
नीयत बिगड़ी जब मन की..
जागी लालसा पर तन की..
खेल लिया वह मासूमियत से..
नहीं किया परहेज हेवानियत से..
बदनीयत कर रही पतन मानवता का..
प्रतीक बन रही विक्षिप्त मानसिकता का..
स्वरचित :- मुकेश राठौड़
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नमन भावों के मोती
17-06-19 सोमवार
विषय-नीयत
विधा-हाइकु
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(१)
ना कर वोट
नेता नीयत खोट
दे उसे चोट👌
👍👍👍👍👍👍
(२)
रहना पाक
तो,गल्तियां भी माफ़
नीयत साफ़👍
👌👌👌👌👌👌
(३)
नीयत अच्छी
आदमियत सच्ची
करे कमाल🎂
🎂🎂🎂🎂🎂🎂
(४)
ना कोई शक
नियति की नीयत
बिल्कुल साफ💐
💐💐💐💐💐💐
(५)
सूरत नहीं
नीयत बदलते
वे बुरे लोग☺️
🎂🎂🎂🎂🎂🎂
श्रीराम साहू अकेला
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नमन मंच
विषय -नीयत
विधा---मुक्त
दिनांक -17 / 06 /19
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आदमी की आदमियत
ना जाने
कहाँ खो गई
पेट तो भर गया
पर नियत ही
ना भर सकी
हर रोज
नये तमाशे करता है
नीरिह बेबस को
दबा कर
घर की तिजोरियां
भरते हैं ।
डा. नीलम
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नमन मंच
' भावों के मोती '
दिनांक17/06/19
विषय - ' नीयत '
1'
नीयत मेरी
फिर तुम पे डोली
आ खेलें होली ।
2'
बात क्या करें
नीयत साफ करें
खुदा से डरें ।
3'
दौलत देखा
नीयत बदलता
मानव कैसा ।
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स्वरचित -- ' विमल '
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शुभ साँझ 🌇
नमन "भावों के मोती"🙏
17/06/2019
हाइकु (5/7/5)
विषय:-"नीयत "
(1)
रुपैया दिखा
नीयत फिसलती
लालच उठा
(2)
जीवन संग
नीयत गिरगिट
बदले रंग
(3)
नीयत साफ़
तनाव रहे दूर
ईश्वर पास
(4)
जग बाज़ार
नीयत का शेयर
ऊपर नीचे
स्वरचित
ऋतुराज दवे
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सादर नमन
" नीयत"
अ इंसान कर आजाद,
तू अपने जमीर को,
गंदी सोच का गुलाम बना तू,
क्यों मारे नीयत के तीर को,
हाथ जोड़ कर खड़ेहैं जो,
अहसास अपने होने का दिला रहे हैं,
मारकर वो मीठी छूरी,
नीयत अपनी छुपा रहे हैं,
आँखों में है हवस की भूख,
और नीयत मे लगे दाग हैं,
ओढ़ चादर दौलत की,
रहते वो बेदाग हैं।
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स्वरचित-रेखा रविदत्त
17/6/19
सोमवार
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अपने अस्तित्व की.
तलाश में कहीं पर
भटक रही ज़िंदगी
ना जाने किन किन
राहों से नही गुजरी ।
नीयत पर शक करते
लोग कभी विश्वास
कर ही नही पाये तो
अविश्वास के साथ
वह यूं ही गुजर गई।
स्वरचित :-,उषासक्सेना
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नमन मंच को
17/6/2019
1
बुरी नीयत
मरती आत्मीयता
लुटते रिश्ते
2
खोटी सीरत
विकृत मानसिकता
बुरी नियत
3
लुटते रिश्ते
नियत है ख़राब
रोता घूंघट
4
लूटी बेटिया
भारत है बेहाल
कैसी संभाल
कुसुम पंत
उत्साही
स्वरचित
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नमन मंच
विषय - नीयत
1
नेक नीयत
अभावों में भी खुश
प्यारी दुनिया
2
जाने ना कोई
नियती की नीयत
कब का होई
3
नेक नीयत
लगती सूखी रोटी
माखन लोई
4
बदनीयत
उजड़ गया बाग
रोती कलियाँ
5
नेक नीयत
आँगन में समृद्धि
नाचती खुशी
(स्वरचित )सुलोचना सिंह
भिलाई (दुर्ग )
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