Wednesday, February 26

"समर्थन"26फ़रवरी 2020

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ब्लॉग संख्या :-668
विषय समर्थन
विधा काव्य

26 फरवरी 2020,बुधवार

विश्व शांति हो जगति में
अहिंसा परमोधर्म हमारा।
करें समर्थन नेक कार्य का
सत्य मार्ग हो धर्म हमारा।

धर्म कट्टरता श्रेष्ठ नहीं है
मानवता को यही तोड़ती।
एक पिता की हम सन्ताने
स्नेह भाव हृदय जोड़ती।

जनतंत्र के सभी उपासक
लोक कल्याण हो देश में।
चेहरे ऊपर झूँठ मुखौटा
घूम रहे हैं नकली वेश में।

क्यों समर्थन देते इनको
स्व स्वार्थ में सदा लीन हैं।
निर्धनता को वे क्या जाने
कौन समर्थ कौन दीन है?

भ्रातृ भाव का करो समर्थन
करें समर्थन नेक कार्य के।
माँ भारती का सिर ऊँचा हो
हम वंशज हैं सब आर्य के।

स्वरचित, मौलिक
गोविन्द प्रसाद गौतम
कोटा,राजस्थान
शीर्षक- समर्थन
प्रथम प्रस्तुति


स्वारथ का समर्थन आज
नही किसी को लोक लाज!!
बिकते दिखें बड़े बड़े
छोटों के क्या कहें मिज़ाज!!

देश दुनिया की बात अलग
पल में इंसा होय विलग!!
ऐसा आज ज़माना आया
सत्य पड़ा है अलग-थलग!!

सत्य के जो समर्थक हैं
दिखते आज निरर्थक हैं!!
सभा में कदर भले थोड़ी
क्यों की वो आकर्षक हैं!!

चुनाव खतम भूमिका खतम
दूर दिखते वो भरते दम!!
नेता जी को वक्त कहाँ अब
समर्थकों के जो पूछें गम!!

यही 'शिवम' आज का किस्सा
बड़ा समर्थक बड़ा हिस्सा!!
छोटों कि न पूछ कहाय
छोटा हरदम खाय दच्चा!!

हरि शंकर चौरसिया 'शिवम'
स्वरचित 26/02/2020

विषय - समर्थन
द्वितीय प्रस्तुति


सत्य का समर्थन कौन करे अब
परहित पीड़ा कौन हरे अब !!
कलम अकेली रोवे पीड़ा
बाकी तबका दूर बचे अब !!

जिसकी लाठी बड़ी दिखी
जनता उस संग खड़ी दिखी!!
कुछ पैसों में बिक जाय है
मुसीबत की ये घड़ी दिखी!!

सत्य सिसकता आज दिखे
असत्य का अब राज दिखे!!
समझ खोयी इंसा ने सब
सच कितना मोहताज दिखे !!

बोलबाला है झूठ का
बोलबाला है लूट का!!
योजना की फाइलें 'शिवम'
लगवे पुलिन्दा घूस का!!

हरि शंकर चौरसिया 'शिवम'
स्वरचित 26/02/2020
आज का विषय-समर्थन
विधा-लघुकथा
26/02/2020बुधवार
✍️✍️✍️✍️✍️✍️
तुम किसके समर्थन में हो?
मैं तो सत्य के समर्थन में ही हूँ।
लेकिन,सत्य है क्या?यह तो तुमको ही कहना होगा न।
हाँ,सचमुच !यदि मेरे ही श्रीमुख से सत्य का उदघाटन तय होना नियत है तब तो मैं किसी एक के पक्ष में बोलकर,दूसरे को सिरे से खारिज नहीं कर सकता,क्योंकि सत्य तो दोनों ही है और सहअस्तित्व ही अंतिम सत्य है।अस्तु मैं दोनों के पक्ष में हूँ।उसने यह कह कर माहौल में सन्नाटा घोल दिया।
🍁🥀🍁🥀🍁🥀
श्रीराम साहू"अकेला"
विषय : समर्थन
विधा : हाईकू

तिथि : 26. 2.2020

दे समर्थन
शुभ शुभ कर्मम
शिव अर्थम।

समर्थन पा
आतंकवाद मिटा
मित्रता जगा।

क्यों समर्थन!
स्वतंत्रता हनन?
हो विसर्जन।

न समर्थन
शांतिभंग कर्मम
नेह अर्पण।
-रीता ग्रोवर
-स्वरचित
दिनांक - 26/02/2020
विषय - समर्थन


होगा मिलन फिर हमारा
धीरज धरो प्रिय, रखो विश्वास
है समर्थन इन वादियों का भी
लौट आएगा जल्द ही मधुमास।

उतरेगा फिर धरा पर
बन अमृत ओस
होगा तृप्त चातक- चकोर
बहेगी फिर शीत बयार
पूर्ण होगा प्रिय मिलन का आस।

स्वरचित : - मुन्नी कामत।
विषय, समर्थन
दिनांक , २६,२,२०२०.

वार, बुधवार .

समर्थन कौन करेगा हिंसा का, पर देश में फिर भी हिंसा होती है ।
कुछ आसुरी प्रवृतियों की हलचल, जब जब दुनियाँ में होती है।
जब - जब सत्ता की ललक हुई हावी, अट्टहास झूठ ने बहुत किया।
समर्थन सत्य का लेकर के, अक्सर जन मन को आहत ही किया।
समर्थन करने वाले ही पिसते हैं, लीडर ने तो बस ऐश किया।
भावनाओं से तभी खिलवाड़ हुआ , जब हमनें दिमाग से न काम लिया ।
हम समर्थन एकता और शांति का, मजबूत इरादे और दृढ़ता से करें।
पहचानें हम सब गद्दारों को , समर्थन तीसरी आँख के ज्ञान का करें ।

स्वरचित , मधु शुक्ला .
सतना , मध्यप्रदेश

विषय -समर्थन
26 फरवरी 2020 बुधवार


मिला समर्थन आज उन्हें ,जो है सत्ता के गलियारों में।

सही गलत में फर्क न करते, सेंध करें
दीवारों में।

अपने खुद के स्वार्थ की खातिर, कपट करे
भाईचारे में।

जाति -धर्म में बांट दिए हैं ,राज करे
जनमानस में।

कांप रही है आज इंसानियत ,सत्ता के
प्रचीरो में।

रोज रचे यहां नई सियासत, सत्ता के
गलियारों में।

हाथ उठाकर करो समर्थन ,भारत मां की
सेवा में ।

सत्य- अहिंसा मूक बन गई, सियासत के
बाजारों में ।

स्वरचित ,मौलिक रचना

रंजना सिंह प्रयागराज.

भावों के मोती।
विषय-समर्थन।

समर्थन है उन्हें मेरा
जो लगे हैं देश हित में पुरजोर
डटे हैं कर्मपथ पर
बिना रोक टोक।।

समर्थन है उन्हें मेरा
डटे हैं सीमाओं पर जो
बिना मौसम को देखे
झेलते हैं मार ठंडी-गर्मी की।।

समर्थन है उन्हें मेरा
जो हैं ओतप्रोत
देशभक्ति के विचारों से
फैलाते प्रेरणा जग में
अपने वीरभावों से।।

समर्थन है उन्हें मेरा
जो ना करते रीस
भिखमंगो की,जिन्हें है फक्र
अपने श्रम की बूंदों पर।।
***
प्रीति शर्मा "पूर्णिमा"
26/02/2020
26 फरवरी 2020
दिन - बुधवार

विषय- समर्थन
विधा - काव्य

हम करते हैं समर्थन...
प्रकृतिक प्रेम त्रृतुओं का!!
जो आते जाते हमें लोक...
संस्कृति की गीत सुनाते है...
इतिहास के परम्पराओं को
दुहराते है !!

हम करते हैं समर्थन ...
असंख्य भावों और संवेदनाओं का...
भारतीय संस्कृति
पौराणिक कथाओं का !!

हम करते हैं समर्थन
भेदरहित भाव जीवन के
महत्वपूर्ण विविधताओं का
सुख दुःख उल्लास का!!

हम करते हैं समर्थन
जंगल नदी पहाड़ का
हरसिंगार पलास अनेकों
फूलों में टेसू के संग चाँद
सूरज के उल्लास का!!

स्वरचित मौलिक रचना
सर्वाधिकार सुरक्षित
रत्ना वर्मा
धनबाद -झारखंड

दिनांक : 26.02.2020
आज का शीर्षक : समर्थन
विधा : स्वतंत्र

गीत

" सभी शर्मसार हैं " !!

भावना में बह गए जो
हठ पे बेशुमार हैं !
मूलमंत्र दे गए जो ,
वे तो फकत चार हैं !!

भूख है ना प्यास है ,
घेरे हैं संदेह के !
अपने ही ख़य्याल में ,
टूटे नाते नेह के !
जानते हैं सच है क्या ,
झूँठ से ही प्यार है !!

हमने जो कहा , सुनो ,
नीतियाँ करो ना तय !
स्वार्थ पर अडिग , अचल ,
भागता है आज भय !
मिला समर्थन चुप का ,
ढेरों सूत्रधार हैं !!

आग है , धुँआ कहीं है ,
जन जन में रोष है !
मन में विद्वेष पला ,
उसका यह दोष है !
झंडे तो छूट गये ,
डंडों के प्रहार हैं !!

धू धू कर जल रहा है ,
देश ज़रा ध्यान दें !
भूल चलें शिकवे गिले ,
धरणी को मान दें !
ऊंचा करें सिर सबका ,
सभी शर्मसार हैं !!

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

तिथि 26/2/2020/बुधवार
विषय-*समर्थन*

काव्य

तुम्हें समर्थन नेह निमंत्रण,
चलें आओ प्रियवर मेरे।
अंकपाश में बांध तुम्हें लूं,
अभी चलें आओ घर मेरे।

याद सभी हम ताजा कर लें।
भूली बिसरी यादें धर लें।
मिले समर्थन हमें प्यार का,
सुख सौहार्द की बातें कर लें।

वैर भाव को दूर करें हम,
प्रेम रोग चहुंओर फैलाऐं।
सत सनातन अपनी संस्कृति,
कर प्रेम समर्थन करवाऐं।

तड़प करें पैदा मिलने की।
नहीं आए अब बू जलने की।
हम जान समर्थन दे सकते,
अगर शक्ति दिल से मिलने की।

स्वरचित,
इंजी शंम्भू सिंह रघुवंशी अजेय गुना म प्र
विषय- समर्थन
दिनांक २६-२-२०२०



समर्थन इंतजार रहा,तो मनु बैठा रह जाएगा।
नेक राह जो चला,समर्थन स्वत:मिल जाएगा।

चारों और बेईमानी, सच समर्थन कैसे पाएगा।
पर हौसला बुलंद रख,तू निश्चय जीत जाएगा।

करता रह जन भला,लोगों के हृदय छा जाएगा।
प्रभु घर देर अंधेर नहीं,सार्थक तू ही कर पाएगा।

झूठ फरेब रखने वाला,तो दर किनार हो जाएगा।
सच साथ सब देंगे,हकीकत कोई ना बिसरागा।

देशहित कुछ कर,इतिहास अमर हो जाएगा।
शेर की खाल में भेड़िया,बेनकाब हो जाएगा।

वीणा वैष्णव
कांकरोली
दिनांक :26/02/2020
विषय : समर्थन
विधा : हाइकु(5/7/5)

(1)
भ्रामक पर्दा
झूठ का समर्थन
सच ना दिखा
(2)
सिद्वान्त बलि
समर्थन देकर
कुर्सियां मिली
(3)
समझे भाव
जन का समर्थन
दिलाये ताज़
(4)
टूटती प्रीति
समर्थन माँगती
धर्म की नीति
(5)
दल बदला
समर्थन का घी ले
हित को सेका

स्वरचित
ऋतुराज दवे
दिनांक 26-02-2020
विषय-समर्थन


समर्थन सत्य का हो
असत्य का नहीं
समर्थन मंगल का हो
अमंगल का नहीं
समर्थन शान्ति का हो
अशान्ति का नहीं
समर्थन प्रेम का हो
द्वेष का नही
समर्थन सज्जन का हो
दुर्जन का नहीं
समर्थन अहिंसा का हो
हिंसा का नहीं
समर्थन निर्माण का हो
विध्वंस का नहीं
समर्थन न्याय का हो
अन्याय का नहीं
समर्थन समर्थन का हो
विद्रोह का नहीं..

डाॅ. राजेन्द्र सिंह राही
समर्थन

करो
समर्थन
हमेशा
सही बात का
होते सफल
वही
जो रहते
अटल अपने
निर्णय पर

होते
घर परिवार
समाज देश
में मतभेद
अनेक
करो सही
बात का ही
समर्थन

चुनावों में होते
उम्मीदवार अनेक
करों समर्थन
सही विचारधारा
सही व्यक्ति का

रहे देश में
सुख शांति
समृद्धि
है ये तभी
संभव
जब करे
समर्थन
हर नागरिक
सरकार और
सही नीतियों का

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
दिनांक २६/२/२०२०
शीर्षक-"समर्थन"


करे मूल्यांकन सभी पक्षों का
फिर दे हम अपना समर्थन
होगा क्या अंजाम इसका
सोचे समझे फिर दे समर्थन।

अन्त:करण जब हामी भरे
तभी करें कोई समर्थन
मौन समर्थन भी उचित नही
मौके पे बात रखे जरूर।

समर्थन नही है समझौता
नैतिकता भी है जरूरी।
पथरिला भले हो जीवन रास्ता
भयाकुल हो न दे समर्थन।

लक्ष्य भ्रष्ट न हो जीवन में कभी
भारत रत्न बनकर रहे
देश हित में ही दे समर्थन।
यही है उचित समर्थन।
स्वरचित आरती श्रीवास्तव।
 114. समर्थन
किसी बात का समर्थन करना बहुत मायने रखता है।
समर्थन से आपके सोच को समझने में आसानी होती है।

आपकी सोच कैसी है? नकारात्मक है कि सकारात्मक।
आपकी संगति कैसी है, अच्छे लोगो की या बूरे लोगों की।
आपमें ऊर्जा कितनी है? आपमें धैर्य कितना है?
आपमें साहस, शौर्य, क्षमता , वीरता कितनी है?
यह आपके समर्थन पर निर्भर करता है कि आप किनके साथ है।
आपकी कार्य शैली कैसी है? आप किसी तथ्य को कितना समझते हैं।

स्वरचित कविता प्रकाशनार्थ डॉ कन्हैयालाल गुप्त" किशन"
उत्क्रमित उच्च विद्यालय ताली सिवान बिहार 841239

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