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ब्लॉग संख्या :-424
भावों के मोती
मंच को नमन
21/6/19
योग(हाइकु)
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1)
करना योग
तन मन निरोग
उत्तम भोग ।।
1)
भारत योग
संसार में प्रयोग
बड़ा संयोग।।
2)
योग हो रोज
जब खिले सरोज
तब लो भोज।।
3)
खुशियाँ योग
दुख सारे वियोग
घटते रोग।।
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क्षीरोद्र कुमार पुरोहित
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भावों के मोती
दिनाँक - 21 - 6 - 19
दिन - गुरुवार
विधा - गीत
सकल विश्व को चाहिए, इसका करें प्रयोग।
आध्यात्मिक प्रक्रिया रही, भारत का यह योग।
गीता में भी है बसा, योगों का दो अंग।
सारी दुनिया हो गयी, अब इसके ही रंग।।
नित्य इसे अपनाइये, फिर जीवन को भोग।
सकल विश्व को चाहिए, इसका करें प्रयोग।।
ये अष्टांगिक योग है, जीवन का आधार।
आठ अंग इसके रहे, जिसमे बसता सार।
प्रतिदिन इसका अब करें, सब जन ही उपयोग।
सकल विश्व को चाहिए, इसका करें प्रयोग।।
लक्ष्य रहा इसका सदा, मोक्ष मिलें संसार।
तन-मन सारे स्वस्थ हो, रखिये नेक विचार।
सबका नैतिक धर्म है, करिये मिल सहयोग।
सकल विश्व को चाहिए, इसका करें प्रयोग।।
*✒ आलोक मिश्र "मुकुन्द"*
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।। योग/ स्वास्थ्य ।।
तन से बड़ा नही है कोई धन
स्वास्थ्य पर किया करो मनन ।।
कोई आदत बन जाए न ऐसी
स्वास्थ्य का हो जिससे हनन ।।
मन इस तन का संचालक है
मन मंदिर को रखना पावन ।।
चंचल मन भटकाये हरदम
कुपथ न करना कभी गमन ।।
संयम से सुख स्वास्थ्य सजे
लगे ये जीवन ज्यों मधुवन ।।
संयम गया कि बुराई जकड़ी
बन गई ताउम्र की उलझन ।।
नर तन एक अनमोल अमानत
करो स्वास्थ्य का 'शिवम' यतन ।।
रहो सजग स्वास्थ्य के प्रति
किया करो नित योगासन ।।
बुरी आदतों को नही पालना
है खुद के यह बनना दुश्मन ।।
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 21/06/2019
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भावों के मोती
दिनाँक - 21 - 6 - 19
दिन - शुक्रवार
विषय - योग, स्वास्थ्य
विश्व योग दिवस पर विशेष
आओ हम योग करें
तन-मन हमेशा स्वस्थ रहेगा
रोजाना हम योग करें
सुबह-शाम हम वक़्त निकालें
आओ हम योग करें
21 जून बड़े दिन पर सब
विश्व योग दिवस मनाते हैं
स्वास्थ्य पूर्वक जीवन के लिए
योगासन करवाते हैं
स्वस्थ और लम्बी आयु के लिए
आओ हम योग करें।
तनाव से राहत दिलाए
मन के सारे विकार मिटाए
असाध्य रोगों का उपचार
शरीर में उर्जा का संचार जगाए
बीमारी को दूर भगाए
आओ हम योग करें
भले ही काम की व्यस्तता हो पर
कुछ वक़्त योग के लिए निकालें हम
बढ़ता मोटापा बीमारी का कारण
शरीर को स्वस्थ बनाएं हम
स्वस्थ पूर्वक जीवन जीना हो तो
आओ हम योग करें
गात यदि स्वस्थ रखना हो तो
रोज सुबह-शाम करना योग
मन-मष्तिष्क में स्फूर्ति लाए
मानव जीवन स्वस्थ बनाए योग
खुद को स्वस्थ रखना हो तो
रोजाना हम योग करें।
सुमन अग्रवाल"सागरिका"
आगरा
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नमन मंच भावों के मोती
21/6/2019
शीर्षक योग /स्वास्थ्य
विधा- दोहे
सुबह सवेरे जागकर, करिए प्राणायाम।
तन मन की क्षमता बढ़े, मिले उच्च आयाम।।1
रोज करें व्यायाम तो, ताकत मिले अपार।
तन- मन भी करते रहें, क्षमता का विस्तार।।2
बचपन से ही कीजिए, मनुज योग अभ्यास।
आसन हरदम हो सहज, जीवन बने सुहास।।3
शालिनी अग्रवाल
स्वरचित सर्वाधिकार सुरक्षित।
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नमन मंच,भावों के मोती
विषय योग,स्वास्थ्य
विधा लघु कविता
21 जून 2019,शुक्रवार
योगदिवस है अंतर्राष्ट्रीय
योगदिवस नित्य मनाएं।
तन मन स्वस्थ रखे जीवन
कंचन काया भव्य सजाएं।
ओमकार उदगीत सुहाना
अनुलोम प्राणवायु देता है।
कपाल भांति वसा घटावे
तनाव कम भ्रामरी करता है।
पैर गरम हो, पेट नरम हो
सिर सदा रहता हो शीतल।
दौड़ लगालो नित जीवन में
देह रोगाणु रहित हो निर्मल।
पहला सुख निरोगी काया
माया तो चलकर आती है।
जीवन अद्भुत अति सुहाना
सुख शांति सबको भाती है।
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान।
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नमन प्रियजन🙏🌹
विश्व योग दिवस की शुभकामनाएं
21/6/2019
विषय-योग
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तन मन आत्म मिलन
का नाम है योग
बाह्य जगत से अंतर्मन
का संतुलन है योग
उत्तम इस विधि का
सम्यक रूप से करें उपयोग
आओ मिलकर करें योग
पूरक रेचक कुम्भक
प्राणायाम से शुद्धि करें
कुछ उद्यम करें कुछ करें प्रयोग
आसन,मुद्रा,त्राटक ध्यान
प्रतिदिन करें नियमित करें
दूर भगाएं तन से रोग
बुद्धि विवेक में प्रखरता आए
नव जीवन में जीवंतता आए
शांति मिले तो सफल है योग
विश्व में योग की पहचान हुई
21जून के दिवस कहलाये
विश्व दिवस योग
आओ सब मिलकर करें योग..!!
@वंदना सोलंकी
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नमन मंच 🙏
योग दिवस की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏💐😊
दिनांक- 21/6/2019
शीर्षक- योग/स्वास्थ्य
विधा- कविता
***************
पंचतत्वों की बनी ये काया,
प्रभु की बनाई अजब माया,
स्वस्थ शरीर, स्वस्थ हो मन,
योग करे रोगों का सफाया |
अालोम-विलोम, प्राणायाम,
मुद्रा कुछ योगासन कर लें,
शरीर,आत्मा को शुद्ध कर लें,
रोगों की बस छुट्टी कर लें |
स्वरचित *संगीता कुकरेती*
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योगा
एक जादूगर के,
शब्द में फंसे हैं लोग ।
जो कर रहें योगा योगा ।
हालाकी रोज उत्पन्न,
हो रहें नये नये रोग ।
यह भी हैं एक संयोग ।
हम तो सिर्फ आज,
एक सेल्फी के लिए,
कर रहें हैं योगा ।
लेकिन जरा देखो,
यहां जीवन जीने के लिए,
करते हैं लोग योगा ।
डोंबारी का खेल देखो,
मासूम लड़की,
डपली के ताल,
कैसे समाहित होती,
दस इंच की रिंग में ।
करती जीवन को संतुलित ,
छोटी सी डोर पर ।
देखती अाशा से,
पसंद आएगा खेल,
तो मिलेंगे चंद सिक्के,
आज के लिए ।
योगा,
उस किसान का देखो,
जो भोर में उठकर ।
जाता अपने खेत ।
हल जोतकर,
पसीने की बूंदों से तर्र्,
करता मेहनत,
सबको,
जीवन देने के लिए ।
योगा,
उस सीमा पर,
रक्षा कर रहें जवान का देखो,
जो दिन रात,
आँख में ड़ालकर तेल,
रक्षा करता देश की ।
योगा,
उस गरीब की,
झोंपड़ी में झांककर देखो,
कितना संघर्ष है,
एक रोटी के लिये ।
पहले करों,
इन सबको ,
जीने के लिए सहयोग ।
फिर,
रोज करों योगा ।
✍प्रदीप सहारे
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दूसरी रचना योग पर
💐💐💐💐💐💐
योग है बहुत जरूरी,
स्वास्थ्य के लिए।
जिंदगी भर रहते निरोग,
सुन्दर जीवन जीने के लिए।
सुबह शाम टहलने जाओ,
थोड़ा प्राणायाम करो।
योगासन से अच्छा नहीं कुछ,
तन मन प्रफुल्लित रखने के लिए।
दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी,
बीमार पड़ोगे नहीं कभी।
उत्तम स्वास्थ्य सदा रहेगा,
थकावट महसूस ना होगी कभी।
इसीलिए जरूरी है जीवन में,
योगासन को करना।
तन मन स्वस्थ रखने के लिए,
प्रसन्न मन सदा रहना।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
स्वरचित
वीणा झा
बोकारो स्टील सिटी
🌺🌺🌺🌺🌺
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योग
🍁🍁🍁
योग हमारी है पुरानी विरासत
स्वस्थ होने की इसमें मिलती है आहट
बीमारियों से ये देती है राहत
अध्यात्म की इसमें छिपी जगमगाहट।
योग में है बस योग ही योग
करके तो देखो थोड़ा प्रयोग
क्षीण होंगे कुछ तो आसुरी भोग
और थमेंगे व्यर्थ के ये रोग।
इसमें हैं हमारे मनीषियों के शोध
तब ही तो हुआ होगा उन्हें भी बोध
कि बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय
के लिये सबसे पहली और अच्छी ये राय।
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योग
🍁🍁🍁
योग हमारी है पुरानी विरासत
स्वस्थ होने की इसमें मिलती है आहट
बीमारियों से ये देती है राहत
अध्यात्म की इसमें छिपी जगमगाहट।
योग में है बस योग ही योग
करके तो देखो थोड़ा प्रयोग
क्षीण होंगे कुछ तो आसुरी भोग
और थमेंगे व्यर्थ के ये रोग।
इसमें हैं हमारे मनीषियों के शोध
तब ही तो हुआ होगा उन्हें भी बोध
कि बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय
के लिये सबसे पहली और अच्छी ये राय।
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नमन मंच भावों के मोती
21/6/2019/
बिषय,,(योग स्वास्थ्य)
स्वस्थ रहने के लिए योग ही
अनुकूल है
नित ही करते रहें
दूर हों सब शूल है
अनवरत चलता रहे
गर हमारा अभ्यास
फिर कभी कोई बीमारी
फटकेगी न आसपास
योगा से रहते तन मन निर्मल
हों निरोगी काया क्यों न
जाऐं हम संभल
भबिष्य के लिए वर्तमान
संवार लें
बृद्धावस्था निखार जाएगी
जवानी निखार लें
स्वरचित,, सुषमा ब्यौहार,,,
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नमन मंच
तिथि 21/06/19
विषय योग
योग दिवस और स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं
दोहावली
***
विश्व में सम्मान बढ़ा ,मची योग की धूम ।
गर्व विरासत पर हमें ,धूलि देश की चूम ।।
करते प्रतिदिन योग जो ,रहें रोग से दूर।
साँसों का बस खेल है ,मुख पर आए नूर ।।
आसन बारह जो करे,हो बुद्धि में निखार ।
होता सूर्य नमन से ,ऊर्जा का संचार ।।
पद्मासन में बैठ कर ,रहिये ख़ाली पेट।
चित्त शुद्ध अरु शाँत हो,करिये ख़ुद से भेंट ।।
प्राणवायु की कमी से , होते सारे रोग
प्राणायाम करके सभी ,जीवन उत्तम भोग ।।
ओम मंत्र के जाप से ,होते दूर विकार।
तन अरु मन को साधता ,बढ़े रक्त संचार।।
स्वरचित
अनिता सुधीर
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⛳भावों के मोती⛳
शीर्षक-योग/स्वास्थ्य।
२१/०६/२०१९@०९:०५
योग करो सुख तन रहें।
नही वियोग तनिक व्यथा।
मन हर्षे तन स्वास्थ्य रहें।
जो साधक साधन करे।
रेचक पूरक कुम्भक।
योग त्रयी आधार है।
सहज योग साधन।
अष्टसिद्धि नवनिधिदा।
ऋषि तपस्वी खोज।
नही औषधि नही सूचीवेध।
दैहिक दैविक भौतिक।
त्रय संताप मिटात।
योग करो हर नरनारी।
योग योगानुभूति करो।
🌳🌳🌳🌳🌳🌳
स्वरचित
राजेन्द्र कुमार अमरा
२१/०६/२०१९@०९:१९
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नमन मंच
दिनांक २१/६/२०१९"
"शीषर्क-योग-स्वास्थ्य"
आओ करें योग की बातें
कैसे रहे काया निरोगी,
धन दौलत तो बहुत कमाया
स्वस्थ नही तन तो,
सब बेकार है भैया।
करें योग, रहे निरोग
तभी होगी सुंदर काया।
सुबह करें सैर,या योगा,
रहे सदा स्वस्थ्य, निरोगी भैया।
आलस्य छोड़,करें योग,
आलस्य अपनाया
सताये रोग ,
बढ़े उम्र तो करें योग
स्वस्थ बुढ़ापा का सुख भोग।
युवा वर्ग करें योग,
मानसिक तनाव से रहे दुराव,
योग है स्वास्थ्य की कूँन्जी
स्वस्थ है हम तो सुन्दर संसार।
सुंदर संसार तो जीवन खुशहाल।
स्वरचित -आरती श्रीवास्तव।
@@@@@@@@@@@@
दमयन्ती मिश्रा ।
आईऐ ऋषियो द्वारा प्रदत योग अपनाऐ ।
करे तन मन को स्वस्थ भाव पवित्र हो जाये ।
भावो की हो शुद्धता शुद्धाचारण अपनाऐ ।
सबको करनायोग हृदय मे आत्मा के परमात्मा साक्षी मान ।
मन को पवित्र भावानाऔ से भर ले ।
एकसे दस ,दस से दस हजार ,सबलै प्रतिज्ञाएं सुधार ले आयेगे .
हम सुधरेगें सब सुधरेंगे ।
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भावों के मोती
21 06 19
विषय - योग स्वास्थ्य
योग क्या है
योग यानी जोड़ना
शरीर,मन और आत्मा को एक साथ लाना
योग आध्यात्मिक ऊंचाई है,
जो दिखाता आलोकिक संसार है
योग के स्थूल अनुभव रोगों से छुटकारा
उर्जा वान भौतिक देह स्वास्थ्य लाभ
योग का मानसिक अनुभव मस्तिष्क से तनाव,चिंता,अवसाद और
नकारात्मक भावों से छुटकारा।
योग का उच्चतम अनुभव
मनुष्य का आध्यात्म की ओर प्रस्थान
सांसारिक बन्धनों और चिन्ताओं से मुक्ति
परमानंद प्राप्ति को अग्रसर
जहाँ सिर्फ आनंद ही आनंद है |
स्वरचित
कुसुम कोठारी।
@@@@@@@@@@@@
योग कुयोग
कर्मगति दुर्योग
भोगते लोग।।
योग वियोग
संभावित संयोग
राजयोगिनी।।
वृत्ति निरोध
बाधा विलास भोग
भोगते रोग।।
लंपट योग
दूध के धुले लोग
करते भोग।।
प्राचीन योग
संकर रूप योगा
करते भोग।।
चित्त की वृत्ति
योग करे निरोध
साधे न सधे।।
योगी साधता
कठिन हठ योग
ईश्वर मिले।।
भागते रोग
करिये रोज योग
आलस्य छोड़ें।।
गंगा भावुक
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योग दिवस
मेरी शुभकामना
आप मित्रों को
👏👏👏
योग की शक्ति
मन में इस भक्ति
दीर्घायु बने
👏👏👏👏
किया है योग
हकीकत में भागे
तन के रोग
👏👏👏👏
कर लो योग
भगाओ सब रोग
सुख लो भोग
👏👏👏👏
योग की माया
तन रहता स्वस्थ
सुखों की छाया
👏👏👏👏
मुफ्त की दवा
खुद ले और बाटें
नाम है योगा
👏👏👏👏
दिखा है आज
योग का परिणाम
स्वस्थ हैं आप
👏👏👏👏
कैसे हो स्वस्थ
साल में एक दिन
योग दिवस
👏👏👏👏
उम्र बढ़ाओ
और रहिए युवा
करके योगा
👏👏👏👏
बिना दवाई
ठीक रहोगे भाई
कर तू योगा
👏👏👏
===रचनाकार ===
मुकेश भद्रावले
हरदा मध्यप्रदेश
21/06/2017
@@@@@@@@@@@@
21जून योग दिवस पर शुभकामनाएं
नमन
भावों के मोती
**
मोदीजी के संदशो में
"योग "भी है बड़ा संदेश
विश्व में जो बन गया है
सुन्दर और प्रेरक परिवेश।
स्वागत करें योग से हमसब
सूर्य की जगमग किरणों का
अति सुंदर संदेश है यह
मानव के सुस्वास्थ का।
चार वर्ष के इस संदेश से
छाया उत्साह डगर डगर
योगा मय हो गया है आज
देश का शहर शहर।
"आज"ही नहीं-नित्य ही
योग को सब अपनाये,
योग से रहते हैं स्वस्थ
इस सत्य को आजमाये।
साधना श्री वास्तव
सूरत
स्वरचित
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योग दिवस की शुभकामनाएं🌹🌹🌹🌹
योग
पल दो पल का उपयोग करें
निज तन-मन को निरोग करें
आओ, मिलकर हम योग करें
आओ, मिलकर हम योग करें
नाड़ी शोधित हो और शुचित हो
प्राण-वायु न कभी संकुचित हो
प्राणायाम का पुलक प्रयोग करें
आओ, मिलकर हम योग करें
सरल, सजग मन चेतन काया
लगे लुभावन जग में सब माया
हुलषित जीवन का उपभोग करें
आओ, मिलकर हम योग करें
-©नवल किशोर सिंह
21-06-2019
स्वरचित
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आज का विषय योग,
ईश्वर खोज,
निष्कपट भाव मन,
भक्ति योग है।।
2/उत्कट प्रेम,
भगवान के प्रति,
भक्ति योग है।।
3/सबके प्रति,
सच्चा प्रेम का होना,
प्रेम योग है।।
4/मन संयम,
मन शक्तिशाली हो,
राज योग है,
5/एक विषय,
एक समय पर
चितन मनन हो
केवल एक
कार्य की कुशलता
समय सदुपयोग।।
सेदोका मेरे।
स्वरचित देवेन्द्रनारायण दासबसना छग।।
@@@@@@@@@@@@
21-6-2019
विषय/- योग
विधा :-सरसी छंद
करें संकल्प योग दिवस पर , नित्य करें गें योग ।
खेल अनूठा ये साँसों का ,दूर करे सब रोग ।।१।।
मानव मन जब अस्थिर होए , विचलित होए श्वास ।
करे प्राणायाम नित आदमी , हो सेहत का भास ।।२।।
योग पतंजलि का होय सफल , , करो योग अभ्यास ।
अन्तर मन में जो घट रहा , करिए उसमें वास ।।३।।
योग साधना जब करनी हो , मन को करो फ़क़ीर ।
योग में चाहिए दो वस्तु ही , मन के संग शरीर ।।४।।
करे उपचार नहीं औषधी , भोग रहें हों रोग ।
तन अंदर की निष्क्रियता को , बतला देता योग ।।५।।
सूर्य नमस्कार जो मित करे , होते दूर विकार ।
योग उपकरण देह शुद्धि का ,करे रोग उपचार ।।६।।
लाखों लगी बीमारियों का , एक योग उपचार ।
इसके नित्य के अभ्यास से , रहें नहीं बीमार ।।७।।
इक्कीस जून को योग दिवस , मना रहा संसार ।
विश्व योग से भोग करे तो ,लोग न हों बीमार ।।८।।
स्वरचित :-
ऊषा सेठी
सिरसा 125055 ( हरियाणा )
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नमन मंच
शीर्षक --योग-स्वास्थ्य
21/6/2019::शुक्रवार
योग दिवस की हार्दिक बधाई
चलो सब मिल हम कर लें योग।
साँस साँस को साध चले फिर, दूर भगाएँ रोग।।
अगर करें हम योग नित्य तो, होंगे सदा निरोग।।
ऋषि मुनियों की ये है पद्धति, कर लो सद-उपयोग।।
आनन्द की अनभूति मिले है, शान्त चित्त संजोग।।
तन सँग स्वस्थ करे ये मन भी,चिरायु होते लोग।।
पहचान बनी अंतर-राष्ट्रिय, पाया सुखद सुयोग।।
इक्कीस जून बड़ा दिन सबसे,दिवस विश्व ये योग।।
योगा का दम भरने वालों, योगा योग नियोग।।
रजनी रामदेव
न्यू दिल्ली
नियोग--प्रयोग होने वाला
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नमन "भावो के मोती"
21/06/2019
योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ💐🌹💐
"योग"
################
प्रात: उठकर सूर्य प्रणाम करे,
नित्य प्रति योग व्यायाम करें,
यह दवा से कोसों दूर रखे,
तन औ मन दोनों निरोग रखे।
सुबह-सुबह योगाभ्यास करें,
आलस्य बिल्कुल भी ना करें,
बात समझने की हमारी है,
निज स्वास्थ्य की जिम्मेदारीहै
नित्य प्रात: भ्रमण करें,
शीतल भोर का आनंद लें,
दिनभर स्फूर्तिवान रहें,
परिवार में सुख शांति रहे।।
स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल।
@@@@@@@@@@@@
🌹🙏नमन मंच🙏🌹
आदरणीय गुरुजन को
🌹🙏 नमन 🙏🌹
विषय-योग/स्वास्थ्य
दिनांक-21/06/19
योग के बल पर अनुसुइया
ब्रह्म को शिशु रूप दिया
माता बनी ईश की
प्रभु ने स्तनपान किया
योग दिक्षा से अर्जुन की
आँखों में उभरा नवचित्र
दूर हुआ सब संशय
पाकर कृष्ण सा मित्र
संत योगानंद ने जब
धर्म का विस्तार किया
घूम घूमकर विश्व में.....
योग का प्रचार किया
आज भारत के #योग को
दुनिया ने स्वीकारा है
विश्व गुरु बनेगा भारत
ये संकल्प हमारा है।।
***स्वरचित****
--सीमा आचार्य--
@@@@@@@@@@@@
1*भा.21/6/2019/शुक्रवार
बिषयःः#योग/स्वास्थ्य#
विधाःःकाव्यःः
रहें निरोग यदि योग करें।
प्रतिपल का उपयोग करें।
आलस हमें त्यागना होगा,
सब अच्छे रहने योग करें।
योग जोडता हमको मन से।
योग संवारता सबको तन से।
महर्षि पतंजलि ने समझाया,
योग जोडता सुख जीवन से।
अनेक कलाऐं योग से आती।
कई बीमारियां योग से जातीं।
ये बिन दौलत की बडी दवाई,
सुसुंन्दर काया योग से आती।
सब आज ठान लें योग करेंगे।
हम सदैव निरोगी सभी रहेंगे।
स्वस्थ रहें तो खुशियां मिलतीं,
शुभ धन का सदुपयोग करेंगे।
स्वरचितःः ः
इंजी. शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.
जय जय श्री राम राम जी
1भा.21/62019/शुक्रवार
#योग/स्वास्थ्य#काव्यः ः
@@@@@@@@@@@@
दि- 21-6-19
विषय- योग /स्वास्थ्य
सादर मंच को समर्पित --
🌹योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌹
🌹 दोहावली 🌹
********************
योग करें नित ध्यानमय , रहें रोग से दूर ।
काया स्वस्थ निरोग मन , चुस्ती हो भरपूर।।
🌺🌹💧🍊🌷
मानव के दो शत्रु हैं , आलस और थकान ।
योग ध्यान से दूर हो , मंजिल हो आसान।।
🌺☀🌻🌴🌸
हो निरोग तन-मन सदा , जीवन में उल्लास ।
चुस्त रहें योगी सभी , रोग न आयें पास ।।
🍊🌸🌴🌹☀
ध्यान जीवनी मंत्र है , जोड़े तन-मन कर्म ।
योग साथ अभ्यास से , बढ़े साधना धर्म ।।
🌺🌻🌺🌻🌺🌻
🌴🍊**....रवीन्द्र वर्मा आगरा
मो0- 8532852618
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नमन - सम्मानित मंच
०००००००००००००
21 - 06 - 2019
विषय - योग / स्वास्थ्य
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
गीतिका
---------
स्वामी जी कहते सदा,
योग भगाये रोग,
बात पते की है यही,
सुंदर सुखद सुयोग।
बातों में टालो नहीं,
सुनो - सुनो हे मीत,
तन मन रहते स्वस्थ हैं,
करे सदा जो योग।
ऋषि मुनियों की देन है,
युगों - युगों की रीत,
लाभ उठायें हम सभी,
दें सबको सहयोग।
तन से मन का योग हो,
आत्मा भी हो पुष्ट,
पश्चिम भी अब मानता,
श्रेष्ठ विधा है योग।
बिन औषधि तन स्वस्थ हो,
खर्चा भी हो शून्य,
सुखमय जीवन के लिए,
सब अपनाओ योग।
~~~~~~~~~
मुरारि पचलंगिया
भावों के मोती दिनांक 21/6/19
योग
योग के रंग में
रंगी है दुनियाँ
हर तरफ हैं
योग की खुशियाँ
मन शरीर रहे
स्वस्थ अब
योग है साथी
सब का अब
बचपन में
खेल कूद
करते थे सब
आफिस की
भागदौड़
करते है सब
महिलाए घरेलू
कामों में
संलग्न रह ,
रहती है फिट
बुढापे में
घूमते फिरते
है सब
फिर भी
महत्व है
योग का
जीवन में
योग करो
स्वस्थ रहो
स्वस्थ जीवन
का राज
है यही
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
नमन मंच को
दिन :- शुक्रवार
दिनांक :- 21/06/2019
शीर्षक :- स्वास्थ्य/योग
योग!साधना है..
योग!आराधना है..
योग!तप है..
योग!जप है..
योग!मान है..
योग!ज्ञान है..
योग!भारतीय संस्कृति का स्वाभिमान है..
योग!सकल विश्व का अभिमान है..
योग!स्वास्थ्य है..
योग!स्वाध्याय है..
योग!आत्मचिंतन है..
योग!आत्मसिंचन है..
योग!आत्मा है..
योग!परमात्मा है..
योग!नियंत्रित करता मनःस्थिति..
योग!बदल देता है वस्तुस्थिति..
योग!शक्ति है..
योग!भक्ति है..
योग!आसक्ति है..
योग!विरक्ति है..
योग!आधार है..
योग!निर्विकार है..
योग!जागृत करता आत्मविश्वास..
योग!करता मानसिक विकास..
स्वरचित :- मुकेश राठौड़
नमन भावों के मोती
शीर्षक --योग/स्वास्थ्य
दिनांक --21-6-19
विधा--दोहे
1
मने इक्कीस जून को,योग दिवस सर्वत्र।
सेहत भरा शरीर हो,रोग हरण का अस्त्र।।
2
सबसे लंबे दिवस को ,दिवस बनाया योग।
लम्बी आयु रहे सदा, ऐसा रचा प्रयोग।।
3
परंपरा प्राचीन है,है अमूल्य उपहार।
देह-दिमागी एकता,यही योग का सार।।
4
आधा घण्टा रोज यदि,करे योग इंसान।
प्रफ्फुलता मन में भरे,हर्षित तन का यान।।
5
श्वांस रोकना,छोड़ना, बढ़े प्राण आयाम।
मिले तसल्ली हृदय को,मनचाहा आराम।।
6
ज्यों ज्यों योग अवधि बढ़े,घटता है अवसाद।
जीवन में खुशियाँ बढ़ें,रखें सदा ये याद।।
******स्वरचित*******
प्रबोध मिश्र 'हितैषी'
बड़वानी(म.प्र.)451551
"नमन भावों के मोती"
21 /06 /19 --शुक्रवार
आज का शीर्षक आ0 मनीष श्रीवास्तव जी की ओर से
""योग/स्वास्थ्य"
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"दोहे"
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रोगों और तनाव का ,. . . होगा सहज निदान।
नियमित ही यदि कर सकें,योग सभी इंसान।।
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है मानव मस्तिष्क में ,सदा भोग हो भोग।
भोगों से निवृत्ति का ,होता साधन योग।।
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भोगों के कारण हुआ,जीवन कठिन कराल।
योग कीजिये ठीक हो,इस जीवन का हाल।।
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रोगों और तनाव से ,ये जीवन बेकार।
योगों से हों देह के ,सारे रोग निवार।।
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"दिनेश प्रताप सिंह चौहान"
(स्वरचित)
एटा --यूपी
नमन मंच भावों के मोती
दिनांक-21-6-2019
वार-शुक्रवार
विषय-योग
योग से हमने करली माया।
स्वस्थ रहेगी हमारी काया।
सूर्योदय पहले ही उठकर-
हमने योग आसन लगाया।
अनुलोम विलोम है करना।
धीरे अंदर साँस को भरना।
नाक का एक छिद्र बंद कर-
दुजे छिद्र से बाहर करना।
स्वरचित कुसुम त्रिवेदी
नमन मंच २१/०६/२०१९
विषय--योग, स्वास्थ्य
योग एक प्रक्रिया है,जो रखता सबको स्वस्थ,
योग को अपना कर के , सब हो जाते हैं धन्य।
ऋषियों ने इसको खोजा, मुनियों ने अपनाया इसको,
रखता तन को स्वस्थ, मिटाता सभी विकारों को।
जो भी इसको अपनाता, वह नित शांति है पाता,
है सलाह आगे बढो, योग अपना लो जीवन में।
रखे नियंत्रण इंद्रियों पर,हर ले मन की पीर,
काया हर पल दमके उसकी, अपनाए जो योग।
हाथ जोड़ विनती करुं ,अपना लो सब योग,
स्वस्थ रखेगा तन मन सबका, हर्षित होगा मन।
(अशोक राय वत्स) © स्वरचित
नमन भावों के मोती
विषय - योग/ स्वास्थ्य
21/06/19
शुक्रवार
दोहे
योगः कर्मसु कौशलम् ,मंत्र करें सब याद।
स्वस्थ रखें तन और मन,खुशियाँ हों आबाद।।
योग एक व्यायाम है , करें नित्य अभ्यास।
चुस्ती- फुर्ती के लिए , यह आता है रास।।
योग-कर्म जो नर करे , रहे सदा संतुष्ट ।
क्योंकि नियंत्रित मन रहे , और भावना पुष्ट।।
प्रातः उठकर योग का , जो रखता है ध्यान।
जीवन भर उसको मिले , स्वास्थ्य रूप वरदान।।
योग - कर्म का दें सदा , लोगों को संदेश ।
जिससे सबको ही मिले, स्वस्थ , सुखद परिवेश।।
योग बुद्धि स्थिर करे , और बढाए ज्ञान ।
लक्ष्य प्राप्त करके मनुज, पाता है सम्मान।।
विश्व पटल पर योग को , देते सब सम्मान ।
इसीलिए अब बढ़ रहा , योग- दिवस का मान।।
स्वरचित
डॉ ललिता सेंगर
नमन सम्मानित मंच
(योग/स्वास्थ्य)
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आध्यात्मिक ध्यान प्रक्रिया चारु,
योग बसुन्धरा के शुचि तल पर,
भौतिक देह, मनस, आत्मा को,
लाती नित्य एक सुतल पर।
आसन-व्यायाम नहीं मात्र शुचि,
एकीकरण भावनात्मक चारु,
तत्व रहस्यवादी विश्लेषण संग,
आध्यात्मिकता सर्वोच्च शिखर।
विज्ञान पुरातन देवभूमि की,
अति प्राचीन अनूठी शैली,
अपरिहार्य मानव जीवन का,
कर्मप्रधान योग शुचि शैली।
सुस्वास्थ्य प्रदायक,नाड़ी शोधक,
योगासन बसुधा-तल पर,
करता स्वाँसों का शुचि नियमन,
आत्म- बोध हित सोपान प्रथम।
समग्र चेतना के विकास की,
योग प्रक्रिया तनिक जटिलतर,
योग लक्ष्य मानवता हितमय,
मोक्ष मात्र धरिणी के तल पर।
--स्वरचित--
(अरुण)
2*भा.21/6/2019/शुक्रवार
बिषयःः#योग/स्वास्थ्य#
विधाःः मुक्तक
नित्य करें हम योग नहीं कोई लाचारी।
निर्मल तनमन होता नहीं कोई बीमारी।
विश्व योगादिवस है आज सेआलस छोडें,
स्वस्थ रहें आवश्यक नहीं कोई तीमारी।
महर्षि पतंजलि से हमें वरदान मिला है।
हुआ दुनियां में नाम हमें सम्मान मिला है।
योग दिवस पर हम चिंतन कर इसे बढाऐं,
सच्ची अपने भारत को हनुमान मिला है।
योगा से अपना तन निर्मल विकसित होता।
हरदिन करें तो सबका मन प्रफुल्लित होता।
स्वस्थ रहेंगे जीवन भर हम सही मान लें,
रहें निरोगी रोम रोम जन हर्षित होता।
स्वरचितःः ःसर्वथामौलिक
इंजी. शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.
जय जय श्री राम
2भा.#योग#मुक्तक
21/6/2109/शुक्रवार
नमन भावों के मोती
विषय -योग /स्वास्थ्य
प्राण निधान
ईश्वर प्रणिधान
योग विधान
भारत का विज्ञान
जाने सारा जहान
सूर्य , चंद्र और धरा
सब अनुशासित योगी हैं ।
इसीलिए ये सब
चिरंजीवी जोगी हैं ।
कहता नित अरूणिम सबेरा
उठो नींद से जागो
करो सूर्य नमस्कार
दूर हो तन मन का विकार ।
करो योग रहो निरोग
स्वस्थ ,सफल जीवन का
बने फिर सुंदर सुयोग ।
कहती यही भारत की पुण्य धरा
योग करो, योग करो
चित्त और चरित्र निरोग करो ।
करो आत्म दर्शन बनो सुदर्शन
भारत का योग बना
सम्पूर्ण विश्व का आकर्षण ।
यही कहा श्री कृष्ण ने ,
महर्षि पतंजलि का यही योग दर्शन ।
सत्कर्मों की सुंदर पूंजी
यही दिव्य योग की कुंजी ।
(स्वरचित )सुलोचना सिंह
भिलाई (दुर्ग )
मंच को नमन
दिनांक-21/6/2019
विषय-योग/स्वास्थ्य
शब्द योग किसी परिचय का मोहताज नही
महर्षि पतंजलि का नाम किसको ज्ञात नही !
‘योगसूत्र’ में लिखा गया है पूरा योग -विधान
चिकित्सा-क्षेत्र में इसने पाया मान-सम्मान
अतीत के पन्नो में यह दबा दिया गया
पाकर सुअवसर ख़ुद से अवतरित हुआ
अनेक बाबाओं ने जहाँ राम रहीम के नाम पर छला
बाबा रामदेव ने वहाँ योग अलख जगा दिया
भक्तजनों ने योग पढ़ा,उपयोगिता को गढ़ा
इसकी सार्थकता को जीवंत बना दिया
आज जन-जन में बहुत लोकप्रिय है योग
निज जीवन शैली में शामिल कर चुके हैं लोग
इसकी वैज्ञानिकता को विज्ञान ने सराहा
चिकित्सको ने इसे अचूक इलाज बताया
मेडिकल ने जहाँ अपने घुटने टेके
योग क्रिया ने मानो नव प्राण फूंके
टी॰ वी० चैनल्स ने भी अपना दायित्व निभाया
योग-साधना कार्यक्रमों को प्रतिदिन दिखलाया
छापाखाना भी खुलकर आगे आया
योग विषय पर साहित्य लिखवाया
इलाज है बेमोल,लाजवाब परिणाम
कहीं भी,कभी भी कर सकते प्राणायाम
बच्चे.बूढ़े,युवाओं को भाया
नर-नारी का जिसने भेद मिटाया
नेता-अभिनेता है सब इसके क़ायल
सुघड़ काया से वे करते घायल
भारतवर्ष में योग का डंका बजता
२१ जून को प्रतिवर्ष यह दिवस मनता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब इसको मिली पहचान
योग दिवस मनाने लगा सकल ज़हान
सौ बातों की एक ही बात,एक ही बात
ना इसका कोई मज़हब,ना इसकी कोई जात
स्वस्थ रखने में रहता ‘योग’ का योग
‘योग’ का सुदर्शन सदा रखता निरोग
✍🏻संतोष कुमारी’ संप्रीति ‘
मौलिक एवं स्वरचित
सादर नमन
विधा-हाईकु
विषय- योग
१
योग का साया
आलस त्याग कर
निरोगी काया
२
योग औषधि
स्वयं हैं चिकित्सक
बढ़ती उम्र
३
योग दिवस
ओम का उच्चारण
इक्कीस जून
***
स्वरचित-रेखा रविदत्त
21/6/19
शुक्रवार
सादर नमन भावों के मोती
21/06/2019
1-
सांसों का खेल,
योग मुद्रा का मेल,
चैतन्य मन ।
2-
संग पवन,
तन-मन दोहन,
योग जीवन ।
3-
इक्कीस जून,
विश्व योग दिवस,
हित सर्वस्व ।
4-
रोग न लेश,
स्वस्थ हो परिवेश,
योग संदेश ।
5-
नहीं विकल्प,
योग से कायाकल्प,
मन संकल्प ।
-- नीता अग्रवाल
#स्वरचित
नमन भावों के मोती
दिन :- शुक्रवार
दिनांक:- 21/06/19
विषय:- योग
विधा :- दोहा
***********************************
योग हमारे देश का, युग-युग की पहचान।
अपनाओ इसको सरल,मिला जगत में मान।(1)
जो करता नित योग को, बनता सबल शरीर।
चंचलता मन की मिटे, मनुज बने गम्भीर।।(2)
रखना स्वस्थ शरीर तो, नित्य कीजिए योग।
तन का आलस दूर हो, काया रहे निरोग।।(3)
योग दिवस पर कीजिए, बस इतना संकल्प।
रहना अगर निरोग तो,चुनिए योग विकल्प।।(4)
प्रातकाल उठकर"सरल", योग करो भरपूर।
दुर्बलता तन की मिटे, सभी रोग हों दूर।।(5)
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स्वरचित
शिवेन्द्र सिंह चौहान"सरल"
ग्वालियर मध्यप्रदेश
@सर्वाधिकार सुरक्षित
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