Monday, April 8

''' चैत्र / नव वर्ष / नवरात्रि" 06अप्रैल 2019

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             ब्लॉग संख्या :-350






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*  भावो के मोती *
     °°°°°°°°°°°°°
*   तिथि -  06 अप्रेल 2019
*  वार --  शनिवार
*  शीर्षक शब्द -  चैत्र /  नव वर्ष /  नवरात्री
*  विधा -  बंधन मुक्त मुक्तक
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नव वर्ष आया,चैत्र से चेतो मिटा दो सारे व्यवधान को |
नव ऊर्जा संग लिए,चमका दो अपने  हिन्दुस्तान को ||
नव पथ हमारी बाट जोहता ,लक्ष्य तड़फते आने को ?
आओ संग आप भी ,लाये फिर खोयी मुस्कान को ||
* प्रहलाद मराठा
* मुक्तक स्वयं रचित ,मौलिक सर्व अधिकार सुरक्षित
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नमन  मंच   भावों के मोती
तिथि         06/04/19
विषय          चैत्र /नव वर्ष
विधा         पिरामिड
***
पिरामिड
****
ये
चैत्र
प्रथमा
हिन्दू वर्ष
मन में हर्ष
नव संवत्सर
माँ,आस पूरी कर ।
नौ
रूप
माँ दुर्गे
शक्ति पुंजे
शरणागत
जीवन अक्षत
शुभ नव संवत ।
स्वरचित
अनिता सुधीर
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नमन🙏🌹भावों के मोती🌹🙏
सभी गुणीजनों को प्रणाम
विषय-🌹नवरात्रि🌹
🙏🌹नवरात्रि की शुभ कामनाएं🌹🙏
🍂🌺🍂🌺.🍂
लाल जोडे में सज आई देखो माँ वरदातिए
ध्वजा नारियल इसे चढाओ ये कष्ट मिटाती है
🍂🌺🍂🌺🍂
दुर्गा ,काली ,लक्ष्मी,ज्वाला कितने नाम समाहित हैं
निरंकार है ज्योति तुम्हारी आँखों में बस जाती है
🍂🌺🍂🌺🍂
शशि ललाट है नेत्र लाल हैं रूप नया दिखलाती हो
करती हो पालन सबका अंनपूर्णा कहलाती हो
🍂🌺🍂🌺🍂
देती सुबुद्धि जन जन को कुबुद्धि को हर लेती हो
बढे पाप धरती पर जब जब चंडी तुम बन जाती हो
🍂🌺🍂🌺🍂
हाथ रखना माँ सर पर मेरे विपदा दूर भगाती हो
हाथ जोड कर खडी है"नीलू" वरदायिनी कहलाती हो
🍂🌺🍂🌺🍂
🌹स्वरचित🌹
नीलम शर्मा#नीलू
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दिन-शनिवार
दिनांक-6 /4/2019
नमन मंच ,भावों के मोती
शीर्षक     चैत्र,नववर्ष,नव रात्रि
विधा        कविता
06 अप्रैल सम्वत   2076
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2076
स्वागत प्रिय अभिनन्दन
घर द्वार रंगोली सजने दो
कोटि हिय हिंदू सुवंदन
     ऋतुराज बासन्ती प्रकृति
     सुस्वागत तनमन से करती
     सुमन कली शाखायें हिलती
     हर नर नारी वह मन हरती
सत्य सनातनी नव सम्वत है
नव दिन बाद श्री राम पधारे
वाल्मिकी मैथिली तुलसी ने
भक्तिमय भव नव चित्र उतारे
      नववर्ष मंगलमय पावन है
      भगवा नूतन ध्वज फहराओ
      करो अर्चना देवालय जाकर
      गीत खुशी के मिल सब गाओ
सुखकारी मंगलकारी हो
स्वस्थ सुखी सदा विश्व मे
सद कर्मो की बहे सुरसरी
सर्व शक्तियां बसे ईश  में
         नवरात्रि पूजन अर्चन  से
         माँ दुर्गा मानस नर गाता
         दुर्लभ सभी सुलभ बनते
         मन इच्छित वह फल पाता
नववर्ष में प्रिय देश हमारा
विकसित हो जग मान बढ़ावे
देश भक्ति से ओतप्रोत हो
विश्व तिरंगा अंतरिक्ष लहरावे।।
स्व0रचित,मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान।
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6अप्रैल2019
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चैत्र/नववर्ष/नवरात्रि।
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नमन मन्च।
नमन गुरुजनों,
मित्रों।
🌹🌹🌹🌹🌹
आ गया नवरात्रि,
माँ की पूजा कर लो।
तन,मन,धन अर्पित कर,
ध्यान माँ का धर लो।
खुश होंगी माँ जब तुमपर,
देंगी आशिर्बाद।
धन,धान्य से भरा रहेगा,
सदा तेरा भण्डार।
गंगाजल,पुष्प,चन्दन,
धुप,दीप, नैवेद्य।
इन सबको अर्पित कर पूजा कर,
मिटेंगे सारे क्लेश।
बिघ्नहर्ता माँ,
अष्टभुजा धारिणी।
बिघ्न करेंगी दूर,
माँ शत्रुविनाशिनी।
माँ जगदम्बे खुश रहना सदा,
देना हमें आशीष।
असहाय पर रहना सदा सहाय,
देना ख़ुशी का सन्देश।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
स्वरचित
वीणा झा
बोकारो स्टील सिटी
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
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''नव रात्रि"
🌹जय माँ अम्बे🌹
अम्बे जग की तारणहार
जग के कष्ट निवारणहार
मेरी भी माँ सुनले अरज
कब से तुझको दूँ पुकार ...
सबको वर दिये माँ तूने
सबके कष्ट हरे माँ तूने
तेरी कृपा जग ने जानी
दीन दुखियों की सरकार ...
दर से कोई गया न खाली
शेरा वाली ! लांटा वाली !
अपनी नेह नजर का माँ
हम पर भी करदे उपकार ...
भाग्य विधाता तूँ ही माता
तेरी कृपा से सब हो जाता
कब करोगी कृपा दृष्टि माँ
तेरा ही ''शिवम" आधार ....
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 06/04/2019
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नमन भावों के मोती ,
शनिवार ,
6 , 4 , 2019 ,
नव रात्रि , चैत्र ,नव-वर्ष
हो
हिन्दू
संवत
नव वर्ष
मंगलमय
शुम कामनाएं
मित्रों आपको मिलें |
माँ
भक्ति
पूजन
जगदम्बा
आशिष पायें
चैत्र नव रात्रि
मंगलमय आई |
ये
चैत्र
फसल
गेहूँ चना
किसान खुश
उत्सव मनाते
नववर्ष कहते |
हैं
हम
शुक्रिया
नव वर्ष
माँ की कृपा का
घर परिवार  
हमेशा खुशहाल |
हो
मन
पावन
स्वस्थ तन
मेल मिलाप
प्यार परस्पर
अब की नव रात्रि |
जो
हम
संकल्प
नव रात्रि
सेवा भावना
दान शीलता
विकास मानवता |
स्वरचित , मीना शर्मा , मध्यप्रदेश ,
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नमन मंच को
दिन :- शनिवार
दिनांक :- 06/04/2019
विषय :-चैत्र /नववर्ष/नवरात्रि
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐💐💐
फसलें कटकर घर आई,
चारों तरफ खुशहाली छाई।
प्रकृति ने डाला पीत वसन,
झूमने लगी है हर अमराई।
पत्तों में झड़ने की होड़ लगी,
नवकोपल अब खिलने को है।
नववर्ष की आई मंगल घड़ियाँ,
धरा भी नवरंग में रंगने को है।
गूँज रहा है नाद भक्ति का,
आया है त्योहार शक्ति का।
मंदिर मंदिर हो रहे कीर्तन,
बंट रहा है प्रसाद भक्ति का।
अभिनंदन है नव संवत्सर का,
है अभिनंदन नव उल्लास का।
गुड़ सी मिठास फैलाएं चहुँओर,
पर्व मनाएं यह हर्षोल्लास का।
स्वरचित :- मुकेश राठौड़
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II नववर्ष / नवरात्री पर्व II नमन भावों के मोती... सब को नवरात्री पर्व...नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनायें.... माँ सर्वत्र मंगल करे.... जय हो... 
II   नवदुर्गा वंदना  II
हे अम्बिके जगदम्बिके….
वंदना तेरी वंदना….
ओजस्विनी…तमहारिणी
करुणामयी तेरी वंदना…..
कर कमल और तिरशूल माँ…
खडग कर दे हर दंम्भ चूर माँ…
भव तारिणी…ह्रदय वासिनी…
नवदुर्गे रूप माहेश्वरी….
वंदना तेरी वंदना….
नवदुर्गे रूप माहेश्वरी….
मैं स्वाह पाप करून सभी…
तप तेरे नाम के यज्ञ माँ…
हो ऊर्जा नयी संचार माँ…
शैलपुत्री…ब्रह्मचारिणी…
वंदना तेरी वंदना….
शैलपुत्री…ब्रह्मचारिणी…
हरो क्रोध भर दो ओज माँ…
तेरे चरणों में रहे ध्यान माँ….
चन्दर धारिणी चक्र धारिणी….
चन्दरघंटा…कूष्माण्डी माँ…
वंदना तेरी वंदना…..
चन्दरघंटा…कूष्माण्डी….
मन संत हो तुझमें रमा रहे…
खिला कमल ऐसे खिला रहे…
कमल वासिनी संत तारिणी…
स्कंदमात…कात्यायीनी माँ….
वंदना तेरी वंदना…..
स्कंदमात…कात्यायीनी….
करो भस्म पाँचों दोष माँ…
हो उज्वल मेरा तन मन माँ…
शुभ कुमारी..कालरात्रि…
परमेश्वरी….महांगौरी माँ…
वंदना तेरी वंदना….
कालरात्रि…महांगौरी माँ…
हर दिल में तेरा प्यार हो…
धारण ह्रदय सब के धर्म हो…
हो संतोष और आनंद माँ…
सिद्धिदात्री धर्म धारिणी….
वंदना तेरी वंदना….
सिद्धिदात्री धर्म धारिणी….
हर रूप तेरा अनंत माँ…
सभी सुख तेरे चरणों में माँ…
हर बाल तेरा खुशहाल हो…
तेरे चरण हों सबका वास माँ…
वरदायिनी…सिंहवाहिनी…
जगदीश्वरी तेरी वंदना….
II स्वरचित - सी.एम्.शर्मा II
०६.०४.२०१९
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नमन भावों के मोती
दिनांक - 06/04/2019
विषय - नव वर्ष /नवरात्र
सुन लो पुकार
     **********
गूँजता क्रंदन यहाँ,
    सुन लो पुकार भी।
       आस लगाए बैठे हैं,
          करो तुम उद्धार भी।
धर वेश चंडी का,
     दुष्टों को संहार दे।
        रूप ले ममता का,
           भक्तों को दुलार दे।
घूमते कितने चंड-मुंड,
  करते उत्पात रात-दिन।
           वसुधा भी बेचैन है,
               गए सारे चैन छीन।
माँ, अपनी संतानों में,
      सिंह का दहाड़ भर।
           करो शत्रु का दलन,
                 दे वर न देर कर।
प्रकाशित हो हर उर,
      निर्मल ज्ञान पुंज से।
       दिग-दिगंतर गूँजित हो
            शंख नाद की गूँज से।
         डॉ उषा किरण
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नमन मंच 🙏
दिन :- शनिवार
दिनांक :- 06/04/2019
विषय :-चैत्र /नववर्ष/नवरात्रि
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं💐💐😊
******************
जय हो माँ तेरी अम्बे भवानी,
घर मेरे आई तु चढ़ शेर सवारी,
नवरात्रि पर्व का हो गया आगमन,
तेरे दरश को माँ खड़े हैं भक्त जन,
चैत्र नववर्ष का हुआ शुभारंभ,
प्रकृति दिखाये नया रूप रंग,
घर-घर में माँ तेरा दरबार सजा है,
तेरे हर रूप का श्रृंगार हो रहा है,
भजन कीर्तन खूब हो रहें हैं,
तेरी भक्ति में सब मगन हो रहे हैं,
नौ दिन हर घर में माँ लगाना दरबार,
सिर पर सभी के रखना तुम हाथ |
   स्वरचित *संगीता कुकरेती*
अति भाव भक्तिमय वन्दना
स्नेहमयी पुत्रों ने अर्पण की
सिंहवाहिनी वरदायिनी माता
वर्ण छंद काव्य समर्पण  की।
    माँ कल्याणी तुम हितकारी
   खुशहाली जगति में लाओ
   भक्त जनों पर कृपा तुम्हारी
    बिगड़े काज सदा बनाओ
असंभव संभव माँ करती
जगति हित क्या न करती
भक्तों की रक्षार्थ सदा माँ
आनन फानन पीड़ा हरती
     छल कपट को दूर हटाओ
     मनोवांछित हर फल दो माँ
     हाथ पसारे हम सब बैठे हैं
     खाली झोली अब भरदो माँ
हम अज्ञानी मूर्ख सभी हैं
भाव भक्ति हम क्या जाने
माता तेरे चरण पूजते हम
बस,हृदय से हम तुम्हे माने।।
स्व0 रचित,मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम्
कोटा,राजस्थान।
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नव वर्ष मंगलमय हो ....
विदा हुआ फागुनी मौसम
माह चैत्र का हुआ आगमन
नव वर्ष का करे स्वागतम
प्रफुल्लित हुए पुष्प दल
कलियों ने ली अंगड़ाई
स्वर्णिम रश्मिया सजे द्वार पर
उषा की किरण मुस्कुराई।
पुष्प पर गुंजन करें भंवरे
शहद का मकरंद लिए
डाल डाल पर कोयलिया गाये
मीठे सुरो का कंठ लिए।
कल कल का बहती नदियां
प्रकृति  प्रेम में पाठ पढ़ाएं।
घर घर बाजे भजन कीर्तन
मां के चरणों में करे नर्तन...
सत्य प्रकाश सिंह केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज प्रयागराज
नव बर्ष
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भावो के मोती
6,4,19
💐💐💐
नव वर्ष की नई सुबह
क्या कुछ लेकर आई है,
गुड़ी पड़वा, चेट्टी चंड संग
राम नवमी की बधाई हो।
चैत्र मास का शुभारंभ
जिसमे राम जन्म का दिन!
राम कथा से जुड़े हुए हैं
भारत की संस्कृति के तार
रीति-रिवाज संग त्यौहार
यही हमारे संस्कार।।
देवी माँ भी संग-संग आती
नव रूपों में सजती
भक्ति-शक्ति संग ले आती
हम भक्तो का मन हरती!
नया साल मंगलमय हो,
आप सभी के संग मेरा
खुशियां सबको हासिल हो
मनोकामना पूरित हो।
स्मृति श्रीवास्तव
सूरत
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नमन मंच
दिनांक .. 06/04/2019
विषय .. चैत्र नववर्ष/ नवरात्रि
विधा ..लघु कविता
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🌻
सकल भू लोक का निर्माण,
ब्रहृमा ने किया था जो तिथि।
है चैत्र शुक्ला प्रतिपदा सा,
श्रेष्ठ दिन है वो तिथि।
🌻
नव सृजन का मधुमास है,
तम दूर दिव्य  प्रकाश है।
पुष्पो से उपवन है भरे,
मनभाव अन्तर्नाद है।
🌻
यह चैत्र मास का प्रतिपदा,
माँ शक्ति का जयगान है।
इस मास के नौ तिथि को ही,
श्रीराम का अवतार है।
🌻
यह चैत्र मास का शुक्ल पक्ष,
हिन्दू का पावन मास है।
इस पक्ष के दिन पुर्णिमा,
जन्मे जो प्रभु हनुमान है।
🌻
इस मास मे वो भाव है,
जहाँ भक्त अरू भगवान है।
नववर्ष की मंगल तिथि,
तुम्हे शेर का प्रणाम है।
🌻
स्वरचित एवं मौलिक
शेर सिंह सर्राफ
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नमन मंच " भावो के मोती "
शनिवार-6-4-2019
विषय-चैत/ नव वर्ष/नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं,,,सभी मित्रों
एक कुंडलियां,,,माँ को समर्पित
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मंगलकारी हो सदा, ,,, संवत्सर नव वर्ष/
प्रारंभ चैत्र मास से,,,,,,, नूतन हिन्दू वर्ष//
नूतन हिन्दू वर्ष,,,,,,,,,,,,संग माँ दुर्गा आईं /
घर -घर मंगल गान,,,,मधुर बाजै शहनाई/
सुन "वीणा" के बोल,, मातु-पूजन शुभकारी /
शुभम् होय नव वर्ष,,,दिवस हों मंगलकारी //
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#ब्रह्माणी वीणा हिन्दी साहित्यकार
शनिवार,दि.6/4/19.
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       नमनः भावों के मोती
   विषयः चैत्र नव वर्ष/नव रात्र
*
सुर-ऋषि-मुनीश्वर पूजिता,नवरात्र की नवशक्तियाँ।
सर्व मंगलकर शुभद,अर्चन-स्तव अभिव्यक्तियाँ।
नव मूर्तियाँ जो शक्ति की,दुर्गा कही जातीं वही,
'शैलपुत्री' प्रथम जिनकी , तपोमय अनुरक्तियाँ।
जो 'ब्रह्मचारिणि' दूसरी , सद्ब्रह्म - प्राप्ति सहायिका,
है  तीसरी  शुचि 'चंद्रघंटा' , चंद्र - युत  संसक्तियाँ।
जिसके  उदर  संसार - संस्थित  , चतुर्थी 'कूष्माण्डा',
शुभ 'स्कंदमाता' पाँचवीं ,सुर - सैन्य पूरक रिक्तियाँ।
'कात्यायनी' षष्ठी सुभग , सुर - कार्य  हित सिद्धि-प्रदा,
है 'कालरात्री' सातवीं ध्वंसक अचर-चर पंक्तियाँ।
जो 'महागौरी' आठवीं  तपसी , नवीं  मोक्ष - प्रदा,-
वह 'सिद्धिदात्री' नाम , फलप्रद अटल नवधा भक्तियाँ।।
             -- (स्वरचित):डा.'शितिकंठ'
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"नमन भावों के मोती"
06 /04 /19 -शनिवार
आज का विषय --चैत्र नववर्ष /नवरात्रि
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"भारतीय नववर्ष की बधाई"
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भारतीय नव वर्ष की,.  आप सभी को बधाई,
अर्घ्य सूर्य को देकर खायें,सब भरपेट मिठाई,
चैत्रशुक्लप्रतिपदा ही अपना,नयावर्ष होता है,
एक जनवरी नया वर्ष तो,.  नया वर्ष ईसाई।
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"दिनेश प्रताप सिंह चौहान"
(स्वरचित)
एटा --यूपी
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भावों के मोती
6/4/19
विषय-चैत्र/नववर्ष/नवरात्रि
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जय हो शेरा वाली माता
भक्तों की भाग्य विधाता
हर हर हर दुःख हर ले
भक्तों के दुःख माँ हर ले
चैत्र नवरात्रि आई
मैया का आशीष लाई
हम आएँ हैं तेरे द्वारे
मनचाही मुरादें पाने
आशाएं पूरी कर दे
भक्तों की झोली भर दे
जय हो शेरा वाली माता
भक्तों की भाग्य विधाता
अंधेरा भरा जीवन में
मार्ग न सूझे मन को
अंधों को आँखे देकर
जीवन को रोशन कर दे
जय हो मैया शेरा वाली
सबके दुखड़े हरने वाली
हर हर हर दुःख हर ले
संकट सबके माँ हर ले
बाँझन को पुत्रवती कर दे
खुशियों से गोदी भर दे
माँ भोग प्रसाद स्वीकारो
आओ माँ घर में मेरे पधारो
नववर्ष करो मंगलमय
खुशियांँ भरें कण-कण में
सारे कलह-क्लेश मिटाकर
आशीष का हाथ रखो सिर पर
जय शेरा वाली माता
भक्तों की भाग्य विधाता
***अनुराधा चौहान***©स्वरचित✍
दिनांक -6-4-2019
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स्वरचित  कविता
शीर्षक - "देवी मां"
देवी मां! देवी मां!
दुर्गा शक्ति भवानी
ध्यान धरूं मन में तेरा
निशदिन माता रानी
शुभ हों सारे काज
सरस हों जाएं ये नवरात्र
सुखद सुमंगल जीवन हो
सब ही हों सेवा के पात्र
दीन हीन पर दया करो
हे शिव की कल्याणी!
मधुर-मधुर भावों के मोती
चुगे सभी की वाणी
दुष्टों का संहार करो मां
हिंसा,द्वेष मिटाओ भू से
सदियोंतकयशगान बखाने
भक्त सुकोमल मुख से
        ___
स्वरचित
डा.अंजु लता सिंह
नई  दिल्ली
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नमन भावों के मोती
दिनाँक 6/4/19
विषय- नववर्ष
विधा-लघुकविता
शुभ अवसर आया हर्ष का
नवरात्रि नववर्ष का ।
चैत्र महीना है अति पावन ,
भारत के उत्कर्ष का ।।
द्वार द्वार तोरण रंगोली ,
हर घर खूब सजायेंगे।
जन्मोत्सव श्रीराम जी का,
मिलकर सभी मनायेंगे।
नवरात्रों के पावन व्रत कर,
रिद्धि सिद्धि सब पायेंगे।
भारत की गौरव शाली,
परिपाटी दुहरायेगें।।
रचनाकार
जयंती सिंह
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🙏जय माँ शारदा
सादर नमन भावों के मोती..
पावन नवरात्रि पर्व व नव संवत्सर हिन्दू नववर्ष की सहृदय शुभकामनाएँ ..🌹👏🌹
दि.-06.04.19
विषय... चैत्र नववर्ष / नवरात्र
मेरी प्रस्तुति....भजन....
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       🙏 🌷जय माता दी🌷🙏
               **************
धुन :- (..ओ मूरख बंदे क्या है रे जग में तेरा..)
ओ मेरी मैया...मैं भी तेरे दर आया
मेरी भी विनती सुन माता.....खाली झोली लाया
ओ मेरी मैया....मैं भी तेरे दर आया.......
                   *****
सुना है मैंने मैया तू इच्छा पूरी करती है
जो भी तेरे दर आए माँ दुख उसके हरती है
मेरी भी विनती सुन माता मैं भी आस लगाया
ओ मेरी मैया....मैं भी तेरे दर आया.....
                    *****
तेरी महिमा का ओ मांँ मैं कैसे करूँ बखान
मैं मूरख अज्ञानी माँ तू सर्व गुणों की खान
अपरंपार तेरी माया का पार न कोई पाया
ओ मेरी मैया.....मैं भी तेरे दर आया......
                    *****
अष्ट सिद्धि नव निधि की दाती सुख संपति बरसा दे
भटके हुए दिलों में माँ भक्ति की ज्योत जला  दे
भक्ति की शक्ति से मैया हटे गमों का साया
ओ मेरी मैया....मैं भी तेरे दर आया.....
                      *****
पर्व ये पावन नवरात्रि का माँ की महिमा गाओ
लाल चुनरिया ध्वजा नारियल माँ को भेंट चढ़ाओ
जिसने माँ को मन से पूजा उसने सब कुछ पाया
ओ मेरी मैया..... मैं भी तेरे दर आया.....
🙏 जय माता दी🌹🙏🌹जय माता दी 🙏
**************************************
#स्वरचित
प्रमोद गोल्हानी सरस
कहानी सिवनी म.प्र.
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
नमन मंच     - भावों के मोती
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
विक्रम संवत  2076 की हार्दिक शुभकामनाओं सहित🙏
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
🙏       नया साल
अब की जो नया साल हो,
        उसमें सभी खुशहाल हो ।
जो आज तलक ना हुआ कभी,
        हे प्रभु! वही कमाल हो ॥
विद्या पाए नन्ही पीढ़ी,
        बचपन करे ना बाल श्रम ।
वृद्धों को ना जाना पड़े,
        जीवन संध्या में वृद्धाश्रम ।
हर यौवन पाए रोजगार,
       सम्मान से ऊंचा भाल हो ॥
अब की जो नया साल हो,
        उसमें सभी खुशहाल हो ।
ये देश हमारा रोज चले,
        अपनी संस्कृति फैलाने को ।
फिर भागीरथ कोई जागे,
        समता गंगा ले आने को ।
भा रत हो भारतवासी अब,
        संस्कार के कमल विशाल हो ॥
अब की जो नया साल हो,
        उसमें सभी खुशहाल हो ।
हर और एकता पुष्प खिलें,
        भारत बगिया हो धवल नवल ।
दुर्भाग्य देश का सो जाए,
        नेतृत्व मिले इसे प्रबल कुशल ।
संतुलित कहें मितभाषी हो,
        नेता ना अब वाचाल हो ॥
अब की जो नया साल हो,
        उसमें सभी खुशहाल हो ।
नित ज्ञान प्रकाश प्रवाहित कर,
        सब तिमिर हृदय का दूर करें ।
मां शारदे! वर दे, छंद मेरे,
        रोशन जग को भरपूर करें ।
हर शब्द काव्य रंगोली हो,
        और अर्थ अबीर गुलाल हो ॥
जो आज तलक ना हुआ कभी,
        हे प्रभु! वही कमाल हो ॥
अब की जो नया साल हो,
        उसमें सभी खुशहाल हो ।
जो आज तलक ना हुआ कभी,
        हे प्रभु! वही कमाल हो ॥
मेरे शब्दों की अर्थ बूंद,
      साहित्य सरिता हो जाए ।
#भावों_के_मोती पाकर के,
      साहित्य का सागर लहराए ।
इस नवल वर्ष की नई सुबह,
      तन्हा ना कोई झाल हो ॥
जो आज तलक ना हुआ कभी,
      हे प्रभु ! वही कमाल हो  ॥
रचना स्वरचित एवं मौलिक है ।
©®🙏
-सुश्री अंजुमन मंसूरी 'आरज़ू'✍
छिंदवाड़ा मप्र•
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
झाल = लहर
नमन मंच को 🙏🙏
दिनांक - 6/ 4/ 2019
विषय -चैत्र नवरात्रि / नवसंवत्सर
नवसंवत्सर का करें अभिनंदन।
प्रकृति बन कर आई है दुल्हन।।
माह चैत्र का का हुआ आगमन। 
भंवरे भी करें हैं पुष्प पर गुंजन।।
चैती नवरात्रि में करें माता का वंदन।
फल,  फूल,  धुप बत्ती से महका है आंगन।।
लाल चुनरिया ओढ़े मैया देती आशीर्वचन।
नौ दिनों तक करें पूजा तन,  मन,धन, अर्पण ।         धन धान्य परिपूर्ण हो, सबका सुखमय जीवन।
आर्यावर्त की पुण्यभूमि पर अब होगा मंगल गान।।
  मन में कलुषित भाव न आए, मैया दे ऐसा वरदान।।
   🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तनुजा दत्ता (स्वरचित)
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नमन"भावो के मोती"
06/04/2019
"नवरात्रि/चैत्र"
कविता
🙏🙏
आया चैत्र नवरात्रि का त्योहार
सज गया माता का दरबार
माँ आई होके सिंह पे सवार
रुप तेरा निहारुँ हजार बार।
रोली,चंदन,अक्षत,नारियल
हाथ जोड़कर कर लूँ वंदन
लाल चुनर से करुँ माँ का श्रृँगार
धूप दीप से आरति करुँ सुबह शाम।
पहाड़ोंवाली माँ तू शेरोवाली
करना तू मनोकामना सबकी साकार
है महिमा तेरी अपरंपार
दर्शन दे दे बस एक बार।।
स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल
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नमन भावों के मोती
विषय-चैत्र नववर्ष/ नवरात्र
06/04/19
शनिवार
कविता
हिन्दू  धर्म सनातन जिसका
        और  हिंदुत्व  अमिट पहचान ।
ऐसी   पावन भारत-भू   पर         
          है   विशेष  चैत्र  का   मान ।
चित्रा है  नक्षत्र  कि  जिसपर 
           चैत्र  नाम  का  चलन   हुआ,
नये सत्र और  नव तिथियों का
           इसी  मास  से  वरण  हुआ ।
इसी   पुण्य- मधुरिम   बेला  में
          रामचन्द्र     अभिषेक    हुआ ।
जिनके   शासन  को   भारत  में
          रामराज्य    का   नाम   दिया ।
इसी  तिथि  पर   देवी  दुर्गा
            भूमि    पर   अवतिरत   हुईं ।
जिससे  जन-मन  में  भक्ति
            की अतुलित धारा सृजित हुई ।
चैत्र  मास में प्रकृति-नटी का
               वासंती    आँचल      फहरे ,
पल्लव-पुष्प और वल्लरियों
               की   सुगंध  चहुँदिस  लहरे ।
हिन्दू   मासों   में  सर्वोपरि
               चैत्र  मास   ही   होता   है ,
जो   अपने  सुन्दर  मुहूर्त से
                सबको   खुशियाँ  देता है।
स्वरचित
डॉ ललिता सेंगर
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नमन मंच
दिनांक६/४/२०१९
"शीर्षक-नवरात्रि/नववर्ष
नवरात्रि का त्योहार आया
माँ दुर्गे का त्यौहार
नवदुर्गे माँ करूँ मै नमन बारम्बार
फल मेवे का भोग लगाओ,
आया नवरात्रि का त्योहार,
लाल चुनरिया पहनी माई
आई ,सुन भक्तों की पुकार
घी का दीपक जलाओ,माँ आई आज।
जब आये ऋतु संधि काल
नवरात्रि आये,हर साल
व्रत रखे हम करें पूजा पाठ
तमस गुण सब दूर भगावे
करती भक्तों का उद्घार।
शुद्ध मन से जो तुमको ध्यावे
कर देती बेड़ा पार,
नवरात्रि का त्योहार आया
माँ, दुर्गे का त्योहार।
स्वरचित-आरती-श्रीवास्तव
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नमन मंच
चैत्र नव वर्ष और नवरात्रि
शनिवार/6-4-19
विधा --दोहे
1.
नवल वर्ष गुड़ी पड़वा, हो समृद्धि सुख धाम।
सिद्ध कार्य ,शुभ कर्म हों,भरें खुशी से ग्राम ।।
2.
सफल चैत्र नव रात्रि हो,पूरित हों सब काम।
वातावरण नया नया, सुख का बढ़े प्रकाश।।
3.
नए वर्ष में मिल सके, सबको नई उमंग।
समरसता पग पग मिले,सभी रहे हम संग।।
4.
प्रतिभाएं विकसित ,बढ़ें, खिसियाएं मतिमन्द।
प्यार प्रकृति का यों मिले,बढ़े खुशी आनन्द ।।
5.
बुरे काम का अंत हो,मिल जाए ये मंत्र।
कोई भूखा न रहे,प्यारा हो गणतंत्र।।
*******स्वरचित******
      प्रबोध मिश्र 'हितैषी'
बड़वानी(म.प्र)451551
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नमन भावों के मोती ,
आज का विषय , चैत्र नव बर्ष  , नवरात्रि ,
दिन , शनिवार ,
दिनांक, 6, 4, 2019 ,
है  ये  अपना  पावन  पर्व   कितना  ,
चारों ओर गूँजता  माँ का जयकारा |
नव  वर्ष  का हो रहा  आज आगमन ,
देखो हर्षोल्लास का है आलम सारा |
हो  रही  है  विदा  अब  ऋतु  वासंती ,
ग्रीष्म  ऋतु  की  हो रही शुरूआत है |
माँ  के  चरणों  में  नमन कर  बढ़ चलें ,
नव-वर्ष  से  संघर्ष   की  शुरूआत  है |
होते जाड़ा गर्मी और ये बरसात के पल ,
जैसे  जिदंगी में सुख दुख का है दखल |
साल दर साल हम जो जीते  रहे सफल ,
माता भवानी पर रहा हमें भरोसा अटल |
भवतारिणी जगदम्बिका ऑगन हमारे ,
करें बरसात खुशियों की घर को सँवारे |
हम करें कर्तव्य व कर्म को अपने सुधारें ,
हो कोई शुरूआत पहले माता को पुकारें |
स्वरचित , मीना शर्मा , मध्यप्रदेश ,
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सादर नमन
06-04-2019
नवसंवत्सर की शुभकामनाएं🌹🌹
चैत
चपल चैत चैतन्य परिवत्सर
सुखद सनातन धन्य संवत्सर
प्रतिपदा नव सृजन उल्लास
पूर्वमाधव सोम सरस सुवास
भजामि देवि, नमस्तुभ्यं धात्री
नमामि नवदुर्गे, नमो नवरात्री
उन्नति,उद्भव, उछाह,उत्कर्ष
पुलक प्रकृति,स्वागत नववर्ष
-©नवल किशोर सिंह
      स्वरचित
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नमन मंच को
दैनिक लेखन
नव वर्ष की शुभ कामनाये
6/4/2019
प्रस्तुति 1
हाइकु
1
नूतन भोर
कर रही विभोर
मचा है शोर
2
नया सवेरा
लाया नई उमंग
खुशियाँ संग
3
नूतन वर्ष
भर दिया है हर्ष
हुआ उत्कर्ष
प्रस्तुति 2
चलो.. आज नव वर्ष मनाये,
एक कसम मानवता की खाएं,
ख़ुशी का एक दीप बनाएं,
किसी विप्र का घर उजियाएँ,
चलो.. आज नव वर्ष मनाये,
किसी फौजी के घर जाएं,
उसकी माता के आंसू को,
अपनी थोड़ी ख़ुशी दे आये ll
आज नव वर्ष.....
कुसुम पंत उत्साही
स्वरचित
देहरादून
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नमन मंच को
विषय : चैत्र/नववर्ष/नवरात्रि
दिनांक : 06/04/2019
विधा : कविता
आ गया है
चैत्र मास
जो जगा दे
नयी आस,
खुशीयां लाए
नया साल,
हर घर रहे
सदा खुशहाल
छोड़ दो सारे
मन के दंभ
श्रद्धा से नया,
साल आरंभ
महामाई का
हो गुनगाण
सबको सम्मति
दे भगवान
किसी को न
आभाव रहे
मिटे कटुता
सदभाव रहे
आपस में बस
प्यार बढ़े
देशभक्ति का
रंग चढ़े
देश बने
हमारी शान
तिरंगा ही हो
मेरी पहचान
कर लें तौबा
बुरे कर्मों से
छूटे हर कोई
झूठे भ्रमों से
अब धर्मों में
जंग न हो
जातिवाद का
रंग न हो
हर किसी को
न्याय मिले
जीवन पर्याप्त
तो आय मिले
न हो समाज
में  रिश्वतखोरी
गरीब से न
हो सीनाजोरी
सदा सुरक्षित
हों महिलाएं
बच्चियों को छुएं
न बुरी हवाएं
सीमाएं देश की
रहें सुरक्षित
सवालों मे कभी
आए न रक्षक
देश हित हो
ऊपर सबसे
इतना ही मांगू
उस रब्ब से
चरणों में है
यही अरदास
आ गया है
चैत्र मास
कल से हो
नयी शुभ प्रभात ।
नयी शुभ प्रभात ।
जय मां शारदे
जय हिंद
स्वरचित : राम किशोर, पंजाब ।
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06-4-2019
विषय :-नवरात्रे/ नव वर्ष
विधा :-दोहा
नव संवत्सर ने भरा , चहुँदिशि में उल्लास ।
बनती गुडी पड़वा को , पूरन पोली ख़ास ।।१।।
द्वारों पर तोरण लगे  , फूलों सजे वितान ।
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा , मैया का गुणगान ।।२।।
नवरात्रों  में धरा पर ,दुर्गा  का अभिसार ।
नौ रूपों को पूज के , पा लेते फल चार ।।३।।
अखंड ज्योत जगती रहे , मैया के दरबार ।
भजन करें दिन रात ही , होती जय जयकार ।।४।।
होती शक्ति  उपासना , नवरात्रे त्योहार ।
महिमा दुर्गा की कहे  , सारा ही संसार ।।५।।
करते नवार्ण मंत्र का  , भक्त रात दिन जाप ।
सप्त शती के पाठ से , मिट जाए त्रय ताप ।।६।।
स्वरचित :-
ऊषा सेठी
सिरसा 125055 ( हरियाणा )
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नमन मंच- भावों के मोती
६-४-२०१९ / शनिवार
प्रदत्त विषय- चैत्र नव वर्ष / नवरात्रि
विधा- दोहे
नव संवत्सर आ गया, लेकर नई उमंग।
आगत - स्वागत हेतु है, सजी प्रकृति सतरंग ।।
आज शुक्ल की प्रतिपदा, और चैत्र का माह ।
प्रथम दिवस नव वर्ष का, भरे नया उत्साह ।।
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, है अवसर नव वर्ष ।
मिले कृपा माँ भगवती, हो जीवन में हर्ष ।।
शुभारम्भ नवरात्रि से, हुआ हिन्दु-नव वर्ष ।
मिले कृपा जगदम्ब की, पूजन करें सहर्ष ।।
शान्ति कान्ति उन्नति मिले, खुशियाँ सभी अशेष ।
सुगम सरल जीवन बने, वर्ष नवीन विशेष ।।
बहुत बहुत शुभकामना, शुक्ल चैत्र नव वर्ष ।
साल-प्रथम नवरात्रि यह, दे सबको उत्कर्ष ।।
                    #,,, _
-मेधा नरयण.
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माँ की भक्ति का हैं ये महापर्व 
माँ के नौ रूपों के आओ कर लें दर्शन 
माँ के चरण घर आपके आये
आओ मिलकर सब नवरात्र मनाये .
जग की पालनहार हैं मैया मेरी
भक्ति का आधार हैं मैया मेरी
शेर पर होकर सवार आई मैया मेरी
करने आई अपने भक्तों का उद्धार मैया मेरी .
सब माँ के दरबार में झुकायें अपना शीश
चाहें वो हो राजा या हो रंक
सबकी मुरादें सुनती हैं मैया रानी 
बिगड़े भाग्य सवांरती  हैं मैया रानी .
स्वरचित:-  रीता बिष्ट
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नमन
भावों के मोती
6/4/2019
चैत्र नववर्ष/नवरात्रि
चैत्र मास लेकर आया,
नवरात्रि का त्योहार।
घर-घर घट स्थापना,
हो माता की जयकार।
भक्ति शक्ति प्रीति का,
हो रहा अनूठा संगम।
हर घर आए खुशहाली,
रहे न बाकी कोई ग़म।
माता तेरी ममता से,
सबका हो उपकार।
ऐसी कृपा करना माता,
खुलें बंद हृदय के द्वार।
दीन-दुखियों के कष्टों का,
अब हो जाए अंत।
तेरी महिमा मैं क्या गाऊं,
तू तो मात अनंत।
अपनी करूणा के बादल,
जगती में बरसा दे मां।
शोक-संतप्त हर प्राणी का,
मन हर्षा देना मां।
मोह-माया के पाश से,
मुक्ति दिलाना मां।
मन में छाया घोर अंधेरा,
ज्ञान दीप जलाना मां।
यह नववर्ष हर जन के लिए ,
हो जाए मंगलकारी,
दुःख के बादल दूर हटें।
सुख से भरें झोली हैं जो खाली।
अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक
चित्त चैत्य चैतन्य बनाता
नई चेतना जागृत करता
आया देखो नव संवत्सर   जगत्जननी को साथ ले
माता के नवरातर आये
हर्षित हो त्यौहार मनाये
नाचे गायें माँ को मनाये
गीतों में माँ के जस  गायें
भक्तों पर होकर प्रसन्न वह
मुँह मांगे वरदान को देतीं
अपने शरण में लेकर वह
दुःख कष्ट सबके हर लेतीं ।
जै माता की कहकर सब
माता का जयकारा करते
हंसते हंसते चढ़ पहाड़ पर
माँ के चरणों में जा गिरते ।
स्वरचित :-उषासक्सेना
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शुभ साँझ 🌇 सभी को हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएँ.. 💐💐
नमन "भावों के मोती"🙏
06/04/2019
हाइकू(5/7/5)  
विषय:-"चैत्र"
(1)
अन्न दर्शन
खेतों में हलचल
चैत्र उमंग
(2)
पावन काल
सृष्टि का प्रस्फुटन
चैत्र आरम्भ
(3)
मन बौराये
चैत्र की बगिया में
कोकिल गाये 
(4)
शीत न ग्रीष्म
चैत्र नवजीवन
काल गणना
(5)
प्रेम संदेशा
चैत्र का आगमन
वसन्तदूत
स्वरचित
ऋतुराज दवे
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वर्ण पिरामिड
6/4/2019::रविवार
1-
नौ
देवी
पूजन
नवरात
गुड़ी पड़वा
नव  संवत्सर
हिन्दू तिथि पञ्चाङ्ग
2
था
पक्ष
उजाला
अवतारे
राघव प्यारे
नव संवत्सर
नवमी चैत्र मास
          रजनी रामदेव
             न्यू दिल्ली
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सादर नमन मंच
विषय-नववर्ष
तिथि-6-4-19
वार- शनिवार
नववर्ष की नई सुबह, सदा बढाये हर्ष।
शुभ मय फलदायक बने, भारतीय नववर्ष।।
🌹
अभिनंदन नववर्ष का,नवसंधान महान।
नववर्ष नवहर्ष रहे,पाये सब सम्मान।।
🌹
आओ नव संकल्प लें, करें नया प्रारंभ।
शक्ति बुद्धि उपयोग कर, त्यागें सब मिल दंभ।।
🌹
महका नव गुलजार है,महका है परिवेश।
प्रभु ऐसा आशीष दो, खुशियांँ बरसे देश।।
🌹
चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा, देती नयी समृद्धि।
नित नवीनता प्रकृति में, कीर्ति सुयश की वृद्धि।।
चंचल पाहुजा
दिल्ली
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भावों के मोती दिनांक 6/4/19
नवरात्रि
भारत है
पावन पर्वों का देश
हर दिन होता है
यहाँ त्यौहारों मास से
चेटीचान्द,  गुड़ीपर्वा
की होती  है धूम
नौ देवियों के पवित्र पूजन
का होता है प्रारंभ
या देवी सर्वभूतेशू
मातृरूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये
नमस्तस्ये नमो नमः
के उदघोष , ज्वारेरोपण
हवन पूजन से माँ
का होता है आवाहन
शक्तिरूपणी माँ
पाने आशीर्वाद हर भक्त
लीन रहता है
नवरात्रि में
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव  भोपाल
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तिथि - 6/4/19
विषय : नव रात्रि
विधा : छंद मुक्त
नव रात्रि
माँ दुर्गा के नव रूप
नौ दिन आराधना
दुर्गा के नौ रूपों की
प्रथम दिवस शैलपुत्री स्वरूपा
दायें हाथ त्रिशूल धारिणी
बायें हस्त है कमल सुशोभित
द्वितीय दिवस है ब्रह्मचारिणी ज्योतिर्मयी और भव्य स्वरूपा
तृतीय दिवस माँ चन्द्रघटा है
अर्द्ध चन्द्र मस्तक पर साजे
घण्टे की ध्वनि सुन
दैत्य- समाज हृदय भी काँपे
चतुर्थ दिवस  कूष्मांडा देवी
सूर्य लोक में विचरण करती
तन द्युति
सूर्य चमक सी दिखती
पंचम दिवस आराधना करते
स्कंदमाता का अर्चन करते
बल ,बुद्धि,यशदात्री माता
मनोकामना पूरन करती
षष्ट दिवस कात्यायनी माता
मनचाहा वर देने वाली
रोग, शोक, सन्ताप मिटाती
सप्तम दिवस माँ कालरात्रि
पराशक्तियों पर
काला जादू कर
ग्रह बाधाएं दूर भगाती
रंग काला और बाल बिखरे
चामुण्डा का रूप धरे
अरि पर बिजलियाँ गिराती
अष्टम दिवस महागौरी का
शक्ति अमोघ यह पाप विनाशे
नवम दिवस सिद्धिदात्री का
सभी सिद्धियां देकर हमको
मोक्ष मार्ग पर यह ले जाती
कमलासन और सिंह सवारी
कल्याणी माँ, शक्ति स्वरूपा
नव दुर्गा भर आँचल मेरा
दीन दुखी के दर्द मिटा कर
जगती में भर दे उजियारा
सरिता गर्ग
स्व रचित
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
नमन भावों के मोती
दिनाँक-06/04/2019
शीर्षक-चैत्र ,नववर्ष, नवरात्रि
विधा-हाइकु
1.
चैत्र महीना
दुर्गा माँ की महिमा
बना गरिमा
2.
भक्ति सन्देश
जागरण कीर्तन
नवरात्रि में
3.
छप्पन भोग
नवरात्रि संयोग
माँ को अर्पित
4.
पकी फसल
नववर्ष आगाज
आया अनाज
5.
जय माता दी
सजे हैं दरबार
नवरात्रि में
*********
स्वरचित
अशोक कुमार ढोरिया
मुबारिकपुर(झज्जर)
हरियाणा
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नमन मंच
विषय चैत्र नव वर्ष/नवरात्रि
दिनांक-6/4/19
विधा-भजन
हे माँ धरती पर प्रचंड रूप धर आ जाओ।
हो रहा अत्याचार मासूमों पर माँ,
बिलख रही किलकारी है माँ।
ले कर के खड्ग और त्रिशूल माँ,
दुष्टों के शीश भेट चढ़ा जाओ।
हे माँ प्रचंड रूप धर आ जाओ।।
तब कोख में मरती थी कन्या
अब तो जन्म के बाद उजड़ती है ।
पैदा करने वाला बन गया भक्षक
किस से अब रक्षा की गुहार करें माँ।
ले तलवार इन पिता रूपी दानव का सर धड़ से अलग कर जाओ माँ।
हे माँ प्रचंड रूप धर आ जाओ।
भाई बहन की आबरू लुटे,कैसा कलयुग आया है।
पिता बन गया अब भक्षक देख, माँ का दिल घबराया है।
कोई जगह बची नही अब जहाँ बेटी हो सुरक्षित

नन्ही कन्या रूप देवी का फिर क्यों बेबस होती है?
नन्हे नन्हे से कोमल बदन पर क्यों जख्मों को सहती है ?
अब धरती पर आ जाओ माँ
हे माँ प्रचंड रूप धर आ जाओ।।
संध्या चतुर्वेदी
अहमदाबाद, गुजरात
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
नमन मंच
6-4-2019
नव वर्ष
विधा ..तांका
उस क्षितिज
वो मन का सूरज
रचे  धनक
लाया  वर्ष   नवल
ज्यूँ खिलता कमल
वर्ष नवल
आशाएं  उज्जवल
दिन धवल
उजास की कहानी
कल्पना है सुहानी
मीनाक्षी भटनागर
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@@
स्वरचित
नमन मंच
"भावों के मोती"
06-04-2019
चैत्र नववर्ष /नवरात्रि
माँ जगदंबे तुम अमर कल्याणी ,
दुखी दया करो अक्षय वरदानी।
अष्ट दिन जो ध्यावे फल पावे,
जीवन मानव सफल हो जावे।
चहुँ दिस चँवर ढूलें माता तेरे
कष्ट मिटा दे जोग माया मेरे ।
जब तुम को पुकारा भक्तों ने
तत्काल पीछे पांव आसक्तों के।
तुम हर रूप देवी जगती तल में
राई को पहाड़ कर देती  पल में ।
भजन-कीर्तन बस भूखे भावों की
रक्षक भोले भाले लोगों, गाँवो की                               
माँ हर दिन हर वार नजर आती हैं ,
व्याभिचारी -पापी को खा जाती हैं।
स्वरचित -चन्द्र प्रकाश शर्मा "निश्छल"
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