Sunday, May 12

"परिणाम"10मई 2019

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        ब्लॉग संख्या :-382


सादर सुप्रभात,नमन वंदन🙏🌹💐🌹।
आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन🌹
🌹भावों के मोती🌹
10/5/2019
"परिणाम"
पिरामिड
1)
ये
मातृ
ममता
चित्तानंद
नेह चंदन
चरण वंदन
सुखद परिणाम।।

2)
छि
धन
पिपासा
अभिमान
बिका इंसान
गुमशुदा राम
दुखद परिणाम।।

3)
ये
नशा
जंजाल
स्याहा ताल
बच्चे बेहाल
स्थिति विकराल
कंटक परिणाम।।

वीणा शर्मा वशिष्ठ
स्वरचित
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नमन -भावों के मोती
दिनांक-10.05.2019
आज का विषय-" परिणाम"
विधा- मुक्तक
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यह बात ब ख़ूबी ज़ाहिर है परिणाम नज़र आ जाता है ।
जिस काम की नीयत होती है अन्जाम नज़र आ जाता है ।।
तुम हमसे कभी कहो न कहो हर हाल हक़ीक़त खुल जाती ,
रखते हैं क़दम जिस जानिब को इलहाम नज़र आ जाता है ।।
इलहाम=ख़ुदा की तरफ़ से दिल में आई बात
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"अ़क्स " दौनेरिया
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सुप्रभात "भावो के मोती"
🙏गुरुजनों को नमन🙏
🌹मित्रों का अभिनंदन,🌹
10/05/2019
   "परिणाम"
1
श्रम पश्चात
परिक्षा परिणाम
जीता जहान
2
नेता परेशां
चुनाव परिणाम
नींद हराम
3
अधीर मन
घोषित परिणाम
व्यस्त है छात्र
4
भाग्य निर्माण
घोषणा परिणाम
व्याकुल छात्र
5
चंचल चित्त
परिणाम के दिन
आशा, निराशा
6
रिश्ते उलझे
परिणाम कलह
आस सुलह
7
ऊँची दीवार
कारण तकरार
क्या हो अंजाम
8

स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल
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नमन मंच
दिनांक .. 10/5/2019
विषय .. परिणाम
विधा .. लघु कविता
*********************

मेरा तुमसे मिलने का परिणाम निकल आया है।
गली-गली मे बातों सब अविराम निकल आया है।
तुझको मुझसे प्रेम है ये अखबार मे भी आया है,
लोगो के मुँह से तो अब हे राम निकल आया है।
....
अब क्यो डरना हमको जग से, जान चुके है सब जो।
शेर के मन को मत तडपाना, मान चुके है जब वो।
आओ आवाहृन कर सबको मन की बात बताए।
जले हुए से कुछ लोगो को, मिल कर और जलाए।
...
स्वरचित एवं मौलिक
शेरसिंह सर्राफ
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नमन मंच भावों के मोती
शीर्षक     परिणाम
विधा        लघुकविता
10 मई 2019,शुक्रवार

कर्म तो करते सभी हम
परखलो परिणाम पहले
जिंदगी है कड़ी परीक्षा
पूर्व तैयारी तो करले

परिणामों के सद्चिन्तन से
नित कल्पना साकार होती
अंधकार अज्ञान हृदय  में
जलती है नित ज्ञान ज्यौति

खून पसीना नित बहाते
मिलता उन्हें सद परिणाम
नहीं देखता दिन और रातें
काम करता सुबह और शाम

परिणाम कर्मो का निचोड़
शुभ अशुभ दोनों सम्भव
तत्परता दृढ़ और साहस
करता है जीवन उज्ज्वल।।
स्व0 रचित,मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान।
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शीर्षक-- ।। परिणाम ।।

पूर्व परिणामों को देख
क्यों न लेते हम संज्ञान ।
या आदी उस आदत के
या अनभिज्ञ या नादान ।
अनुभव या परिणाम ही हैं
जो बनाये हैं इंसा महान ।
पिता अपने बालक को
कितना करते क्षमा दान ।
ऐसे ही वह परमपिता है
परिणाम दे कराये ज्ञान ।
हम हैं कि गलती पे गलती
करते रहें बनकर अन्जान ।
क्षमा का न हो कोष खत्म
करलें 'शिवम'सत्य का भान ।
कुछ न कुछ भूलबस ही
धरा पर आये हम मेहमान ।
जागो मेरे भाई जागो अब
भोर हुई कुछ भरलो प्रान ।
सूर्यदेव को नमस्कार कर
शुभ परिणाम की लो ठान ।

हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 10/05/2019
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परिणाम क्या है
****************
कर लिया जो प्रेम तुमसे,
अब मगर मैं सोचता हूँ
इस अनोखे प्रेम का--
 फिर कहो परिणाम क्या है

तुम अधूरी हो कहीं
हम अधूरे हैं कहीं
इस अधूरी सी कहानी --
का कहो अंजाम क्या है.....

जब भोर की मनमीत आभा,
हो प्रकट खिड़कियों से,
सुवासित मन्द पवन
बह चलेंगी झिड़कियों से,
जब करेंगे कौतुक विहँस-खग
प्रेम में आतुर मिलन को,
जब नयन दो अश्रु भरकर
ताकते होंगे गगन को....

तब विवश दो बांह जुड़कर
कह पड़ेगी हे प्रभु......
है अगर जीवन यही तो
कहो संग्राम क्या है....

जब गगन में चन्दा बेचारा
नापने पथ को चलेगा,
जब उबासी नयन में
स्वप्न का सेहरा सजेगा,
जब रात की मंजरी ठुमक कर
संग पवन बहकर चलेगी
जब गीत बनकर रागनी
सातों सुरो में ढलेगी....

तब तड़पकर के हृदय की
बेदना तुमसे कहेगी....
जब है मेरा सब तज्य तुमको अगर
 तो कहो स्वीकार क्या है....

जब तुम्हारी गंधवाही गेसुयें
नभ में उड़ेंगी
जब कहीं हो प्रेम आतुर
बाँह दो तुमसे जुड़ेंगी
जब कोई भटका हुआ मन
श्रृंगार को तुमसे कहेगा
जब कोई रस का रसीला
रस के लिये दुख को सहेगा

तब सुलगती सांस की
 आवेश तुमसे पूछ लेगी
जब विरह हरपल का साथी,
तो सुबह या शाम क्या है.....

......राकेश...स्वरचित,
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हर दौर बुरा है  देखो  अंजाम शरीफों का।
इस दुनिया में नही कोई काम शरीफों का।

करता है  कोई  और  भरता है  कोई और।
बस हुआ है  बदनाम तो  नाम शरीफों का।

हर रिश्ता  एक धोखा  हर वादा है साजिश।
फिर दिल क्यों न होता नाकाम शरीफों का।

ईमान बिके  दौलत के एवज  अरमान बिके।
लालच के बाजारों में  क्या दाम शरीफों का।

क्या क्या कह गुजरें हैं नानक और कबीर।
कौन सुने है इस दहर पैगाम शरीफों का।

कितनी मीनारे  और  मूरत  तुमने  बनवाई।
जोहे  बाट अवध  में  मेरा राम  शरीफों का।

                                   विपिन सोहल
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10मई19
नमन मन्च।
नमन गुरुजनों, मित्रों।
            परिणाम
              💐💐
बिना फल की चिंता किये,
कर्म किये जा अपना।
अच्छा कर्म करेगा,
तो परिणाम अच्छा हीं होगा।

गर बूरे कर्म करेगा तो,
परिणाम बूरा होगा।

सहज गति से चलता जा,
सत्कर्म किये जा ।

एक दिन मंजिल पा जायेगा,
अपना कर्म किये जा।

परिणाम की ना सोचो,
जो अच्छे कर्म करेगा।
दुनियाँ में आये हो,तो,
कर्मशील बनना पड़ेगा।
💐💐💐💐💐💐💐
स्वरचित
वीणा झा
बोकारो स्टील सिटी
💐💐💐💐💐💐💐
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जय मॉ शारदा
👏गुरूजनों को नमन👏
सभी का अभिनंदन
 १०/५ /२०१९
"परिणाम"

1*भा.10/5/2019/शुक्रवार
बिषयःः#परिणाम#
विधाःःःकाव्यःःः

यदि ईशाशीष मेरे साथ तो
   कैसा भी हो मेरा परिणाम।
      मैं नहीं चाहता दुर्बल बनना,
          जब मेरे पास हैं राधेश्याम।

कर्म करूं यदि सदा सत्कर्म तो,
   क्यों किसी परिणाम कभी डरूँ।
      भक्ति भाव और साथ है भगवन ,
          दुष्परिणामों से क्यों कभी डरूँ।

ईशाराधना का रहूँ आकांक्षी,
  प्रभु परोपकार मै सदा करूँ।
    निष्ठा जाग्रत हों मनमानस में,
       फिक्र परिणाम की क्यों करूँ।

आत्मबल और प्रेमशक्ति से,
  प्रत्येक दिशा में आगे जाऊँ।
    सद्व्यवहार और सद्विचार से,
      मैं परिणाम विजयश्री के पाऊँ।

प्रतिकूलताओं से डरूँ नहीं तो,
  स्वयं जीवन सफल बना पाऊँ।
    भाग्य भरोसे पुरूषार्थ करूँ न ,
      कैसे सुपरिणाम प्रभु ला पाऊँ।

स्वरचितःः ः
इंजी. शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.
जय जय श्री राम राम जी
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1भा.#परिणाम #काव्य ः
10/5/2019/शुक्रवार


नमन भावों के मोती
दिनांक - 10/5/2019
आज का विषय - परिणाम

----अंजाम----

देश के जवान वीर
धरते हैं कितना धीर
सीमा पर देकर पहरा
दुश्मन को देना चीर
बस एक ही अंजाम
दुश्मन को मौत

चाहे सीमा पर आतंकी लड़े
चाहे किसी से जंग छिड़े
जब कदम बढ़ा दिए तो
फिर कभी ना वापिस मुड़े
अंजाम की परवाह नहीं
चाहे मिले मौत

देश की रक्षा पहला काम
शत्रु का फिर काम तमाम
चल पड़े वीर-बाँकुरे
जान हथेली पर थाम
नहीं परवाह क्या होगा अंजाम
गले लगाए मौत

घर की चाहे याद सताये
माँ भारती पर प्राण लुटाये
बीवी-बच्चों को छोड़ कर
डयूटी अपनी खूब निभाये
अंजाम का पता है
कब आ जाये मौत

स्वरचित
बलबीर सिंह वर्मा
रिसालियाखेड़ा सिरसा (हरियाणा)

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नमन भावों के मोती
विषय - परिणाम
10/05/19
शुक्रवार
मुक्तक

आगाज़  सही  हो  तो  अंजाम  उचित  होगा।
जब धर्म पर संकट हो तो संग्राम उचित होगा।
यह सत्य है जीवन का,जिसको सभी स्वीकारें-
संघर्ष  गर  किया  तो  परिणाम  उचित  होगा।

स्वरचित
डॉ ललिता सेंगर

🙏🌹जय माँ शारदा
..सादर नमन भावों के मोती..
दि. - 10.05.19
विषय - परिणाम
विधा - गीत
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                  🌷 #परिणाम  🌷
                   ==========

चाह रहा परिणाम सुखद,
           तो प्रश्न सभी हल करता चल |
मंज़िल तुझे मिलेगी एक दिन,
           रुक  मत राही  चलता  चल ||

इस जीवन में कदम कदम पर प्रश्न खड़े हैं |
सफल  वही जो  चुनौतियों से  यहाँ लड़े हैं ||
डटकर तू भी कर मुकाबला,
                  बस हिम्मत कर बढ़ता चल |
चाह रहा परिणाम सुखद तो,
                    प्रश्न सभी हल करता चल ||

साथ कौन है कौन नहीं परवाह न करना |
रंग बदलती दुनिया से कुछ चाह न करना ||
ये तो है मतलब की साथी,
                    इससे  सदा  सँभलता चल |
चाह रहा परिणाम सुखद तो,
                     प्रश्न सभी हल करता चल ||

इम्तिहान जीवन का भी तू पास करेगा |
जब तू खुद पर ही पूरा विश्वास करेगा ||
बात बहुत सीधी सच्ची है,
                    कीर्तिमान  यूँ  गढ़ता चल |
चाह रहा परिणाम सुखद तो,
                    प्रश्न सभी हल करता चल ||

मंज़िल तुझे मिलेगी एक दिन,
                      रुक मत राही चलता चल |
चाह रहा परिणाम सुखद तो,
                      प्रश्न सभी हल करता चल ||

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#स्वरचित
 प्रमोद गोल्हानी सरस
  कहानी सिवनी म.प्र.
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कर्म महान
परिणाम अज्ञान
सच तू जान

परिणाम का-
नेता को इंतजार
चुनाव बाद

हुआ हैरान
देख के परिणाम
जन का मत

बिना योजना
अच्छा हो परिणाम
कैसे संभव

अपने हाथ
अच्छा हो परिणाम
कर्म से जान

भाग्य से नहीं
कर्म से परिणाम
खुद बदले


भावों के मोती
10/05/19
विषय - परिणाम।

दुनिया के रंग मे रंगते जाएगा
फिर कोई गम न पास आएगा
मुखोटों को ओढे जो बैठा
वो क्यों आंसू बहायेगा
चाँदनी कब समाती दामन तक
सोच कितनी संभाल पाएगा
रख आने जाने के इस सफर की तैयारी
न जाने कब आ जाये अपनी ही बारी
कुछ साथ नही जाना तय है फिर क्यों
"परिणाम" की चिंता, कि क्या ले जायेगा
शरीर का घर  तक तो छोड़ चुका
 अब और साथ क्या जायेगा ।

स्वरचित।

           कुसुम  कोठारी ।

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नमन "भावो के मोती"
10/05/2019
  " परिणाम "
मुक्तक
1
सालोभर छात्र परिश्रम जो करते,
परिणाम के दिन जीते और मरते,
खिलते किसी के होठों पे मुस्कान,
तो किसी के आँसू भी है बहते।
2
हरपल जिंदगी लेती इम्तिहान है,
परिणाम स्वरूप मिलते अनुभव है,
जैसे सोना तपकर बन रहा कुंदन,
सुख दु:ख का मानो लगा त्योहार है।

स्वरचित पूर्णिमा साह(भकत)
पश्चिम बंगाल

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🙏🌹नमन मंच🌹🙏
आदरणीय गुरुजन को नमन
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
विषय-परिणाम
दिनांक-१०-०५-२०१९

आने वाला था #परिणाम
था सन्नाटा नहीं कोई दुआ सलाम

नेताजी गुजर रहे थे कार से
मंदिर वाली गली के बाजार से

जैसे ही मंदिर में हुए खड़े
भगवान भी हँस पड़े
नेताजी भगवान पर ही बरस पड़े

बहुत हुई लुका छिपाई
आज और खा लो लड्डू, मिठाई

कल से पद परवर्तन हो जायेगा
हर तरफ अपना राज हो जायेगा

कल से न आयेंगे हाथ जोड़ने
तुमको ही आना पड़ेगा कार्यालय नारियल फोड़ने !!
😁😁😁😁😁😁
**स्वरचित***
-सीमा आचार्य-(म.प्र)

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भावों के मोती दिनांक 10/5/19
परिणाम

हर परीक्षा
कराती है
इन्तजार
परिणाम  का
जिन्दगी  की हर
डगर है कठिन
ये सिखाती है संघर्ष
इन्सान को
कर्म प्रधान बनें
जीते हर जंग
जिन्दगी की

मुश्किल नहीं
राह मुसाफ़िर की
पगडंडी पर भी चलें
कांटो से बच कर

हर परिणाम
सिखाता है
एक सबक
 जिंदगी में
जीत हार का खेल
खिलाती है  किस्मत
कहीं  छाह
तो कही धूप है किस्मत

परिणाम नहीं  होते
जिन्दगी  का अंत
यह तो दर्पण है
इन्सान की क़ाबलियत के

स्वलिखित
 लेखक संतोष श्रीवास्तव  भोपाल
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भावों के मोती
नमन मंच

प्रदूषण के भिन्न भिन्न आयामों पर

*परिणाम*

हुई हवा ज़हरीली
वृक्ष ही नहीं
मन भी उनके सूखे से
कैसे पकड़ूँ , कैसे जकड़ू
इस धरती को
दावानल से, जो जले बुझे
बचे हुए जो
क्या पीड़ा उनकी जानी
मानव मन के लालच
क्या परिणाम कभी जाना तुमने !

यह ताप बढ़ा
वो हिम पिघला
सागर तट पर बसे नगर
कुछ डूब गए
पेंग्विन के दिन भी गिने-चुने
कुछ सम्हलो , कुछ मनन करो
बचे हुए हैं जो , उनकी पीड़ा समझो
मानव मन के लालच क्या
क्या परिणाम कभी जाना तुमने !

अपने बढ़ते लालच से
ह्रदय धरा का तोड़ा है
भर भर आँचल पाया था
फिर भी सुरसा सा
मुँह फैलाया
लालच ना भरपाया
नैनों के आंसू सूख गये
तार तार हुआ धरती का आंचल
कितना हालाहल पिलाया
मानव मन के लालच
क्या परिणाम कभी तुमने जाना !!

मीनाक्षी भटनागर
स्वरचित
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नमन "भावों के मोती"🙏
09/05/2019
लघु कविता
विषय:-"परिणाम" 

कर्मों की आहुति
संग गीता का ज्ञान
धर्म के पथ चल राही
फिर जो हो परिणाम....

निष्ठा हो, समर्पण हो
वक़्त को दे सम्मान
कर्तव्य पथ पे अडिग राही
फिर जो हो परिणाम....

अपेक्षा और उपेक्षा
ये ले लेती हैं जान
जीवन परीक्षा देते जाना
फिर जो हो परिणाम....

देश है सर्वोच्च धर्म
मात -पिता भगवान
इनके खातिर मर मिटना
फिर जो हो परिणाम....

स्वरचित
ऋतुराज दवे
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10/5/19
भावों के मोती
विषय-परिणाम
➖➖➖➖➖➖➖➖
पत्थर था वो बेकार-सा
राह में खाता ठोकरें
व्यथित होता रहा
अपनी दुर्दशा देखकर
पड़ा हाथ मूर्तिकार के
छेनी,हथौड़ी की चोट से
होता रहा दिन-रात छलनी
सोचता भला था मैं वहीं
रास्ते का पत्थर बना
अब गढ़ा जा रहा हूँ
मैं न जाने किस रूप में
टूट-टूट बिखरता
छोटे-छोटे स्वरूप में
हुआ सृजन सुंदर बड़ा
रूप निखरा पत्थर का
मिलने लगा स्पर्श
मुझको कोमल हाथों का
तकलीफों का #परिणाम मिला
मन को बड़ा आराम मिला
तारीफ़ मिली इस रूप की
चोट सह-सहकर ही सही
रूप ही तो निखरा मेरा
हूँ तो मैं पत्थर वही
किस्मत के खेल देखो
जो मारते रहे ठोकर मुझे
चरणों में शीश झुकाकर
सब करने लगे नमन मुझे
एहसास हुआ मुझे दिया है
ईश्वर का कोई सुंदर रूप
आज़ देखो मुझ पत्थर पर
सब चढ़ा रहे हैं कोमल फूल
***अनुराधा चौहान***© स्वरचित✍

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नमन  मंच
10/05/19
परिणाम
******
सभी संभव
संभावनाओं के मध्य
एक छोटा शब्द
परिणाम
प्रश्नचिन्ह बनाए
पल पल हंसाता
पल पल डराता
नजर आता है ।
अपने मकड़जाल में  जकड़कर
जीवन के हसीन पलों को
अपनी गिरफ्त में लिए
परिणाम अपना अस्तित्व
बचा जाता है ।
क्या होगा इसका परिणाम...
निर्णय के पहले डर ...
भविष्य के गर्भ में क्या छुपा..
ये सतत मानसिक संतुलन
बिगाड़ अपनी जीत का
जश्न मनाता है ।
परिणाम की मत करो फिकर
जो निर्णय लो ,अडिग हो
उसे सत्य ,सही सिद्ध करो
कर्तव्यनिष्ठा ईमानदारी से
सजग हो  कर्म करो
केवल कर्म करो ।
एक बात तो तय है
जो भी होगा  परिणाम
ये  कुछ दे जाएगा
सफल हुए तो लगन तुम्हारी ,
गर गलत हुआ
तो जीवन का पाठ सिखा जाएगा,
परिणाम कुछ दे कर ही जायेगा ।

स्वरचित
अनिता सुधीर

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सादर वंदन!!
नमन मंच भावो के मोती
विषय-परिणाम
जन्म का परिणाम मरण है ,
बिच जिवन के कर्म प्रमुख है।
कर्तव्यों के परिणाम अधिकार है,
मिले सहज या अथक परिश्रम ।
संघर्षों के परिणाम सफल है,
मिले अनुभव मिसाल बने है।
संगठन के परिणाम सुखद है,
हरपल देते स्नेह अटूट है
    वंदना पालीवाल
10-5-19 जय माँ भारती!!
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"नमन-मंच"
"दिंनाक-१०/५/२०१९"
"शीर्षक-परिणाम"
विश्वास हो जब अपनी भुजाओं पर
परिणाम का क्यों करें परवाह?
निडर रहे अपने पथ पर
सफलता सदा चूमेंगी पाँव।

आगाज किया जब सुन्दर कर्मों का
अंजाम तो देगा सुखद एहसास
भावुक मन तू क्यों घबराता
ईश्वर देते सदा सत्य का साथ।

आत्मविश्वास बस डिग न पायें
अधिर न हो,बस करें इंतज़ार
अधपका फल काम न आये
मीठे फल मिलेंगे उपहार।

कमलनयन जब साथ हमारे
पार्थ बन हम करें इंतजार
सुंगध फैले जब अच्छे कर्मों का
जगत मे हो मान सम्मान।

अच्छे कर्मों का अच्छा नतीजा
इसे सदा रखना है याद,
आगाज किया जब अच्छे कर्मों का
परिणाम तो देगा सुखद एहसास।
   स्वरचित-आरती-श्रीवास्तव।

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नमन मंच
10/5/2019
विषय--परिणाम

लघु कविता

जीवन की आपाधापी में इम्तिहान बहुतेरे हैं
कोई हंस कर जी लेता है और कोई शिकायत करता है।
परिणाम सुखद वह पाता है जो डट के मुकाबला करता है।
वह कभी सफल न होता है जो परिणामों से डरता है।

परिणाम सुखद पाने हेतु खतरों से हमें खेलना है,
परवाह न कर परिणामों की जीवन में हर पल बढना है।
हर पल को एक चुनौती मान हमको हर पल को जीना है।
जीवन मे सफल होने हेतु हर बाधा से हमें लड़ना है।

जो डरता नित बाधाओं से जीवन उसका नीरस होता
जीवन के प्रश्नो को हल कर के मानव जीवन सार्थक होता।
अब पीछे कदम न खींचो तुम डर कर इन बाधाओं से,
इस नीरस हो चुकी  दुनिया में हिम्मत से ही मानव सफल होता।
(अशोक राय वत्स ) स्वरचित
जयपुर
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शुभ साँझ 🌇
नमन "भावों के मोती"🙏
09/05/2019
हाइकु (5/7/5) 
विषय:-"परिणाम"
(1)
सीखा न मेल
अहं का परिणाम
रिश्तों में फेल
(2)
जाग इंसान
स्वार्थ का परिणाम
धरा हैरान
(3)
कर्म ही हाथ
परिणाम के अंक
ईश्वर पास
(4)
निर्दोष जान
युद्ध है अपराध
दुष्परिणाम
(5)
ठगते आस
चुनाव परिणाम
ढ़ाक के पात

स्वरचित
ऋतुराज दवे

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भावों के मोती
10/05/19
विषय - परिणाम
द्वितीय प्रस्तुति

प्रकृति के लिये ......

थाम के मेरी बाहें चल चला चल ऐ मानव
मैं रखूंगी तूझे गोद में दे के प्यार की छांव
मां हूं तेरी मुझे भी तूं संभाले  रख
आशीर्वाद का हाथ धरूुंगी सदियों तक
मेरा अस्तित्व ही अस्तित्व तेरा
मुझे तू मत होने दे जर्जर
समझ तूं वर्ना "परिणाम" जो भुगतेगा
उसकी फरियाद कहां करेगा।

स्वरचित

               कुसुम कोठारी ।
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नमन मंच को
दिन :- शुक्रवार
दिनांक:- 10/05/2019
विषय :- परिणाम

संघर्षों की पराकाष्ठा सुखद देता है परिणाम..
शुद्धता की कसौटी पर परखा जाता परिणाम..
सद्कर्म ही पूर्णाहुति इस जीवंत महायज्ञ की..
निज कर्मों का परिमाप बदल देता है परिणाम..

स्वरचित :- मुकेश राठौड़

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2भा.10/5/2019/शुक्रवार
बिषयःःः# परिणाम#
विधाःःःकाव्यःःः

परिणाम की परवाह नहीं कर
  सिर्फ सदकर्म हम करते जाऐं।
    नित निस्वार्थ भाव से सेवा करते
       सच प्रगतिशील हम बनते जाऐं।

प्रभु धीर वीर गंभीर बनें हम।
  चरित्रवान संग सुधीर बनें हम।
     दृढ प्रतिज्ञ कर्मठता के द्योतक
         पा विजयश्री बलवीर बनें हम।

कभी अस्त व्यस्त दिनचर्या न हो,
  न कभी परिणामों की करें अपेक्षा।
    सजग रहें स्वउत्तरदायित्वों के प्रति,
      नहीं सज्जनता की हम करें उपेक्षा।

अविवेकपूर्ण न हो अनियमितता।
   हों प्रतिभापूर्ण कुछ सहनशीलता।
     विकसित करें प्रदत्त क्षमताऐं तो
       दिखे परिणामों में प्रगतिशीलता।

स्वरचितःः ः
इंजी. शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.
जय जय श्री राम राम जी

2भा.#परिणाम #काव्य ः
10/5/2019/शुक्रवार
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🙏🌹नमन मंच🌹🙏
आदरणीय गुरुजन को नमन
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
विषय-परिणाम
दिनांक-10/5/2019
विधा-गज़ल

पाषाण हो न जाऊँ मैं कुछ ऐहसास मेरे नम करो
भेज दो बारिश को या फिर आँसुओं से कम करो

दिल मेरा अब पूछता है इश्क के परिणाम अब
किस गुमान में घूमते हो कुछ गिला तो कम करो

बंद लिफाफों मे भटक रहे दर्द के अजा़ब (दंड)अब
अफ़सुर्दा(उदास ) हम हो गये अब अपना आना कम करो

जीत लेंगे जंग हम था गुमान बहुत अधिक तब
प्यार वाली हथकड़ी में कैद हमको कम करो

थक चुके हैं रूह के ऐहसास सारे गम-ओ-खार
मौला रुह का अबस(बेकार) अस़फा (सफर)अब कम करो

रोज आते है आब-ए-तल्ख(आँसू) आँखों में मेरी सुन
दिल की जमीन को भिगो खुश्क दरारें कम करो

इक्तिज़ा(आवश्यकता) जो कम हुई तो फेरा मुँह इस कदर
दिल को बहलाने के इन्तिज़ाम अब तो सारे कम करो

स्वरचित

नीलम शर्मा#नीलू

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यह जग मतलब में कुशल, नहीं देखता काम।
मरे खपे अपनी  बला, गुनता वह परिणाम ।।

सायर सिंह सपूत ही, करते मन से काम।
कर्महीन बस देखते , क्या होगा परिणाम।।

नर  ही  राजा  राम  थे, और  कृष्ण   बलराम।
नरगण नारायण कहे, यह भावों का परिणाम।।

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नमन भावों के मोती 🌹🙏🌹
10-5-2019
विषय:- परिणाम
विधा :- कुण्डलिया


अच्छे कर्मों का सदा , अच्छा ही परिणाम ।
कर्म भक्ति सम कीजिए , बने रहो निष्काम ।।
बने रहो निष्काम , कृपा उसकी मिल जाती ।
रहे सामने लक्ष्य , पास मंज़िल है आती ।
उद्यम से हो काम  , नहीं बातों मे लच्छे ।
सोचो मत परिणाम    ,कर्म करिए सब अच्छे ।।

अक्सर प्रेमी भोगते , निंदा ही परिणाम ।
सहें उम्र भर नजर को , जो होती बेनाम ।।
 जो होती बेनाम   , सर्पिणी बन कर डँसती ।
भीतर करती घाव  , शूल बन अंदर धँसती ।
नहीं सोचता प्रेम , नहीं देखे वह अवसर ।
देखते न परिणाम , प्रेम में दोनों अक्सर ।।


डरते जो परिणाम से , भरते नहीं उडान ।
अपने मन  को  हारते , करते निज नुक्सान ।।
करते निज नुक्सान , लोग उनपर हैं हँसते ।
पिछड़े सारे काम , बीच दिखते हैं फँसते ।
उन्नति औरन देख , रहें ये नित ही मरते ।
हो कैसा परिणाम , नहीं उससे जो डरते ।।

स्वरचित :-
ऊषा सेठी
सिरसा 125055 ( हरियाणा )
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नमन भावों के मोती,
आज का विषय, परिणाम,
दिन, शुक्रवार,
दिनांक, 10,5,2019,

आज देश में आ रहे परीक्षाओं के परिणाम,
मेहनत करते हैं सभी पर कुछ ही जीतें मैदान।
ज्यादा बाजी मारें लड़कियाँ उन्हें चाहिए पहचान।
मुश्किल से अवसर मिला हो न जाये नुकसान।
चर्चा फिर न हो शुरू बेटा घर की शान।
बेटा बेटी में फर्क का हम भुगत रहे परिणाम।
बेटा तो भजता नहीं और बेटी है मेहमान।
बृध्दाश्रम की आयी बाढ़ है बढ़ी है इनकी शान।
आज बुढापा हो रहा अपने घर में ही गुमनाम।
आने वाले हैं देश में जल्द ही चुनाव परिणाम।
देखें जनता की सोच का होगा क्या अंजाम।
आजाद हुए वर्षों हुए हुआ न आजादी का ज्ञान।
गलत चयन का भुगत रहे अब तक हम परिणाम।
कुंठित हो रही प्रतिभा आज  ये आरक्षण का परिणाम।
 बेरोजगारी जो बढ़ रही ये भ्रष्टाचार का दुष्परिणाम ।
हम पनप नहीं पाये कभी ये सामंतवाद का परिणाम।
हम मतदान करने लगें सही तो
बदलेंगे सब दुष्परिणाम।

स्वरचित, मीना शर्मा, मध्यप्रदेश,
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शुभ संध्या
शीर्षक-- ''परिणाम/"
द्वितीय प्रस्तुति

परिणाम किसी के आ गये
परिणाम किसी के आना है ।
गीता का हमने श्लोक पढ़ा
जग कर्म भूमि पहचाना है ।
परिणामों की कई खेपें हैं
जो शनै: शनै: ही पाना है ।
नजर गढ़ा कर देख बंदे
क्या रच रहा अफ़साना है ।
कितनी खेपें ठीक न आयीं
अब भी रहे तूँ अन्जाना है ।
प्रारब्ध का भी परिणामों से
रिश्ता बड़ा ही पुराना है ।
प्रारब्ध को सुधार ''शिवम"
परिणाम तभी सुखद कहाना है ।

हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्"
स्वरचित 10/05/2019

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नमन् भावों केमोती
दिनांक:-10मई19
विषय:-परिणाम
विधा:-मुक्त कविता

प्रत्येक कर्म परिणाम में परिलक्षित
जीवन-मरण सभी कुछ परिलक्षित

कण -कण से निर्माण प्रमाणित
अगम-निगम सब सृजन प्रमाणित

पंचतत्व ब्रम्हाण्ड प्रमाणित
सृष्टि का विज्ञान  प्रमाणित

प्रत्येक क्रिया-प्रतिक्रिया प्रमाणित
गति और विराम प्रमाणित

नीति और नियम प्रमाणित
सूक्ष्म और विराट प्रमाणित

प्यार     और   द्वेष   प्रमाणित
अनुभव और विज्ञान प्रमाणित

जीवन का हर ध्येय प्रमाणित
सृजन और विनाश प्रमाणित

सत्कर्मों  का  पुण्य  प्रमाणित
दुष्कर्मों  का  दण्ड   प्रमाणित

प्रत्येक कर्म का परिणाम प्रमाणित
विश्व विजय का    नाद    प्रमाणित

©मनीष श्री
स्वरचित
रायबरेली



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नमन मंच🙏
"परिणाम"
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परीक्षा परिणाम का दिन आया,
विद्यार्थियों में खौफ है छाया,
कोई नाखून चबा रहा है,
कोई बहुत घबरा रहा है,
हालत सबकी हुई है पस्त,
कैसे होंगे अब सब मस्त ?

लो जी इंटरनेट पर परिणाम आया,
कम्प्यूटर मशीन ने परिणाम दिखाया,
कहीं खुशी की दौड़ी लहर,
कहीं उदासी का दिखा कहर,
मेहनत सबने थी खूब लगाई,
फिर कहीं नम्बरों में क्यों कमी आई?

मन में उठे हैं बहुत सवाल,
कहाँ मिलेगा इनका जवाब?
मन चिंतन करना होगा,
जवाब भी अपने अंदर मिलेगा,
मेहनत हमको करनी होगी,
हारी बाजी जीतनी होगी |

   स्वरचित *संगीता कुकरेती*

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नमन--मंच भावो के मोती ।
दिंनाक-१०/५/२०१९।
"शीर्षक-परिणाम "
हो होंसला बुलदं कुछ कर गुजरने का ।
फिर फिक्र नही होती परिणाम की ।
चाहिऐ दृढ़ विश्वास लक्ष्य पाने का
फिर राह भटकते नही हासिल कर लेते जो चाहते ।
पानी मे आग लगा देते ,पहाड़ों मे राहे ।
घने मरूस्थल मै भी पानी के स्त्रोत बहा देते ।
नही टिक पाते किसी तरह के आतंक ।
लडते रहते सांस चलती रहती तब तक ।
परिणाम की परवाह नही करते मेहनती लोग ।
लाभ हानी ,जीवन मरण हे ईश्वर के हाथ।
क्यो करे चिंता परिणामो की ।जीत उसकी जो परिणाम सेडरता नही सफलवही होता ।
स्वरचित -दमंयती मिश्रा
गरोठ मध्यप्रदेस ।
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नमन भावों के मोती । सभी प्रबुद्ध गुणी जन को सादर नमन वंदन।
"परिणाम" शीर्षकांतर्गत दोहा रचना का प्रयास --

(1)
मन  के  अंधे  कूप  में ,  करे   विचार    निदान।
तब  ही तो  मिले सबको,  सुखों  भरा  परिणाम।।
(2)
कर्म   पैमाने   पर   ही,   जीवन   का   निर्माण।
आलस और जप-तप से, मिले न सुख परिणाम।।
(3)
कर्मयोगी  ही  जग में ,  देता   भल    परिणाम।
देश   पर  मिटता  उनको, मिले उचित सम्मान।।
(4)
परिणाम  सोचना  नहीं  , करना  अच्छा  काम।
कर्म  बल  पर ही जग में,  होगा  अंकित  नाम।।

-- रेणु रंजन
( स्वरचित )
10/05/2019
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नमन
भावों के मोती
१०/५/२०१९
विषय-परिणाम

परिणाम की चिंता कर-करके,
जो कदम न आगे बढ़ा पाए।
वो इंसान क्या कर पाएगा,
जो पहले से ही डर जाए।

है कर्म नियति इंसानों की,
परिणाम कर्म का मिलता है।
जो जैसे कर्म करता है,
वो वैसे परिणाम भुगतता है।

सुख-दुख के चक्रव्यूह की रचना,
इंसान स्वयं ही करता है।
इस कर्मप्रधान जीवन में,
परिणाम कर्म का मिलता है।

सोच-समझकर कर कर्म करो,
भाग्य का खुद निर्माण करो।
अच्छी राह चुनी है अगर,
फिर डर क्यों तुमको लगता है।

अभिलाषा चौहान
स्वरचित मौलिक

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मंच को नमन
दिनांक-10/5/2019
विषय-परिणाम

ज़िंदगी एक परीक्षा स्थल
नये नये परीक्षण
नई नई प्रतियोगिता
स्पर्धा का कठिन दौर
आगे बढ़ने की होड़
लिखते परीक्षा
आते परिणाम
कोई पास
मंज़िल की आस
कोई फ़ेल
फिर रेलमपेल
कर्मठ लेखनी
मेहनत को लिखती
भाग्यवादी निठल्ला
दिवस स्वप्न देखता
परिणाम शून्य अंक पाता
जैसी करनी वैसी भरनी
कहावत बतलाती
परिणाम का देख प्रमाण
यह दुनिया करती प्रणाम
मनुज के वंशज  सुनो !
प्रभु भक्ति में लगा लो ध्यान
मोक्ष प्राप्ति होगा  इसका परिणाम
नश्वर जीवन का वही अंतिम परिणाम
करना होगा सहर्ष स्वीकार
बंधनों के छुटकारे का प्रमाण !

✍🏻 संतोष कुमारी ‘ संप्रीति ‘
स्वरचित

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मंच को नमन
दिनांक -10/5/2019
विषय- परिणाम
जिंदगी परीक्षा ,मानव की सतत इच्छा।
नित नए स्तरों का परिणाम,
 गढ़ते  जाते नए आयाम ।
प्रशंशा मिलती अविराम,
आशाओं के बढ़ते जाते पायदान ।
कुंठा निराशा बढ़ती जाती अविराम ,
सफ़लता असफलता की कशमकश में फ़सता परिणाम।
स्वरचित
मोहिनी पांडेय
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