लहर-लहर फहराता तिरंगा
गीत देशप्रेम के गाता है
मातृभूमि के दीवानों की
शहादत याद दिलाता है
मात्र वस्त्र नहीं तिरंगा
चक्र गतिमान रहो बताता है
वीरता, शांति, समृद्धि का
पाठ हमें पढ़ाता है
देश की आन-बान तिरंगा
भारत की गौरव गाथा है
आत्मसम्मान हर नागरिक का
मन स्वाभिमान जगाता है
एकता का मंत्र है तिरंगा
हर भारतीय को प्यारा है
जातियों से उठ राष्ट्रीयता का
बोध ये कराता है
जब भी देखूँ मैं तिरंगा
कर्तव्य याद दिलाता है
लहू बन के मेरी रगो में
देश प्रेम दौड़ाता है।
ऋतुराज दवे
ऊँच-नीच जात-पात आडम्बर जब होता है
तिरंगा खूब रोता है
संविधान के स्वाभिमान पर आघात जब होता है
तिरंगा खूब रोता है
विषमता का तांडव दासत्व का उदगार
मानवता का चीरहरण जब होता है
तिरंगा खूब रोता है
निर्दयता से किसी अबला को कुचला जब जाता है
निर्भय होकर करूणा को रौंदा जब जाता है
तिरंगा खूब रोता है
लाचार असहाय गरीबों को बेबस किया जब जाता है
बेवजह निरीहों को आँसू दिया जब जाता है
तिरंगा खूब रोता है
@शाको
स्वरचित
Hari Shankar Chaurasia
हम सब की है शान तिरंगा ।
देश की है पहचान तिरंगा ।
शहीदों की है जान तिरंगा ।
मातृभूमि का मान तिरंगा ।
चलो मिलकर शीष झुकायें ।
हम सब अपना फर्ज निभायें ।
शहीदों का कर्ज चुकायें ।
मातृभूमि का मान बढ़ायें ।
शान इसकी रहे निराली ।
इस पर घटा न छाये काली ।
इससे ही है रोज दिवाली ।
''शिवम्"करना इसकी रखवाली ।
हरि शंकर चाैरसिया''शिवम्
आन,बान, शान।
हमारे देश की है पहचान।
इसी तिरंगे की खातिर।
कितने वीरों ने बलिदान दिये।
कितने झूले फाँसी केफंदेसे
कितने जंजीरों में जीवन भर बंधे रहे।
फिर भी किया ना उफ्फ तक कभी।
नारे भारत माता के लगाके झूल गये।
देश सलामी देगा उनको।
जो अंत समय तक युद्ध किये।
इसी तिरंगे में लिपटाकर।
वीर सपूतों के शव को ले जाते हैं।
अंत समय भी यही झंडा देता है साथ उनका।
फिर ये बलिदानी वीर।
अमर हो जाते हैं।
मेरा झंडा है महान।
ये है शाने हिंदुस्तान।
इसको कभी भी हम।
नहीं झुकने देंगे।
कभी कोई दाग भी नहीं।
हम लगने देंगे।
क्योंकि ये है हमारे
देश की पहचान।
ये तिरंगा है महान।।
तिरंगा है हमारे देश की आन,बान, शान
हमारे देश की है पहचान।।
स्वरचित
वीणा झाबोकारो स्टील सिटी"
के वासी
नही हमको
फ़िक्र जरा सी
माना रूप
विविध हमारे
अनेक होकर भी
हम एक हो जाते
भारतीय होना है
पहचान हमारी
भिन्न जाति भाषा
समुदाय हमारे
बटे हम अनेक
सामाजिक राजनैतिक
समुदाय में
मौसम बदले चाहे कितने
पर हम हमेशा
भाईचारा निभाते
है आर्थिक स्थिति
अलग हमारी
नही अलग मन से हम
बस ये ही ,सन्देश हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
सन्देश ये ही हम,
सबको देना चाहते
होकर अनेक,हम एकता का
सन्देश पहुचाते ।
जय हिन्द ।
छवि ।
" तिरंगा "
*******
हमारी शान हमारी जान हमारा मान है तिरंगा
प्राणों से भी अधिक हमें प्यारा है यह अपना ध्वज तिरंगा
मज़ाल है कि कोई कभी इसकी तरफ कुदृष्टि उठाये
हम उसकी दोनों आँखो को फ़िर नोंच कर न दिखायें
इस तिरंगे की ही ख़ातिर धड़कते हैं असंख्य दिल
इस तिरंगे के मान सम्मान से जुड़े है हम सबके दिल
इसका अपमान करने से पहिले बार बार सोंचना मूर्खो
अपने पैरों पर खड़े रहने न रह पाओगे तुम मूर्खों
तुमको शीघ्र अति शीघ्र इसी मिट्टी के हवाले कर देंगे
जिंदगी जीने के तुम्हारे अरमानों को भी हम तरसा देंगे
भूल कर भी अतः कभी तिरंगे का अपमान न करना
वरना फिर कठोर अंजाम भोगने को भी तैयार तुम रहना
(स्वरचित)
अखिलेश चंद्र श्रीवास्तव
तीन रंग का प्यारा झंडा,
ऊँचा सदा रहेगा,
इस झंडे में तीन रंग है,
सबसे ऊपर केसरिया है,
जो प्रतीक है त्याग और बलिदान का,
दूसरा रंग सफेद है,
जो शांति और अमन फैलाये,
हरा रंग है तीसरा,
जो हरियाली संग खुशियाँ लाये,
चौथा रंग भी बहुत महत्वपूर्ण,
जो बीच में नीला चक्र बनाये,
चौबीस तिलियों का ये घेरा,
सम्राट अशोक के चौबीस नियमों,
का अनुसरण कराये,
जो जीवन के सफर में,
सुख-दु:ख में समाये!
🇮🇳जय हिंद 🇮🇳जय भारत 🇮🇳
स्वरचित "संगीता कुकरेती"
देश की शान दिखाता है,
मध्य में इसके नीला चक्र,
आसमान छू जाता है l
भगवा रंग वीरता बताता
श्वेत है प्रतीक शांति का,
हरा रंग हरियाली लाये,
नीलचक्र बीच मे समय चक्र
को बतलाये l
लहर लहर लहराये तिरंगा,
इसकी शान मे ना आये अड़ंगा,
इसको हाथ जो लगाए काफिर,
देंगे उसको फांसी काफंदा l
सुनलो सब अब नर और नारी,
खालो कसम आज ये न्यारी,
भ्र्ष्टचार न होने देंगे,
चाहे जान जाये हमारी l
कुसुम पंत स्वरचित
जय हिंद जय भारत
तिरंगे ने पुकारा है:-
ना रोको मुझे
फर्ज बुला रहा हैं,
मातृ भूमि का
कर्ज बुला रहा हैं,
आज दुश्मन ने
तिरंगे को ललकारा हैं,
तिरंगा हमारा
जान से प्यारा हैं ,
हमारी आन
हमारी शान
पहचान हमारा हैं,
वादा हैं पुराना वतन से
निभाना,फर्ज हमारा हैं,
नारी हो शक्ति स्वरूपा हो
तुम्हीं से बल हमारा हैं,
आज देश की नारी ने भी
सरहद पर मोर्चा संभाला है,
विदा करो मुस्कुरा कर मुझे
तिरंगे ने पुकारा हैं,
वादा रहा मैं
लोट कर आऊँगा,
तुम्हारे प्यार का फर्ज निभाऊंगा,
और अगर ना आ पाऊँ
छू लेना इस धरती माँ को
इर रज में ही अक्स हमारा है..
- मनोज नन्दवाना
सारी दुनिया से न्यारा
है शान तिरंगा प्यारा
केसरिया रंग दिवाकर
है साहस हमें सिखाएं
ये श्वेत रंग मन भाए
शांति का पाठ पढ़ाए
ये रंग हरा हरियाली
मन में विश्वास बढाए
ये नीला चक्र निराला
जीवन का चक्र बताएं
चमकें ज्यूं नभ में तारा
हैं शान तिरंगा प्यारा
सारी दुनिया से न्यारा
हैं शान तिरंगा प्यारा।।
जय हिन्द वन्देमातरम
स्वरचित
बिजेंद्र सिंह चौहान
चंडीगढ़
दुनिया का सबसे खूबसूरत शीर्षक
दिन निकलते ही मिल गया
कलम उठाने से पहले ही
मेरा दिल खिल गया
फिर विचार मन मे आया तिरंगा युही नही पाया
इसके लिए लांखो शेरो ने अपना लहू बहाया
जिन अंग्रेजो ने भारत माँ के वीरो को मौत की नींद सुलाया है
आज उन्ही की goodmrng से बेटे को माँ ने जगाया है
जितेजी पिताजी बदल फादर पापा से डैडी डैडी से फिर डैड कर डाला है
माता जी माँ अम्मा बदल कर मम्मा मॉम और दीदी
का दी भी निकाला
भाई बहन का रिश्ता brother sister से आकर
Bro sis पर ही लटक गया
मामा माममी चाचा चाची बुआ फूफा ताऊ ताई का रिश्ता अंकल आंटी पर ही भटक गया
Goodmrng gdevng के चक्कर मे हम राम राम भी भूल गए
बाकी सुप्रभात शुभ साँझ शुभसंध्या भी फांसी पर ही झूल गए
बचपन मे प्राइमरी में अ-अनार पढ़ने वालो को
अंग्रेजी ने दास किया है
हिंदी भाषा का अंग्रेजो ने नही हम सबने ही मिलकर नाश किया है
हिंदी पर लिखने वालों के बच्चे को केवल अंग्रेजी बोलते पाओगे
फिर भला अंग्रेजी को कैसे अपना आधार बताओगे
आजादी के दीवाने इस तिरंगे की खातिर फांसी पर भी झूल गए
इस अंग्रेजी के चक्कर मे हम जुल्मी अंग्रेजो को भी भूल गए
अंग्रेजो के शासन में अंग्रेजो ने हिंदी बोलकर ही काम चलाया है
आज कल के स्कूलों ने तो हिंदी बोलने पर भी मनचाहा जुर्माना लगाया है।।
आप सब विचार करो की हिन्दी को रौशन करना ही होगा
हर हिंदी इंग्लिश विद्यालयों में हिंदी भी मुख्य विषय धरना होगा
""जय हिंद जय हिंदी जय अखण्ड भारत""
स्वरचित--विपिन प्रधान""
शान है तू
ऐ मेरे प्यारे तिरंगे
मेरे देश की पहचान है तू
केसरिया बाना पहन
रोम - रोम में आए आत्मविश्वास
हरा रंग देख
वसुंधरा गुनगुनाए नव गान
नीला रंग देता संदेश
हर कडियों को जोड़
एक जुट होकर साथ निभाना
श्वेत रंग प्रतीक है
रहे अमन फुलकित हमारा देश
तू ही मेरी आन है शान तुझी से
अब कोई खतरा तुझ पर मंडराए नही
कुर्बान है मेरी जान यू ही गुलजार रहे तू
लहराए यूँ तिरंगा कसम मैं आज लूं
जाऊं जहाँ बस मेरी पहचान बने तू
मौत जब आए करीब मुझ पर सवार रहे तू
ऐ मेरे वतन है दुआ हमेशा यूँही आबाद रहे तू
......निशा मिश्रा मुंबई
खड़े भारत के लाल है
नही झुका न झुकने देंगे
इसमें भरा अभिमान है।
देख तिरंगा मन हर्षाया
ऐसा मेरा स्वाभिमान है।
मन न्योछावर,तन न्योछावर
तुझपे मेरी जान है।
तू अभिमान,तू स्वाभिमान
तुंग विराजे तू वो शान है।
शहीदों के तन वे सजे
गौरवगाथा की तू पहचान है।
माँ भारती है बलिहारी
भारत की तू शान है।
गर्वित खड़ा हिमालय पे तू
अद्भुत तेरी पहचान है।
वीणा शर्मा
*** राष्ट्रीय झंडा तिरंगा***
*****गीत*******
बहुत प्यार करते हैं तिरंगे को हम।
कसम चाहे लेलो भारत कसम।
बड़ा खूबसूरत है तिरंगा हमारा।
मुझे जान से भी ज्यादा है प्यारा।
है ये हमारा-2, शान ए वतन।
बहुत प्यार------(1)
रंग केसरिया त्याग सिखाता।
हरा रंग खुशहाली लाता।
रंग सफेद है-2, शान्ति अमन।
बहुत प्यार---------2)
नीला चक्र प्रगति बताता।
भारत मां का शान बढ़ाता।
इसको हमारा है-2,शतशत नमन।
बहुत प्यार-------(3)
तिरंगे को हरदम उठा के रखेंगे।
रक्षा को इसकी हम जान देंगे।
बढ़ते रहेंगे-2,कदम दर कदम।
बहुत प्यार-------(4)
तुझे दिल दिया है जां भी हम देंगे।
तेरी शान को कम होने न देंगे।
मरूं तो बने ये-2, हमारा कफन।
बहुत प्यार-----(5)
स्वरचित
शिवेन्द्र सिंह चौहान(सरल)
ग्वालियर म.प्र.
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा
सब धर्मों से बड़ा है अपना देश
देश पर बलि-बलि जाएंगे हम।
जान भले जाए पर झुकने न देंगे तिरंगा।
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा।
हम शिक्षक हैं राष्ट्रनिर्माता, शिक्षा जोत जलाएंगे हम-2
जब भी पुकारे भारत माता, दौड़े चले आएंगे हम-2
जान भले जाए पर झुकने न देंगे तिरंगा।
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा।
रहे न कोई मूरख अज्ञानी ऐसी युक्ति भिराएंगे हम।-2
रहेगा न कोई यहां गुलाम जश्न-ए-आजादी मनाएंगे हम।-2
जान भले जाए पर झुकने न देंगे तिरंगा।
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा।
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा
सब धर्मों से बड़ा है अपना देश
देश पर बलि-बलि जाएंगे हम।
जान भले जाए पर झुकने न देंगे तिरंगा।
मेरी जान, मेरी शान, मेरी आन है तिरंगा।-2
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